विश्व के पटल पर अगर किसी देश पर भरोसा किया जाता है ,और विकसित देश भी उसी देश से कंधे से कंधा मिलाकर तन मन और सबसे जरूरी धन को निवेश, उसी देश में करना चाहेंगे जिस देश में स्थाई सरकार हो या यूं कहें कि देश की सरकार के पास संसद में पूर्ण बहुमत […]
पैसा कमाने की होड़ में जनता के स्वास्थ्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ हो रहा है, उज्जैन शहर में अमूमन नमकीन की दुकानों पर अच्छा नमकीन ₹180 किलो के आसपास मिल रहा है वहीं उच्च क्वालिटी के नमकीन होने का आधार बनाकर जनता से ₹280 किलो तक भी वसूले जा रहे हैं जनता की जेब पर […]
2019 के लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है, सभी राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर पर रणनीति एवं गठबंधन बना रहे हैं और इसी कड़ी में तैयार हो रहा है, महागठबंधन ,जिसको हम तीसरा मोर्चा भी कह सकते हैं क्योंकि हालिया विपक्ष कांग्रेस पार्टी अभी इसमें शामिल नहीं है। अब हम यह समझते हैं कि कांग्रेस […]
काश मैं भी एक राजघराने से होता ,तो शायद मुझे भी सालों तक कुर्सियां नहीं उठानी पड़ती, मैं भी सीधे प्रधानमंत्री ,अध्यक्ष , महासचिव बनने के सपने देख पाता लेकिन अफसोस ,मैं भारत का एक गरीब ,एक किसान, एक आम कार्यकर्ता, एक आम नागरिक हूं ,मैं तो महारानी के पीछे चलता हुआ वह नौजवान हूं, […]
अगर हम लोकतंत्र के रास्ते देश के उज्जवल भविष्य की कल्पना करते हैं ,और हम यह चाहते हैं कि देश विकास के पथ पर आगे बढ़े ,तो उसके लिए लोकतंत्र को भी अपने अंदर झांकने की आवश्यकता है, इसमें बदलाव की आवश्यकता आज इसलिए भी महसूस हो रही है क्योंकि हम 21वीं सदी के आधुनिक […]
2019 की शुरुआत एक सबक लेकर आई है,जिसने 2018 में बनी मध्य प्रदेश सरकार को 2019 में कांग्रेस को अंगूर खट्टे कहने पर मजबूर कर दिया ,कमलनाथ सरकार मायावती की बैसाखी पर खड़ी जरूर हो गई लेकिन अब मायावती का मायाजाल रंग दिखाने लगा है और यह रंग विक्रम और बेताल जैसा प्रतीत हो रहा […]
अब तक राजनैतिक पार्टियां चुनाव के वक्त फ्री की रेवड़ी बांट कर चुनाव जीतने का फॉर्मूला आजमाती आई है और जनता भी फ्री वाले के साथ आसानी से अग्रसर हो जाती है। लेकिन अब मोदी सरकार ने बिजली के क्षेत्र में अप्रैल 2019 से प्रीपेड मीटर हर घर में लगाना शुरू करने वाली है, और […]
90 परसेंट लाने का दबाव, माता पिता की उम्मीदों पर खरा उतरने का दबाव, अपने मित्रों सहपाठियों से ज्यादा नंबर लाने का दबाव और फिर आरक्षण से हारने की टीस, यह सब ना पाने पर जिंदगी को अलविदा कहने का आखरी फैसला, हमारी युवा पीढ़ी को हम ये क्या करने पर मजबूर कर रहे हैं? […]
19 जनवरी 1990 का दिन वह दिन था जो एक हिंदू कभी भूल नहीं सकता, जिसे हम हिंदू असहिष्णुता की पराकाष्ठा कहें तो शायद गलत ना होगा लेकिन यह विडंबना है कि इस असहिष्णुता को आज तक भारत के न किसी हिंदू समाज ने ना किसी राजनीतिक संगठन ने और ना किसी सरकार ने महसूस […]
पांच राज्यों में चुनाव के नतीजों ने तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार को चुना, राजनीतिक विश्लेषक इसके पीछे प्रमुख कारण किसान की कर्ज माफी के मुद्दे को मानते हैं, कांग्रेस के घोषणापत्र में भी किसानों के दो लाख तक के क़र्ज़ माफ़ी का उल्लेख है एवं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा चुनावी सभाओं में […]
