कोरोना काल में जीवन संजीवनी साबित हो रही है, आयुर्वेदिक औषधी…

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वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पूरे विश्व के लोगों के जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है एवं विश्व की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से तहस-नहस हो चुकी है, वहीं इस वायरस से लोगों को बचाने के लिए कोई कारगर दवाई या वैक्सीन भी अब तक सामने नहीं आई है, ऐसे में कोरोना वायरस ने पूरे विश्व में लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है एवं लोगों की मृत्यु दर भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, इन सब परिस्थितियों के बीच भारत की ऐतिहासिक धरोहर “आयुर्वेद ” के बहुत अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं आयुर्वेदिक औषधियों के सेवन से न सिर्फ लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ रही है बल्कि वे स्वस्थ भी हो रहे हैं।

केरल एवं गुजरात में लॉक डाउन के अंतराल में आयुर्वेदिक काढ़े के अच्छे परिणाम आने के चलते आयुष मंत्रालय ने अब इस आयुर्वेदिक काढ़े को पूरे देश में कोरोना संक्रमित मरीज को देना शुरू कर दिया है, मध्य प्रदेश के उज्जैन आयुष विभाग की प्रमुख डॉक्टर मनीषा पाठक ने बताया कि आयुर्वेदिक त्रिकटु काढ़ा (सौंठ, पीपली, काली मिर्च) का निशुल्क वितरण बड़े पैमाने पर किया जा रहा है ,इसकी सेवन विधि -1 लीटर पानी में एक चम्मच त्रिकटु काढा डालकर आधा होने तक उबालें एवं प्रति व्यक्ति 100ml प्रतिदिन सुबह खाली पेट सेवन करें, 1 सप्ताह तक इसे ले सकते हैं ,इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है एवं साधारण सर्दी, जुखाम ,बुखार में आराम मिलता है ,इसके अलावा संशमनी वटी का भी वितरण किया जा रहा है ,जिसके लोगों के स्वास्थ्य पर अच्छे परिणाम दिख रहे हैं, वहीं आयुष विभाग होम्योपैथिक औषधि आर्सेनिक एल्बम 30, जिसका  कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए उपयोग किया जा रहा है एवं बहुत अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।

धनवंतरी आयुर्वेदिक हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉक्टर ओ पी शर्मा ने नेशनल लाइव को बताया कि कोरोना संक्रमण के पॉजिटिव मरीजों को आयुर्वेदिक आरोग्य  कशायम काढ़ा (सौंठ, काली मिर्च ,यष्टिमधु, गिडूची, भूमि आमल्कि, पीपली ,हरितकी )के मिश्रण से तैयार काढ़े को हल्दी एवं गुड़ के साथ सेवन कराया जा रहा है एवं इसके बहुत अच्छे परिणाम आ रहे हैं ,कई मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है एवं वे स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं, सभी क्वॉरेंटाइन सेंटरों पर इसका वितरण किया जा रहा है, वहीं साधारण व्यक्ति त्रिकटु चूर्ण  काढ़ा का सेवन कर सकता है ,जिससे उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर कोरोना संक्रमण से बचाव किया जा सकता है।

 आयुर्वेदिक कॉलेज अधीक्षक डॉक्टर जे पी चौरसिया ने नेशनल लाइव को बताया कि शासन ,प्रशासन के निर्देशानुसार त्रिकटु काढ़े का निशुल्क वितरण कंटेंटमेंट क्षेत्र में किया जा रहा है ,यह लगभग 1लाख से अधिक लोगों में  इसका वितरण किया जा चुका है एवं आरोग्य कशायम काढ़ा लगभग 750 कोरोना संक्रमित मरीजों को अब तक दिया जा चुका है और इसके बहुत अच्छे परिणाम सामने आए हैं, इसके अलावा होम्योपैथिक आर्सेनिक एल्बम 30 गोलियों का वितरण भी  लगभग 3 लाख लोगों को किया जा चुका है ,उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में  आंगनवाड़ी कार्यकर्ता  एवं ग्रामीण क्षेत्र में  आशा कार्यकर्ता  एवं आयुर्वेदिक डॉक्टर एवं आयुष विभाग की टीम आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण एवं स्वास्थ्य परीक्षण कर कोरोना वारियर्स के रूप में निरंतर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

धन्वंतरि आयुर्वेदिक हॉस्पिटल के पूर्व अधीक्षक डॉक्टर यू एस निगम ने बताया कि भारत में आयुर्वेद का पुरातन काल से उपयोग किया जा रहा है एवं आयुर्वेदिक औषधियां बहुत सारे असाध्य रोगों में कारगर सिद्ध हो रही है ,च्वयनप्राश ,अश्वगंधा ,गिलोय, मुलेठी, त्रिकटु काढ़े का उपयोग ,रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने एवं सर्दी, जुखाम, बुखार आदि में किया जाता रहा है, इसके अलावा गर्म पानी पीना भी लाभदायक होता है, बाहर निकलते समय नाक में अणु तेल या तिल तेल की दो दो बूंद डालने से संक्रमण की संभावना कम हो जाती है।

यूं तो भारत में आयुर्वेद का इतिहास पुरातन काल से है एवं इसका उपयोग भारत में कई युगों से हो रहा है लेकिन कुछ सालों से योग गुरु बाबा रामदेव ने आयुर्वेदिक औषधियों की खूबियों की जानकारी देकर लोगो को  इसके उपयोग करने के लिए प्रेरित किया है एवं भारत सहित दुनियां के कई देशों में आयुर्वेदिक औषधियों के उपयोग के बढ़ते प्रचलन में उनका महत्वपूर्ण योगदान है।

आयुर्वेदिक औषधि के विक्रेता व धन्वंतरी आयुर्वेद भवन उज्जैन के संचालक रोमेश शर्मा ने जानकारी दी कि पूरे साल च्यवनप्राश,काढ़ा, आसवअरिष्ट का विक्रय होता है, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते लोगों का आयुर्वेदिक औषधियों के अच्छे परिणाम होने के चलते लोगों में इसके उपयोग करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है एवं लोगों का आयुर्वेदिक औषधियों के प्रति विश्वास भी बढ़ रहा है।

आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ एच के उपाध्याय ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की कोई कारगर दवा अभी विश्व के किसी भी देश  के पास नहीं है, जिसके चलते विश्व के कई बड़े देशों में कोरोना संक्रमण ने मानव जीवन को गहरी क्षति पहुंचाई है लेकिन वहीं सवा सौ करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले भारत में कोरोना संक्रमण, विश्व के अन्य देशों की अपेक्षा कम क्षति पहुंचा पाया है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि भारत ,आयुर्वेदिक औषधियों के उपयोग से  कोरोना संक्रमण की रोकथाम करने में कामयाब हुआ है एवं आयुर्वेदिक औषधियां इसकी रोकथाम करने में काफी कारगर सिद्ध हुई है और अब विश्व उसका, अनुसरण कर रहा है।

बहरहाल इन सभी विशेषज्ञों का अनुभव यह स्पष्ट संकेत दे रहा है कि भारत में आयुर्वेद की असीम संभावनाएं हैं एवं भारत का प्राकृतिक परिदृश्य आयुर्वेदिक औषधियों का भंडार है, और इसी के चलते  भविष्य में भारतीय आयुर्वेदिक औषधियों की पूरे विश्व में असीम संभावनाएं हैं एवं भारत के आत्मनिर्भर होने की दिशा में भारतीय आयुर्वेदिक औषधियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

 


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