नागरिक संशोधन कानून को मोदी सरकार ऑनलाइन करने की तैयारी में है, बहुत जल्द नागरिक संशोधन कानून हो जाएगा ऑनलाइन ,जिसके तहत भारत की नागरिकता मिलने की प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी ,जैसा की सर्वविदित है कि नागरिक संशोधन बिल जिसे भारत के दोनों सदनों ने पारित किया एवं महामहिम राष्ट्रपति की अनुशंसा के बाद नागरिक संशोधन बिल CAB अब नागरिक संशोधन कानून CAA बन चुका है जिसके तहत भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश मैं निवासी अल्पसंख्यक हिंदू ,ईसाई, पारसी, जैन ,बौद्ध एवं सिख ,जो प्रताड़ना का शिकार है एवं जो भारत की नागरिकता लेना चाहते हैं उन्हें CAA के तहत भारत की नागरिकता लेने का अधिकार होगा।
नागरिक संशोधन कानून को मोदी सरकार द्वारा ऑनलाइन करने की कवायद के पीछे, वजह यह कही जा रही है की नागरिक संशोधन कानून बनने के बावजूद बहुत से राज्य इसका विरोध कर रहे हैं जबकि केरल विधानसभा ने विरोध में प्रस्ताव भी पारित किया है इसके साथ पश्चिम बंगाल ,मध्य प्रदेश ,पंजाब ,राजस्थान सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने नागरिक संशोधन कानून अपने राज्य में लागू नहीं करने के बयान जारी कर चुके हैं ऐसे में नागरिक संशोधन कानून के कई राज्यों में लागू होने मैं कई प्रकार की परेशानियों को देखते हुए, मोदी सरकार अब इसे ऑनलाइन करने जा रही हैं जिसके तहत केंद्र सरकार अब ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत भारत की नागरिकता दे सकेगी इस प्रक्रिया के ऑनलाइन होने से अब राज्यों का इसमें सीधे कोई दखल नहीं रह जाएगा, मोदी सरकार का यह कदम नागरिक संशोधन बिल के पारित होने के बाद से ही देश के कई राज्यों में विरोध एवं राज्य सरकार के राज्य में कानून लागू नहीं करने के बयानों को देखते हुए लिया माना जा रहा है, ऑनलाइन प्रक्रिया होने से राज्यों के विरोध के कोई मायने नहीं गई जाएंगे ,ज्ञात रहे की नागरिक संशोधन कानून मैं भारत में रह रहे किसी भी धर्म के नागरिक की नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा एवं यह कानून किसी की नागरिकता छिनता नहीं है, बल्कि यह नागरिकता देता है , पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ,अफगानिस्तान ,बांग्लादेश में रह रहे अल्पसंख्यक एवं भारत में रह रहे शरणार्थियों, जो विभाजन के बाद भारत की नागरिकता से वंचित रहने के कारण 70 सालों से नारकीय जीवन जीने पर मजबूर हैं, यह बात भारत के गृहमंत्री अमित शाह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं।
बाहर हाल नागरिक संशोधन कानून के ऑनलाइन होने से नागरिकता लेने वाले आवेदक, सीधे ही भारत के किसी भी राज्य की नागरिकता ले सकता है,एवम प्रक्रिया में राज्यों का सीधा कोई दखल नहीं रह जाएगा वहीं पूरे देश में नागरिक संशोधन कानून लागू भी हो जाएगा।
