
अब तक राजनैतिक पार्टियां चुनाव के वक्त फ्री की रेवड़ी बांट कर चुनाव जीतने का फॉर्मूला आजमाती आई है और जनता भी फ्री वाले के साथ आसानी से अग्रसर हो जाती है।
लेकिन अब मोदी सरकार ने बिजली के क्षेत्र में अप्रैल 2019 से प्रीपेड मीटर हर घर में लगाना शुरू करने वाली है, और 2022 तक पूरे भारत में हर घर में यह मीटर लगाने का लक्ष्य है, यह मीटर लगवाना अनिवार्य होगा, इस मीटर की यह विशेषता रहेगी कि बिजली के बिल से छुटकारा मिल पाएगा वहीं बिजली के बिल भरने के लिए भी कहीं जाने की आवश्यकता नहीं होगी, उपभोक्ता अपने मोबाइल से घर बैठे अपनी आवश्यकतानुसार प्रीपेड प्लान ले पाएगा ।
वहीं बिजली चोरी रोकने में भी यह कारगर कदम होगा ,बिजली कंपनियां अभी तक औद्योगिक क्षेत्र हो, राजनीति क्षेत्रों हो या शासकीय क्षेत्र हो, करोड़ों के बिजली के बिल बकाया होने के चलते बिजली के कंपनी को घाटा होता आया है, अब इन सभी जगहों पर प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे और बिना प्रीपेड रिचार्ज करवाएं बिजली किसी भी उपभोक्ता को नहीं मिल पाएगी , जो जितनी बिजली का उपयोग करेगा उसे उतना पैसा पहले देना होगा।
राजनैतिक दल गरीबों और किसानों को ढाल बना कर फ्री बिजली या बिजली के बिल माफ करने जैसे तरीकों को अपनाकर जनता को बरगला ने में कामयाब हो जाती थी, लेकिन प्रीपेड मीटर से राजनीतिक पार्टियों को अब फ्री की रेवड़ी बांटने के लिए कोई दूसरा क्षेत्र देखना होगा वहीं फ्री की रेवड़ी बांटने के चलते मध्यमवर्ग पर अतिरिक्त भार पड़ने पर भी रोक लगेगी।
