सबसे पहले बात करें उस बंगाल की जहां 2019 के चुनाव के हर एक चरण में मानों अराजकता की सारी हदें पार हो गई ,अगर जनता की लाशों पर लोकतंत्र मिलता है तो उस लोकतंत्र के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है, क्या लोकतंत्र में जनता के सेवक बनने का ढोंग करने वाले नेताओं का […]
84 में जो हुआ तो हुआ -सैम पित्रोदा( राहुल गांधी के मुख्य सलाहकार एवं कांग्रेस के शीर्षस्थ नेता) 1984 में जो हुआ तो हुआ ,यह कांग्रेस का चरित्र मानसिकता और इरादा है -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अकेले दिल्ली में दो हजार से ज्यादा सिक्खों को मौत के घाट उतार दिया गया एवं पूरे भारत में हज़ारों […]
भारत में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं, और इस मौके पर संकुचित दलों के कुंठित मानसिकता वाले नेताओं के बयानों ने हिंदुओं की आस्था एवं हिंदुओं की भावनाओं पर गहरा आघात पहुंचाने की चेष्टा की है, क्या लोकतंत्र के इस महापर्व का यही अर्थ है कि ओछी मानसिकता के चलते अपने राजनैतिक मतलब सिद्ध करने […]
पुलवामा हमले के जिम्मेदार जैश ए मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया ,इसे अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत की आतंक के खिलाफ किए गए प्रयासों मैं एक बड़ी जीत माना जा रहा है ,इसी के चलते भारत के पूर्व रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने यह कहा कि भारत […]
अगर बात राज्य की हो तो अपने राज्य के हिसाब से अलग-अलग मुद्दे एवं राजनैतिक दल हो सकते हैं और किसी हद तक इसे जनता ठीक भी मानती है, राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह एक विधानसभा एवं मुख्यमंत्री को चुनने भर के लिए सीमित होना जनता के लिए हितकर साबित हो सकता है ,लेकिन […]
सरकार जनता से टैक्स लेती है, ताकि आवश्यक सेवाएं बिजली ,पानी, सड़क, शिक्षा ,स्वास्थ्य ,सुरक्षा सुचारू रूप से मिले और सरकारी तंत्र भी काम कर सके, सरकार कोई भी हो ,चाहे राज्य की या केंद्र की ,जनता भी देश की उन्नति और प्रगति के लिए सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर इमानदारी से टैक्स भरती […]
कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को पुर्ण बहुमत नहीं मिलेगा ,उन्होंने गठबंधन की सरकार बनने का अंदेशा जताया ,उनका कहना यह भी है कि कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए अन्य दलों से गठबंधन की आवश्यकता पड़ सकती है, उस दशा […]
चुनाव आते ही नेताओं के भीतर का असली चेहरा जनता के सामने उजागर होने लगता है, कोई विकास का मुद्दा नहीं, कोई अमन चैन भाईचारे की बात नहीं ,कोई देशहित की बात नहीं, राजनीतिक दलों और उनके नेताओं के पास कोई मुद्दा नहीं ,सिर्फ और सिर्फ, सत्ता पाने की होड़ में कौन किसको कितनी गालियां […]
अमूमन जनता अपने बहुमूल्य वोट की कीमत समझ नहीं पाती ,हमें राजनीति से क्या लेना देना, हमारे एक वोट से क्या बदल जाएगा ,लेकिन ऐसी अवधारणाओं को आज बदलने की आवश्यकता है ,जनता को यह समझना होगा कि जिस देश में वह जीवन यापन कर रहे हैं ,वहां लोकतंत्र है अर्थात जनता खुद अपने प्रतिनिधियों […]
उज्जैन जिले में फरवरी 19 से मार्च 19 तक सभी प्राइवेट स्कूलों के परीक्षा संपन्न हुई ,वहीं कुछ स्कूलों में 15 मार्च से तो लगभग सभी प्राइवेट स्कूलों में नया सत्र 1 अप्रैल से शुरू हो चुका है, इस सत्र की शुरुआत के लिए लगभग सभी बच्चों के पालकों द्वारा नई किताबें तय जगह से […]
