पुलवामा हमले में जिस तरह अभूतपूर्व क्षति भारत के जवानों की हुई है , उसके बाद पूरे भारत की जनता में अभूतपूर्व गुस्सा एवं प्रतिशोध लेने का जुनून भी देखा जा रहा है और जैसा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से रूबरू होकर जनता की मन की बात को समझा है एवम […]
भारत भर में 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं ,लेकिन कल तक जो राजनीतिक चहलकर्मी दिल्ली के रामलीला मैदान एवं जंतर मंतर पर दिख रही थी, आज भारत के शहीदों के लिए सुना क्यों हैं, शायद राजनीतिक महत्वाकांक्षा उन्हें मौन रहने पर मजबूर कर रही है। भारत […]
विश्व के पटल पर अगर किसी देश पर भरोसा किया जाता है ,और विकसित देश भी उसी देश से कंधे से कंधा मिलाकर तन मन और सबसे जरूरी धन को निवेश, उसी देश में करना चाहेंगे जिस देश में स्थाई सरकार हो या यूं कहें कि देश की सरकार के पास संसद में पूर्ण बहुमत […]
2019 के लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है, सभी राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर पर रणनीति एवं गठबंधन बना रहे हैं और इसी कड़ी में तैयार हो रहा है, महागठबंधन ,जिसको हम तीसरा मोर्चा भी कह सकते हैं क्योंकि हालिया विपक्ष कांग्रेस पार्टी अभी इसमें शामिल नहीं है। अब हम यह समझते हैं कि कांग्रेस […]
काश मैं भी एक राजघराने से होता ,तो शायद मुझे भी सालों तक कुर्सियां नहीं उठानी पड़ती, मैं भी सीधे प्रधानमंत्री ,अध्यक्ष , महासचिव बनने के सपने देख पाता लेकिन अफसोस ,मैं भारत का एक गरीब ,एक किसान, एक आम कार्यकर्ता, एक आम नागरिक हूं ,मैं तो महारानी के पीछे चलता हुआ वह नौजवान हूं, […]
अगर हम लोकतंत्र के रास्ते देश के उज्जवल भविष्य की कल्पना करते हैं ,और हम यह चाहते हैं कि देश विकास के पथ पर आगे बढ़े ,तो उसके लिए लोकतंत्र को भी अपने अंदर झांकने की आवश्यकता है, इसमें बदलाव की आवश्यकता आज इसलिए भी महसूस हो रही है क्योंकि हम 21वीं सदी के आधुनिक […]
90 परसेंट लाने का दबाव, माता पिता की उम्मीदों पर खरा उतरने का दबाव, अपने मित्रों सहपाठियों से ज्यादा नंबर लाने का दबाव और फिर आरक्षण से हारने की टीस, यह सब ना पाने पर जिंदगी को अलविदा कहने का आखरी फैसला, हमारी युवा पीढ़ी को हम ये क्या करने पर मजबूर कर रहे हैं? […]
19 जनवरी 1990 का दिन वह दिन था जो एक हिंदू कभी भूल नहीं सकता, जिसे हम हिंदू असहिष्णुता की पराकाष्ठा कहें तो शायद गलत ना होगा लेकिन यह विडंबना है कि इस असहिष्णुता को आज तक भारत के न किसी हिंदू समाज ने ना किसी राजनीतिक संगठन ने और ना किसी सरकार ने महसूस […]
पांच राज्यों में चुनाव के नतीजों ने तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार को चुना, राजनीतिक विश्लेषक इसके पीछे प्रमुख कारण किसान की कर्ज माफी के मुद्दे को मानते हैं, कांग्रेस के घोषणापत्र में भी किसानों के दो लाख तक के क़र्ज़ माफ़ी का उल्लेख है एवं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा चुनावी सभाओं में […]
भारत, जिसमें बसते हैं सवा सौ करोड़ से ज्यादा लोग और हम यह भी जानते हैं कि दुनिया के सबसे अमीरों की श्रेणी में भारत के लोग सर्वोच्च स्थान रखते हैं ,भारत की समस्त राजनीतिक पार्टियों और उनके नेताओं की संपत्ति का आँकलन करें तो हम पाएंगे कि भारत अभी भी सोने की चिड़िया है […]
