लचीला कानून ,दरिंदों के हौसले बढ़ा रहा है

क्या कानून अंधा है ,गूंगा है, बहरा है या लाचार है, नहीं, अंधे ,गूंगे ,बहरे और लाचार हम हैं ,हमारा समाज है ,हमारे देश के नेता हैं ,हम गर्व से कहते हैं कि हमारा लोकतंत्र सबसे बड़ा एवं मजबूत है लेकिन जब बात अलीगढ़ की 3 साल की बच्ची की हो या उज्जैन की 5 […]

राजनीतिक प्रयोगशाला बना, देश की जनता का भविष्य

दुनिया में 21वी सदी का आधुनिक दौर चरम पर है दुनिया के कई देश जहां प्रगति और उन्नति की ओर अग्रसर है, वहीं 70 साल की आजादी के बाद भी भारत उन्नति और विकास के पथ पर अभी काफी पीछे है ,भारत की जनता रोटी, कपड़ा और मकान के फेर में उलझी है जिस देश […]

फिर एक बार मोदी सरकार

देश में पहली बार गैर कांग्रेस राजनीतिक दल की पूर्ण बहुमत की सरकार दुबारा चुनी गई ,354 का प्रचंड बहुमत पाकर फिर एक बार मोदी सरकार का जनता ने चयन किया ,नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली ,मोदी सरकार ने 58 मंत्रियों के साथ शपथ ली ,इसके साथ […]

क्या चुनाव ना लड़ पाने की टीस रहेगी ?

2019 के चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने राजनीति में सक्रिय होकर किसका सहारा बनने का प्रयास किया ,कांग्रेस पार्टी की बात करें तो 2014 में कांग्रेस महज 44 सीटों का आंकड़ा ही छु पाई थी ,तो क्या प्रियंका पार्टी का वर्चस्व एवं सीटें बढ़ाने के लिए चुनावी मैदान में आई […]

जनता को अपना “भविष्य” स्पष्ट देखना ही होगा।

सबसे पहले बात करें उस बंगाल की जहां 2019 के चुनाव के हर एक चरण में मानों अराजकता की सारी हदें पार हो गई ,अगर जनता की लाशों पर लोकतंत्र मिलता है तो उस लोकतंत्र के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है, क्या लोकतंत्र में जनता के सेवक बनने का ढोंग करने वाले नेताओं का […]

क्या सैम का बयान शेमफुल है?

84 में जो हुआ तो हुआ -सैम पित्रोदा( राहुल गांधी के मुख्य सलाहकार एवं कांग्रेस के शीर्षस्थ नेता) 1984 में जो हुआ तो हुआ ,यह कांग्रेस का चरित्र मानसिकता और इरादा है -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अकेले दिल्ली में दो हजार से ज्यादा सिक्खों को मौत के घाट उतार दिया गया एवं पूरे भारत में हज़ारों […]

हिंदुओं की आस्था पर प्रहार ,हिंदुओं को आत्ममंथन करना अति आवश्यक ।

भारत में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं, और इस मौके पर संकुचित दलों के कुंठित मानसिकता वाले नेताओं के बयानों ने हिंदुओं की आस्था एवं हिंदुओं की भावनाओं पर गहरा आघात पहुंचाने की चेष्टा की है, क्या लोकतंत्र के इस महापर्व का यही अर्थ है कि ओछी मानसिकता के चलते अपने राजनैतिक मतलब सिद्ध करने […]

देश सुरक्षित हाथों में है- जेटली

पुलवामा हमले के जिम्मेदार जैश ए मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया ,इसे अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत की आतंक के खिलाफ किए गए प्रयासों मैं एक बड़ी जीत माना जा रहा है ,इसी के चलते भारत के पूर्व रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने यह कहा कि भारत […]

जनता को भ्रमित करते हैं, देश में इतने राजनैतिक दल।

अगर बात राज्य की हो तो अपने राज्य के हिसाब से अलग-अलग मुद्दे एवं राजनैतिक दल हो सकते हैं और किसी हद तक इसे जनता ठीक भी मानती है, राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह एक विधानसभा एवं मुख्यमंत्री को चुनने भर के लिए सीमित होना जनता के लिए हितकर साबित हो सकता है ,लेकिन […]

जनता की गाढ़ी कमाई पर, फ्री की रेवड़ी बाँटने का हक़ राजनैतिक दलों को किसने दिया ?

सरकार जनता से टैक्स लेती है, ताकि आवश्यक सेवाएं बिजली ,पानी, सड़क, शिक्षा ,स्वास्थ्य ,सुरक्षा सुचारू रूप से मिले और सरकारी तंत्र भी काम कर सके, सरकार कोई भी हो ,चाहे राज्य की या केंद्र की ,जनता भी देश की उन्नति और प्रगति के लिए सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर इमानदारी से टैक्स भरती […]