कमलनाथ सरकार का 1 वर्ष का कार्यकाल सफलतम जब कहा जाता जब किसान मिठाई बांटता , कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया दी अमूमन किसानों ने ,सरकार का 1 वर्ष कैसे और कब बीत गया किसी को कुछ पता नहीं चला सरकार एवं कांग्रेस 1 वर्ष के कार्यकाल से संतुष्ट दिखी आपस में मिठाई भी बांटी ,लेकिन […]
ऐसा कहा जाता है कि सफल वही होता है जो समय के साथ चलता है, समय अनुसार अपने अंदर आवश्यक बदलाव जो समय पर करता है, सफलता उसके कदम चूमती है, एवं वैश्विक पटल पर वह अग्रणी भी कहलाता है। आधुनिकता के दौर में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया ने संचार क्रांति में आए आधुनिक […]
लोकसभा में भारतीय नागरिकता बिल पास होने के बाद बुधवार को केंद्र सरकार का प्रस्तावित नागरिक संशोधन बिल राज्यसभा में बहुमत से पारित हो गया है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बनकर लागू हो जाएगा। नागरिक संशोधन बिल के तहत अब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, […]
कुत्ते की मौत मरे ,हैदराबाद के डॉक्टर रेड्डी से हैवानियत करने वाले, हैदराबाद पुलिस का कहना है कि चारों दरिंदे पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहे थे जिसके चलते एनकाउंटर में मारे गए ,वहीं तेलंगाना के कानून मंत्री का कहना है कि भगवान ने उन्हें उनके किए की सजा दी, ऐसे में सवाल […]
उज्जैन ,फ्रीगंज स्थित कालिदास मार्ग मक्सी रोड़ वार्ड नं 38 के रहवासियों के घरों के पीछे बरसो पहले बने नाले के टूटने ,कचरा एवम मिट्टी की वजह से पूर्णतया खत्म होने के कारण सारी गंदगी लोगों के घरों में फैल रही हैं। नगर निगम, एवम जनप्रतिनिधि इस बात से पूर्णतया अवगत है ,एवम नए […]
लोकतंत्र में जनता राजनीतिक दलों की विचारधारा एवं देशहित, राज्यहित को मद्देनजर रखते हुए, जनादेश जिस राजनीतिक दल को दें, वह सरकार बनाएं एवं जनता के विश्वास पर खरा उतरे ,जनता के जनादेश का लोकतंत्र में नैतिकता का आधार यह होता है। लेकिन बदलते वक्त के साथ साथ व्यक्तिगत स्वार्थों को प्राथमिकता देने के चलते […]
गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी )को लेकर राज्यसभा में कहा कि हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को नागरिकता मिलनी चाहिए इसीलिए नागरिकता संशोधन विधेयक की आवश्यकता है। एनआरसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो यह कहता हो कि इसके तहत कोई अन्य धर्म नहीं लिया […]
कहावत है कि ” निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय, बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय”,कहते हैंं कि जो व्यक्ति अपनी निंदा नहीं सुन सकता वह जीवन में कभी सफल नहीं हो सकता ,वहीं जो व्यक्ति अपने निंदक को अपने पास रखता है और उससे अपनी निंदा अर्थात कमियों को जानकर उसमें सुधार करता […]
यूँ तो आज़ादी के बाद से ही भारत के राजनैतिक परिदृश्य में पद का बड़ा महत्व रहा है लेकिन लोकतंत्र में जनता का क्या महत्व है? क्योंकि भारत में लोकतंत्र है, लोकतंत्र अर्थात जनता का तंत्र जनता के लिए, जनता के हितों के लिए सर्वोपरि, लोकतंत्र में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद जनता […]
