कमलनाथ सरकार का 1 वर्ष का कार्यकाल सफलतम जब कहा जाता जब किसान मिठाई बांटता , कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया दी अमूमन किसानों ने ,सरकार का 1 वर्ष कैसे और कब बीत गया किसी को कुछ पता नहीं चला सरकार एवं कांग्रेस 1 वर्ष के कार्यकाल से संतुष्ट दिखी आपस में मिठाई भी बांटी ,लेकिन क्या वाकई में जनता सरकार के 1 वर्ष के कार्यकाल से संतुष्ट है विशेषकर जनता में किसान?
तो दूसरी ओर बीजेपी का कहना है कि किसानों को चुनाव के समय बरगलाया गया, दरअसल किसान कभी किसी सरकार से यह नहीं चाहता की उसकी आवश्यकता पर सरकार द्वारा की गई मदद माफ कर दिया जाय बल्कि किसान यह चाहता है कि उसकी फसल का वाजिब दाम सरकार मुहैया कराएं, कर्ज माफी एक गलत परंपरा है।
कमलनाथ सरकार के बारे में उज्जैन के बीजेपी ग्रामीण अध्यक्ष बहादुर सिंह बोरमुंडला का कहना है कि सरकार ने 2018 के सोयाबीन भावंतर नहीं दिया ,2019 में सोयाबीन की फसल खराब होने पर मुआवजा नहीं दिया, न हीं दो लाख का कर्ज मांफ़ हुआ ,यह दिन में सपने देखने जैसा साबित हुआ है।
कर्ज माफी के विषय में प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने उज्जैन में कहा था कि सहकारिता में 300 करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ है लेकिन 1 साल के बाद भी सहकारिता में कर्ज माफी के चलते कहीं भी एक भी प्रकरण दर्ज नहीं हुआ ऐसे में प्रभारी मंत्री के सहकारिता में कर्ज माफी को लेकर 300 करोड़ से ज्यादा के घोटाले की बात के क्या मायने रह जाते हैं ।
सरकार बनने के बाद कमलनाथ सरकार के गृहमंत्री बाला बच्चन द्वारा सिंहस्थ घोटाला उजागर करने के बात भी कही गई थी, लेकिन 1 साल के बाद भी कमलनाथ सरकार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।
उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया ने कमलनाथ सरकार के 1 वर्ष पूरा होने पर कहा की कमलनाथ सरकार ने किसानों को धोखा दिया है, चुनाव के वक्त किसानों से 2 लाख तक के कर्ज माफ करने का झूठा वादा किया गया जिसको की 10 दिन में पूरा करने की बात कही गई थी आज 1 वर्ष होने के बाद भी कमलनाथ सरकार ने यह वादा पूरा नहीं किया है ऐसे में किसान अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं ,कमलनाथ सरकार ने कन्या विवाह में 51हजार रुपए देने की बात भी कही थी लेकिन वह भी झूठी साबित हुई ,कमलनाथ सरकार ने विद्यार्थियों को मोबाइल लैपटॉप एवं स्कूटी देने की बात कही थी लेकिन आलम यह है कि बच्चियों को एक साइकिल तब भी नहीं दी गई है ,युवाओं को रोजगार देने की बात कही गई थी लेकिन रोजगार तो दूर बेरोजगारी भत्ता भी सरकार नहीं दे पाई ,ऐसे में युवाओं के भविष्य के साथ थी खिलवाड़ किया गया है , सांसद का कहना है कि कमलनाथ सरकार 1 साल की उपलब्धि यह जरूर है कि 1 साल में कमलनाथ सरकार ने ट्रांसफर उद्योग खोला जिसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ एवं जिसमें उनके सहायक से नगदी भी जब तक की गई थी।
पूर्व सांसद चिंतामन मालवीय ने कहा कि माफियाओं पर कार्रवाई के चलते अमानक कार्रवाई की जा रही है ,तोड़फोड़ कार्यवाही करते हुए भय और डर का माहौल पैदा किया जा रहा है लोगों को डराया धमकाया जा रहा है ऐसा करके कमलनाथ सरकार लोगों को मुंह बंद रखने पर मजबूर कर रही है, पूर्व सांसद ने नाम नहीं लिया लेकिन ज्ञात रहे कि कमलनाथ सरकार ने लोकस्वामी अखबार के संपादक को भू माफिया कि संज्ञा देकर संपादक जीतू सोनी के ऑफिस, मकान एवं फार्म हाउस को ध्वस्त कर दिया इस कार्रवाई की भी मीडिया जगत में निंदा की जा रही है एवं यह भी कहा जा रहा है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को सरकार अपने सत्ता के बल पर दबाने एवं कुचलने का प्रयास कर रही है एवं मीडिया पर अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिबंध लगाने की कोशिश की जा रही है ,यह भी ज्ञात रहे कि लोकस्वामी अखबार ने मध्यप्रदेश में हुए हनी ट्रैप कांड को पुरजोर तरीके से उजागर किया था एवं ऐसा कहा जाता है कि इसमें कई नेता एवं आला अधिकारी संलिप्त थे।
उज्जैन की प्रथम नागरिक महापौर मीना जोनवाल ने कहा कि सरकार विकास के कार्यों में सहयोग नहीं कर रही हैं सड़कों की हालत बद से बदतर होती जा रही है विकास कार्य पैसों के आवंटन के बिना अधूरे एवं प्रभावित हो रहे हैं।
उज्जैन की बात करें तो कमलनाथ सरकार के शुरुआती दिनों में प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र के विकास के लिए 300 करोड़ से अधिक की योजना की घोषणा की थी लेकिन 1 वर्ष पूरा होने के बाद भी धरातल पर कुछ नजर नहीं आ रहा है सरकार 300 करोड़ 1000 करोड़ रुपए किस योजना पर खर्च करेगी यह भी सरकार तय नहीं कर पाई है।
बहरहाल कमलनाथ सरकार के 1 साल पूरा होने पर बीजेपी द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों पर जनता विशेषकर किसान एवं युवा मंथन एवं मनन कर रहे हैं ,जहां तक कांग्रेस की बात है कमलनाथ सरकार के 1 वर्ष पूरा होने पर किसी प्रकार की कोई सरकार की उपलब्धियां नहीं जाहिर की जा रही है लेकिन 1 वर्ष पूरा होने पर कांग्रेस में हर्ष और उल्लास का माहौल जरूर देखा जा रहा है, वहीं जनता का कहना है कि सरकार को अपनी कार्यप्रणाली पर चिंतन की आवश्यकता है।
