गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी )को लेकर राज्यसभा में कहा कि हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को नागरिकता मिलनी चाहिए इसीलिए नागरिकता संशोधन विधेयक की आवश्यकता है। एनआरसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो यह कहता हो कि इसके तहत कोई अन्य धर्म नहीं लिया जाएगा। भारत के सभी नागरिक चाहे वे किसी भी धर्म के हों, एनआरसी सूची में शामिल होंगे, एनआरसी की प्रक्रिया को पूरे देश में लागू किया जाएगा कोई भी हो, सभी धर्मो के लोग को एनआरसी के तहत लाना एक प्रक्रिया है।
एनआरसी में 19,06,657 लोगों का नाम शामिल नहीं है ,इस सूची में 3,11,21,004 लोगों का नाम शामिल किया गया है।
