भारत देश मानव अधिकार ! 71 साल पूरे – देश का मानव अधिकार बधाई

  हमारे देश में शासन प्रशासन की लापरवाही की छोटी छोटी लापरवाही के कारण हजारों लोगों की हंसती खेलती जिंदगी मौत मैं तब्दील जाती है ! सभी मौन रहते हैं पर मीडिया हल्ला करती फिर सबकुछ ऊँशांति! क्या मानव अधिकार ने मानव अधिकार के इन मुद्दों को लेकर सरकार से वर्ता की, नहीं करते जनता […]

भगवान भरोसे चलने दें या सरकार न्याय व्यवस्था पर चिंतन करें?..

कुत्ते की मौत मरे ,हैदराबाद के डॉक्टर रेड्डी से हैवानियत करने वाले, हैदराबाद पुलिस का कहना है कि चारों दरिंदे पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहे थे जिसके चलते एनकाउंटर में मारे गए ,वहीं तेलंगाना के कानून मंत्री का कहना है कि भगवान ने उन्हें उनके किए की सजा दी, ऐसे में सवाल […]

वार्ड नं 38 के रहवासी समस्याओं से त्रस्त,प्रशासन एवम जनप्रतिनिधि समस्याओं पर गंभीर नहीं

  उज्जैन ,फ्रीगंज स्थित कालिदास मार्ग मक्सी रोड़ वार्ड नं 38 के रहवासियों के घरों के पीछे  बरसो पहले बने नाले के टूटने ,कचरा एवम मिट्टी की वजह से पूर्णतया खत्म होने के कारण सारी गंदगी लोगों के घरों में फैल रही हैं। नगर निगम, एवम जनप्रतिनिधि इस बात से पूर्णतया अवगत है ,एवम नए […]

राजनीति में नैतिकता का, क्या है आधार?

लोकतंत्र में  जनता राजनीतिक दलों की विचारधारा एवं देशहित, राज्यहित को मद्देनजर रखते हुए, जनादेश जिस राजनीतिक दल को दें, वह सरकार बनाएं एवं जनता के विश्वास पर खरा उतरे  ,जनता के जनादेश का लोकतंत्र में नैतिकता का आधार यह होता है। लेकिन बदलते वक्त के साथ साथ  व्यक्तिगत स्वार्थों  को प्राथमिकता  देने के चलते […]

पूरे देश में लागू किया जाएगा NRC, सभी धर्म के नागरिक होंगे शामिल-अमित शाह

गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में  राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी )को लेकर राज्यसभा में कहा कि हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को नागरिकता मिलनी चाहिए इसीलिए नागरिकता संशोधन विधेयक की आवश्यकता है। एनआरसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो यह कहता हो कि इसके तहत कोई अन्य धर्म नहीं लिया […]

पत्रकारिता को निष्पक्ष एवम निष्कलंक ही रहने दो…

कहावत है कि ” निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय, बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय”,कहते हैंं कि जो व्यक्ति अपनी निंदा नहीं सुन सकता वह जीवन में कभी सफल नहीं हो सकता ,वहीं जो व्यक्ति अपने निंदक को अपने  पास रखता है और उससे अपनी निंदा अर्थात कमियों को जानकर उसमें सुधार  करता […]

जनता के विश्वास एवं जनहित पर भारी, वंशवाद…

यूँ तो आज़ादी के बाद से ही भारत के राजनैतिक परिदृश्य में पद का बड़ा महत्व रहा है लेकिन लोकतंत्र में जनता का क्या महत्व है? क्योंकि भारत में लोकतंत्र है, लोकतंत्र अर्थात जनता का तंत्र जनता के लिए, जनता के हितों के लिए सर्वोपरि, लोकतंत्र में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद  जनता […]

बरसों पुराने विवाद पर पूर्ण विराम लगाया उच्चतम न्यायालय ने…

अयोध्‍या केस में सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को बरसों के विवाद पर पूर्ण विराम लगाया  , सीजेआई रंजन गोगोई की अध्‍यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने फैसले में कहा कि विवादित जमीन रामलला विराजमान को दी जाए,साथ ही सरकार राम मंदिर ट्रस्‍ट बनाकर 3 महीने में मंदिर की योजना तैयार करे, 2.77 एकड़ विवादित जमीन […]

मेरा मोल कोई ना पहचाने….

उत्पादन करता अपनी वस्तु को जब बाजार में बेचता है, तब उस वस्तु का मूल्य वह स्वयं तय करता है लेकिन यह बड़ी विडंबना है कि हिंदुस्तान का अन्नदाता किसान ही उत्पादकों मैं अपवाद बना हुआ  है ,जो अपने उत्पाद के मूल्य का निर्धारण स्वयं नहीं कर पाता बल्कि उसके उत्पाद का  मूल्य निर्धारण  अन्य […]