हमारे देश में शासन प्रशासन की लापरवाही की छोटी छोटी लापरवाही के कारण हजारों लोगों की हंसती खेलती जिंदगी मौत मैं तब्दील जाती है !
सभी मौन रहते हैं पर मीडिया हल्ला करती फिर सबकुछ ऊँशांति!
क्या मानव अधिकार ने मानव अधिकार के इन मुद्दों को लेकर सरकार से वर्ता की, नहीं करते जनता के हक के लिए कार्य नहीं करते,
हां यदि देश में कभी रेप जैसी घटनायें होती हैं तो मानव अधिकार के स्टार आगें आकर आंदोलन करते हैं सरकार के ऊपर लांछन लगाते हैं , मीडिया की न्यूज चैनल की टीआरपी बढ़ते हैं, अपने आप को हाय प्रोफाइल तरीके से मीडिया के माध्यम से हाईलाइट करते हैं कि मैं मानवाधिकार आप देशवासी के साथ,
सबाल यह कि कभी मानव अधिकार ने अमजन लोगों के साथ रोजना हो रही घटनाएं जो कि इंसानियत को झकझोर देती है , दिल्ली में हुए अग्निकांड जैसी घटनाएं भारत देश में बहुत होती है ,
पर क्या कभी मानवाधिकार ने इन मुद्दों को लेकर सरकार से मानवाधिकार वाली बात की या नहीं ,
आप भी सोचे समझे ओर कुछ लिखें
आशीष रैकवार
