The post प्रतिनिधियों को ढाल बनाकर कौन कर रहा है?, महाकालेश्वर मंदिर में खुलेआम भ्रष्टाचार मंदिर एक्ट का खुलेआम हो रहा उल्लंघन appeared first on Nationalive....
]]>मंदिर एक्ट का खुलेआम हो रहा उल्लंघन
उज्जैन, महाकालेश्वर मंदिर विश्व के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है जहां लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन बाबा महाकाल की एक झलक पाने के लिए आते हैं लेकिन महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल के दर्शन करने और भस्म आरती के दर्शन के लिए श्रद्धालु भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं और यह भ्रष्टाचार कोई और नहीं बल्कि मंदिर में ही कार्यरत पुजारी पुरोहित उनके प्रतिनिधि और मंदिर के कर्मचारी ही करते हैं, आए दिन भ्रष्टाचार के मामले उजागर होते हैं हाल ही में भ्रष्टाचार के एक मामले में महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पुरोहित के प्रतिनिधि के द्वारा भस्म आरती में दर्शन हेतु श्रद्धालुओं से हजारों रुपए लिए गए,बावजूद श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश नहीं मिलने पर श्रद्धालुओं ने महाकाल थाने में शिकायत दर्ज कराई।
“क्या पुजारी पुरोहित प्रतिनिधियों को ढाल बनाकर कर रहे हैं भ्रष्टाचार?”
महाकालेश्वर मंदिर में 16 पुजारी और 22 पुरोहित पूजन व्यवस्था संभालते हैं, समय के साथ-साथ पुजारी पुरोहित ने अपने अधीनस्थ कई प्रतिनिधि और सेवक रखें हैं, हालात यह हैं कि पुजारी पुरोहित प्रतिनिधि और सेवक के भेष में अनगिनत लोग धोती और दुपट्टा डालकर मंदिर के गर्भ ग्रह में प्रवेश कर रहे हैं, कई बार तो पुजारी पुरोहित और प्रतिनिधियों के भेष में यजमान भी धोती लपेटकर गर्भ ग्रह में प्रवेश करते हुए केमरे में कैद हुए हैं।
महाकालेश्वर मंदिर में पुरोहित और पुजारी को महाकाल मंदिर प्रशासन की ओर से भस्म आरती के कोटे का निर्धारण किया गया है जिसके चलते पुरोहित और पुजारी भस्म आरती में प्रतिदिन अपने जजमानों को भस्म आरती में प्रवेश हेतु रजिस्टर्ड करवाते हैं और यहीं से भ्रष्टाचार का सिलसिला शुरू होता है भस्म आरती में प्रवेश करने के नाम पर श्रद्धालुओं से हजारों रुपए वसूले जाते हैं और कई बार जरूरत से ज्यादा लोगों से पैसा लेकर जब भस्म आरती में प्रवेश नहीं मिल पाता है तब भ्रष्टाचार का मामला श्रद्धालुओं के द्वारा उजागर होता है लेकिन ऐसे मामलों में महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी एवं पुरोहित सीधे-सीधे अपने आप को बचा ले जाते हैं और सिर्फ प्रतिनिधियों और सेवकों कि भ्रष्टाचार में संलिपतता पाई जाती है, पुजारी और पुरोहितों तक भ्रष्टाचार की आंच इसलिए भी नहीं पहुंच पाती है क्योंकि जब भी कोई भ्रष्टाचार का मामला सामने आता है तो मंदिर समिति एवं मंदिर प्रशासन इसकी जांच करता है और महाकालेश्वर मंदिर समिति में मंदिर के पुजारी एवं पुरोहित भी सदस्य होते हैं ऐसे में मामले को कुछ दिनों बाद रफा दफा कर दिया जाता है , और किसी मामले में अगर कोई प्रतिनिधि या सेवक दोषी पाया जाता है तो उसे पुजारी एवं पुरोहित के द्वारा हटा दिया जाता है और उनकी जगह दूसरे प्रतिनिधि और सेवक की नियुक्ति हो जाती है और भ्रष्टाचार का यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहता है।
हाल ही में एक भ्रष्टाचार का एक मामला उजागर हुआ जिसमें भ्रष्टाचार से पीड़ित श्रद्धालु के अनुसार महाकाल मंदिर के पुजारी बबलू गुरू एवं प्रदीप गुरु के सेवक राजू उर्फ दुग्गर ओर दीपक वैष्णव, भस्म आरती परमिशन के लिए ग्राहक तलाश करता था और पुजारी के माध्यम से परमिशन कराता था, ग्राहक से मिले रुपयों का समान रूप से बंटवारा होता था , विद्या भूमकर ने महाकाल थाने में उक्त लोगों के खिलाफ शिकायती आवेदन दिया था, इसकी शिकायत मंदिर समिति को भी की गई थी,मंदिर समिति के पत्र पर पुलिस ने दीपक वैष्णव और राजू उर्फ दुग्गर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है, महाकालेश्वर मंदिर के अधिकारियों और महाकाल थाना पुलिस के अनुसार मामले की जांच की जा रही है।
लेकिन यहां सवाल यह उठता है कि जब भस्म आरती में प्रवेश करने के लिए पुजारी के प्रतिनिधि एवं सेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला पंजीबद हुआ है लेकिन भस्म आरती की परमिशन जिन पुजारी और पुरोहित के कोटे से आबंटित हुई वह दोषी कैसे नहीं है?सूत्रों से जानकारी यह भी है कि मामले से संबंधित पुजारी पुरोहित महाकालेश्वर मंदिर समिति के सदस्य भी हैं ऐसे में जांच की आंच वहां तक पहुंचती है या नहीं यह वक्त ही बताएगा, या यह भी हमेशा की तरह संभव है कि जांच कि आंच को वहां तक पहुंचने के पहले ही उसमें पानी डालकर बुझा दिया जाए, लेकिन एक बात तो स्पष्ट है कि प्रायोगिक रूप से यह संभव नहीं है कि पुजारी का प्रतिनिधि दोषी है लेकिन पुजारी दोषी नहीं ।
“पुजारी पुरोहित और उनके प्रतिनिधियों के मंदिर में प्रवेश हेतु फेस रीडिंग प्रवेश प्रणाली लागू हो”
महाकालेश्वर मंदिर के गर्भग्रह में अनैतिक प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के लिए महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन को पुजारी पुरोहित एवं उनके प्रतिनिधियों का प्रवेश फेस रीडिंग प्रवेश प्रणाली के आधार पर किया जाना चाहिए ताकि अन्य लोगों का प्रवेश इस प्रणाली के माध्यम से रोका जा सके पुजारी पुरोहित और उनके प्रतिनिधियों के बारकोड वाले आईडी कार्ड मंदिर प्रशासन बनाकर उस प्रणाली से मंदिर में उनका प्रवेश निर्धारित करता है तब मंदिर के गर्भ ग्रह में अनैतिक प्रवेश और इससे जुड़े भ्रष्टाचार पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकती है।
“महाकाल मंदिर एक्ट में भस्म आरती कोटे संबंधी कोई नियम नहीं है फिर यह भस्म आरती कोटा निर्धारण किसने किया ?, इसका आधार क्या है?
महाकालेश्वर मंदिर एक्ट का महाकालेश्वर मंदिर समिति और मंदिर प्रशासन के द्वारा खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि महाकालेश्वर मंदिर एक्ट में कहीं भी भस्म आरती में कोटा निर्धारित करके इसका आवंटन किया जाने का नियम नहीं है, वर्तमान में महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली भस्म आरती के लिए अलग-अलग कई प्रकार के मनघड़ंत कोटे निर्धारित किए गए हैं जिसमें महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पुरोहित के कोटे, राजनीति के दलों के भस्म आरती कोटे, शासकीय प्रोटोकॉल कोटे, वीआईपी और वि वीआईपी कोटे, महाकालेश्वर मंदिर समिति सदस्य एवं मंदिर प्रशासन के अधिकारियों के कोटे आदि निर्धारित किए गए हैं और यह सब कोटा प्रथा भ्रष्टाचार का मूल कारण है ऐसे में आम श्रद्धालु की पहुंच भस्म आरती तक नहीहो पाती है और कहीं ना कहीं आम श्रद्धालु भस्म आरती से वंचित रह जाता है और इन्हीं सब कारण से बाहर से आने वाले श्रद्धालु भस्म आरती में प्रवेश के लिए दलालों के चक्रव्यूह में फंस जाते हैं और उनको हजारों रुपए की चपत लग जाती है, जबकि वास्तविक में महाकालेश्वर मंदिर एक्ट के अनुसार कोटा प्रथा बंद करके सभी आम श्रद्धालुओं के लिए भस्म आरती में प्रवेश निशुल्क रूप से किया जाना चाहिए ताकि भस्म आरती के नाम पर भ्रष्टाचार पूर्णतः समाप्त हो सके।
महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन व्यवस्था में सशुल्क व्यवस्था के चलते भी आम श्रद्धालुओं के साथ दर्शन व्यवस्था में भेदभाव उत्पन्न होता है और आम श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन कई फीट दूर से शीशे में से दर्शन कर पता है और पैसा देकर दर्शन करने वाले श्रद्धालु नंदीहाल ,गणेश हाल कार्तिक मंडप से दर्शन करते हैं ऐसे में सशुल्क प्रोटोकॉल व्यवस्था भी समाप्त की जानी चाहिए इसकी मांग भी कई साधु संतों के द्वारा की गई है, साधु संतों के द्वारा यह भी कहा गया है कि बाकी सभी धर्म या संप्रदाय के धर्म स्थलों पर शुल्क देकर दर्शन व्यवस्था कहीं नहीं है तब ऐसे में सनातन धर्म के धर्म स्थलों पर शुल्क देकर सनातन धर्म के अनुयायियों को अपने ही इष्ट देव के दर्शन करने का शुल्क क्यों देने पर बाध्य किया जा रहा है।
बहर हाल महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती में प्रवेश के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है और कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार करने वाली बड़ी मछली हमेशा बचकर निकल जाती है और छोटी मछलियों का उपयोग कांटे में दाना लगाने के रूप में उपयोग किया जाता है लेकिन महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन भस्म आरती कोटा प्रथा को समाप्त करता है और हर आम आदमी के लिए भस्म आरती में प्रवेश के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू करता है तब ही महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल के दर्शन हेतु भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सकती है।
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]]>The post आईएसएम एजुटेक के एमबीबीएस के छात्र छात्राओं ने एफएमजीई एग्जाम में किया सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन एफएमजीई में उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया appeared first on Nationalive....
]]>उज्जैन। इंडिया से बाहर एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं को भेजने वाली संस्था आईएसएम एजुटेक, जिनके स्टूडेंट ने भारत में आकर देने वाली एग्जाम एफएमजीई में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। रविवार को उज्जैन में आईएसएम एजुटेक का एक सेमिनार आयोजित हुआ जिसमें इंडिया से बाहर किर्गिस्तान, रशीया जॉर्जिया, कजाकिस्तान आदि देश में एमबीबीएस करने के लिए भेजने वाली संस्था आईएसएम एजुटेक के एफएमजीई में उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।
आईएसएम एजुटेक के मध्य प्रदेश के एग्जीक्यूटिव डॉ एच एम खान ने बताया कि भारत में गुड़गांव में स्थित आईएसएम एजुटेक संस्था जो की दुनिया के कई देशों मैं एमबीबीएस के लिए छात्र-छात्राओं को भेजती है, किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में स्थित आईएचएसएम के छात्र-छात्राओं ने एमबीबीएस कोर्स कंप्लीट करने के बाद भारत में आकर देने वाली एग्जाम एफएमजीई में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
डॉ फनी भूषण पौटू फाउंडर चेयरमेन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर आईएसएम एजुकेट मेड एज्यू केयर ने एफएमजीई में उत्तीर्ण हुए आईएसएम एजूटेक के 100 से अधिक स्टूडेंट्स को सम्मानित किया।
डॉ जी भानु प्रकाश, सीईओ प्रोसियम प्रायवेट लिमिटेड ने बताया कि आईएसएम एजूटेक के स्टूडेंट को एफएमजीई एग्जाम की तैयारी एमबीबीएस कोर्स करने के साथ-साथ सर्वश्रेष्ठ फैकल्टी के माध्यम से कराई जाती है जिसके चलते स्टूडेंट को भारत में आकर एफएमजीई की परीक्षा में उत्तीर्ण होने में आसानी हो जाती है।
इस सेमिनार में मध्यप्रदेश के आईएसएम एजुटेक के एग्जीक्यूटिव डॉ एच एम खान सहित संस्था के कई सदस्य एवं छात्र-छात्राओं के पालक मौजूद थे।
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]]>The post पुष्पा चौहान का टिकिट फाइनल हुआ तो हो सकती है भाजपा की एतिहासिक जीत लगातार राजनीतिक सक्रियता और हर समाज में पैठ हो सकती है सबसे बड़ी ताकत appeared first on Nationalive....
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]]>The post मध्य प्रदेश को मिला डॉ मोहन यादव के रूप में “मिनी मोदी” “करके ही रहूंगा” की कर्मठ कार्यशैली पर कार्य करते हैं डा मोहन यादव appeared first on Nationalive....
]]>“करके ही रहूंगा” की कर्मठ कार्यशैली पर कार्य करते हैं डा मोहन यादव

आपको बता दें कि डॉ मोहन यादव को मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री बने अभी महज दो माह ही बीते हैं और इन दो माह के छोटे अंतराल में ही मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उज्जैन सहित पूरे मध्य प्रदेश में रोजगार बढ़ाने के उद्देश्य से बड़े कदम उठाए हैं जिसमे
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और व्यापार मेला जैसे आयोजन किए गए, इस कदम से न सिर्फ उज्जैन में बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में हजारों युवाओं को रोजगार मिल पाएगा ,मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि यह तो एक शुरुआत है और आगे मध्य प्रदेश के कई जिलों में इस तरह के बिजनेस समिट के आयोजन आगे भी किए जाएंगे जिनमें जबलपुर, रीवा और ग्वालियर में भी रीजनल कॉन्क्लेव आयोजित किए जाएंगे।
“क्या कहा मंत्री चैतन्य कुमार कश्यप ने ”
“क्या कहा नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने”
“283 इकाइयों को भूमि आवंटन-पत्र सौंपे”
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम के दौरान 283 इकाइयों को 508 हेक्टेयर भूमि के लिए आवंटन-पत्र प्रदान किये। इन इकाइयों द्वारा कुल 12 हजार 170 करोड रुपए से अधिक का निवेश कर 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा सकेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने औद्योगिक इकाइयों के पदाधिकारियों को प्रतीक स्वरूप भूमि आवंटन-पत्र प्रदान किए।
“किन-किन उद्योगपतियों ने बिजनेस समिट में हिस्सा लिया?”
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के पहले दिन के दूसरे सत्र में उद्योगपतियों और निवेशकों से वन-टू-वन चर्चा की, डॉ. यादव के साथ विचार-विमर्श किया। जेके सीमेंट के श्री राघवपत सिंघानिया ने प्रदेश में सीमेंट इकाई के विस्तार, वेल्सपन ग्रुप के प्रबंधक निदेशक श्री विपुल माथुर ने टेक्सटाईल इकाई और हेटिच इंडिया के श्री एन्ड्रे एकोल्हड ने फर्नीचर इकाई विस्तार की संभावनाओं पर चर्चा की, ऑटोमोबाईल क्षेत्र में कार्यरत वीई कमर्शियल के श्री विनोद अग्रवाल, टेक्सटाईल क्षेत्र में सक्रिय डोनियर शूटिंग्स के श्री राजेन्द्र अग्रवाल और पेपर उद्योग में सक्रिय सीके बिरला ग्रुप के ओरिएंट पेपर इंडस्ट्रीज लिमिटेड के श्री अश्विन लड्ढा ने भी भेंट एवं चर्चा की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से एलएनटी ग्रुप के श्री एमवी सतीश, टायर मेनुफेक्चरिंग में सक्रिय रालसन ग्रुप के श्री मंजुल पहावा, खाद्य पदार्थ तथा मसाला उद्योग में सक्रिय एमडीएच ग्रुप के श्री राजीव गुलाटी, नकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत ब्लयू लीफ के श्री अमिराम रॉथ और एशियन पेन्ट्स के प्रतिनिधियों ने प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश और औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार के संबंध में विचार-विमर्श किया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वन-टू-वन भेंट के बाद वीई कमर्शियल द्वारा बनाए गये स्मार्ट सिटी इलेक्ट्रिक ट्रक, इलेक्ट्रिक स्टॉफ बस और बेस्ट लाईफ स्टाईल अपेरल प्रा.लि. उज्जैन के पहले शिपमेंट को झंडी दिखाकर रवाना किया।
“रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र में क्या हुआ”
देश के प्रमुख औद्योगिक संस्थानों / समूहों ने उज्जैन में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में मध्य प्रदेश में नए निवेश करने की घोषणा की है। मंच से संबोधन के दौरान
वेलस्पन सिंटेक्स समूह के विपुल माथुर ने वॉटर टैंकों का व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने के लिए एक नई इकाई स्थापित करने की घोषणा की जिसमे उत्पादन भी इसी इस वर्ष के अंत तक शुरू हो जायेगा।
3. वॉल्वो आइशर के विनोद अग्रवाल ने बताया कि लगभग 1500 करोड़ के निवेश के साथ अपनी वर्तमान इकाई का विस्तार करेंगे। नवीन स्थापित किए जाने वाले इकाई में ई-ट्रक और ई-बसों के निर्माण किया जाएगा।
4. जे के सीमेंट के राघवपत सिंघानिया ने बताया की पन्ना में लगभग 2500 करोड़ के निवेश के साथ वर्तमान इकाई का विस्तार करेंगे जिसकी क्षमता 3.3 मिलियन टन प्रति क्लिंकर होगी। यह इकाई 2025 तक उत्पादन में आ जाएगी।
5. प्रणव अडानी ने बताया की मध्य प्रदेश में अडानी समूह इंफ्रास्ट्रक्चर, प्राकृतिक संसाधन, कृषि और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र, शहरी गैस आपूर्ति, बिजली उत्पादन, पंप स्टोरेज इत्यादि क्षेत्रों में लगभग 75000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा जिससे प्रदेश में 15000 रोज़गार की संभावनाएं होंगी।
6. एमएसएमई सेशन के मुख्य बिंदु:
अभिषेक दुबे, एक सोशल एंटरप्रेन्योर है जो अपनी संस्था मुस्कान ड्रीमस के माध्यम से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा प्रदान कर रहे है, जिसमे कोडिंग सहित कई विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, इस संस्था के माध्यम से राज्य में 100 से अधिक लोगों को अभीतक रोजगार प्राप्त हुआ है। ऐसे सोशल एंटरप्रेन्योरस का एक बड़ा नेटवर्क प्रदेश को समावेशी विकास के लक्ष्य को साक्ष करने में मदद करेगा।
पी. नरहरि, आयुक्त, एमपी एम.एस.एम.ई ने बताया की खिलौनों और फर्नीचर आदि के लिए प्रदेश में विशेष पैकेज प्रदान किये जाते है, प्रदेश में 36 क्लस्टर्स स्थापित किये जा रहे है।
7. खाद्य एवं डेरी प्रसंस्करण सेशन के मुख्य बिंदु
पेप्सिको द्वारा विक्रमउद्योगपुरी में 1250 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है, यह विश्व का आठवां कोंनसेंनट्रेट प्लांट होगा जो 500 लोगो को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, वे स्थानीय किसानों एवं एफपीओ के साथ बैकवर्ड लिंकेज में सक्रिय रूप से पेप्सिको प्रयासरत हैं ताकि राज्य में खाद्य प्रसंस्करण के प्रमुख उत्पादों को बढ़ावा मिल सके।
ITC ने प्रदेश के जीआई टैग शरबती गेहूं से निर्मित उत्पाद तैयार कर रहा है। यह एक नयी पहल है जिससे जीआई टैग लोकल सामग्री से विश्व स्तरीय उत्पाद बनाकर प्रदेश में मूल्य संवर्धन किया जा रहा है।
बहर हाल उज्जैन को अब विकास के पंख मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के प्रयासों से लगते स्पष्ट नजर आ रहे हैं, आने वाले समय में यह प्रयास सार्थक होते हैं तो उज्जैन सहित पूरा मध्य प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयां छुएगा।
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]]>The post वर्तमान युग सनातन का वैभव स्थापित होने का युग- महामंडलेश्वर श्री शैलेशानंद गिरी महाराज वर्तमान युग स्वर्णिम युग है “ appeared first on Nationalive....
]]>वर्तमान युग स्वर्णिम युग है ”

उज्जैन, मनोज उपाध्याय! बसंत पंचमी के अवसर पर बुधवार को राजा भोज की नगरी धार में विद्या, ज्ञान, बुद्धि, सुर, संगीत की देवी मां सरस्वती के मंदिर भोजशाला में पूजा अर्चना और महाआरती और धर्म सभा का का आयोजन महामंडलेश्वर स्वामी शैलेश आनंद गिरि महाराज के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ।
हजारों की संख्या में सनातन धर्मावलंबियों ने धूमधाम से ढोल धमाके से पूरे शहर में शोभायात्रा निकाली और इस शोभायात्रा का समापन धार में स्थित मां सरस्वती के प्राचीन मंदिर भोजशाला में जाकर समाप्त होगा जहां महामंडलेश्वर स्वामी शैलेश आनंद गिरि महाराज के साथ हजारों की संख्या में सनातन धर्म के अनुयायियों ने मां सरस्वती के तस्वीर की पूजा अर्चना की और महा आरती की गई,इसके बाद महामंडलेश्वर शैलेश आनंद गिरि महाराज ने धर्म सभा को संबंधित किया।
वर्तमान युग सनातन का वैभव स्थापित होने का
युग- महामंडलेश्वर शैलेशानंद गिरी महाराज”
500 वर्ष से भी अधिक वर्षों के इंतजार के बाद 22 जनवरी को हमने रामलला को अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर विशाल मंदिर में स्थापित होने के साक्षी होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ , काशी विश्वनाथ मंदिर के अलौकिक निर्माण जैसे संकल्पों को साकार होते हुए देखा है , जिसे देखकर प्रतीत होता है कि वर्तमान योग सनातन का वैभव पुनः स्थापित हो रहा है, लेकिन अभी भी भारत में सैकड़ो सनातन धर्मस्थल ऐसे हैं जिन्हें आक्रांताओं ने अपने मूल रूप से परिवर्तित कर दिया था इनमें से एक राजा भोज की नगरी धार में स्थित मां सरस्वती की पूजा स्थली है जिसमें पुरातन काल से मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित थी जहां उनकी पूजा अर्चना की जाती थी जिसे देशकाल और परिस्थिति के चलते विस्थापित कर दिया गया, जिसे पुन स्थापित करने का समय अब है,क्योंकि ऐतिहासिक सनातन धार्मिक स्थलों का मूल रूप क्या था जिसे आक्रांत होने बदल दिया, और यह कई शोध संस्थानों के द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत भी किया गया है और इसी के चलते न्यायालय के द्वारा भी सत्य के पक्ष में ही निर्णय किये जा रहे हैं, सत्ता भी सनातन हितेषी है।
“वर्तमान युग स्वर्णिम युग है ”
महामंडलेश्वर श्री शैलेश नंद गिरी महाराज ने कहा कि वर्तमान युग स्वर्णिम युग कहलायेगा जहां सनातन की संपूर्ण विश्व में पुनर्स्थापना होगी और भारत विश्व गुरु कहलायेगा, इस स्वर्णिम युग में सत्ता पक्ष के द्वारा ऐतिहासिक निर्णय एवं कार्य किये जा रहे हैं , इसलिए सनातन धर्म के सभी अनुयायियों को एकजुट होने की आवश्यकता है, हमारे धर्म ग्रंथो और पुरातन सनातन के इतिहास का हमारे युवा बड़ी को अध्ययन कर उसका अनुसरण करने की आवश्यकता है।
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राष्ट्रीय संत बाल योगी श्री उमेश नाथ जी महाराज होंगे राज्य सभा सांसद
उज्जैन, मनोज उपाध्याय! राज्यसभा चुनाव को लेकर आज सुबह भारतीय जनता पार्टी ने पांच नामों की घोषणा की, जिसमें श्री क्षेत्र वाल्मिकी धाम के संत बालयोगी उमेश नाथ जी महाराज को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया गया है। बताया जाता है कि कल चुनाव के लिए नामांकन दर्ज करने की अंतिम तारीख है, इसीलिए आज यह घोषणा की गई है।
“सबका साथ सबका विकास के संकल्प को सार्थक किया मोदी जी ने – राष्ट्रीय संत बाल योगी श्री उमेश नाथ जी महाराज ”
वाल्मिकी धाम के पीठाधीश्वर बाल योगी श्री उमेश नाथ जी महाराज ने बताया कि यह पहली बार हुआ है जब उज्जैन से किसी संत का नाम राज्यसभा सांसद के लिए प्रस्तावित किया गया है मोदी जी को बहुत साधुवाद और आशीर्वाद, मैं भी सनातन धर्म की मर्यादा अनुसार इस जिम्मेदारी को निभाने का प्रयास करूंगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबका साथ और सबका विकास के संकल्प को सार्थक किया।
*पूज्य राष्ट्रीय संत बाल योगी श्री उमेश नाथ जी महाराज पीठाधीश्वर श्री क्षेत्र वाल्मीकि धाम आश्रम उज्जैन*
सन 1964 बाल्यावस्था से साधु है, आपके पूज्य माताजी पिता जी ने महायोगी श्री गोरक्षनाथ जी के धुने पर जन्म लेने के बाद चढ़ा दिया था तब से आज तक सन्यासी जीवन चल रहा है आपका लक्ष्य है कि मानव समाज में आध्यात्मिकता संस्कारिकता मर्यादिता एवं सभ्यता बनी रहे में समाज में एकात्मता भाईचारा समरसता सद्भाव बना रहे और मानवीय जीवन को सार्थकता मिले आप सन्यासी जीवन से ऊंचे उठकर समाज के लिए जीना ज्यादा पसंद करते हैं समाज में से कुरीतियां खत्म, हो समाज नेक रास्ते पर चले, इस हेतु विभिन्न पद यात्राएं भारत भ्रमण निरंतर जारी रहता है,वाहनों की यात्राएं, ट्रेन की यात्राएं, हवाई जहाज की यात्रा समाज में से जाति पंथ संप्रदाय खत्म हो इस उद्देश्य को लेकर आपका एक आंदोलन निरंतर सक्रिय रहता है
*जाति पंथ संप्रदाय तोड़े राष्ट्र को जोड़ें*
बाल योगी उमेश नाथ जी महाराज 1992 में 8 प्रांतों के राजकीय अतिथि रह चुके है । आपका शिक्षण दर्शन शास्त्र में एम. ए. तक हुआ है। मध्य प्रदेश राजस्थान में सबसे पहले राजकीय अतिथि का दर्जा प्राप्त हुआ है आपको *गौरव इंडिया अवार्ड* से भी सम्मानित किया गया है, साथ ही विभिन्न अवार्ड प्राप्त हुए हैं कर्मवीर अवार्ड ,छत्तीसगढ़ अवार्ड,हरियाणा अवार्ड, समाज गौरव अवॉर्ड,राजस्थान अवार्ड उसी के साथ *अवध यूनिवर्सिटी द्वारा समरसता अवार्ड* से भी आपको सम्मानित किया गया है, आप देश विदेशों की यात्राएं भी करते हैं आपका जीवन पूर्ण रूप से सादगी जीवन एवं सरल जीवन मधुर भाषी रहता है
अवंतिका पुरी उज्जैन में वाल्मीकि समाज के धर्म गुरु प्रातः स्मरणीय अनंत श्री विभूषित स्वामी सोहन दास जी महाराज की समाधि स्थल पर *श्री क्षेत्र वाल्मीकि धाम* का निर्माण किया गया गोरक्षनाथ जी की धूनी चेतन की गई गौशाला भोजनशाला, चिंतन शाला सभामंडप, वाल्मीकि घाट सीसी कांक्रीट रोड लाइट पानी विश्राम की व्यवस्था के साथ सामाजिक संस्कार शाला आदि का निर्माण किया गया है, यह स्थान संपूर्ण भारतवर्ष के वाल्मीकि धर्म अनुयायियों का हृदय स्थल एवं पावन तीर्थ है और पूरे आश्रम परिधि में पहुंचने के बाद प्राचीनता का आभास होता है आश्रम में गुरुकुल जैसी व्यवस्था यहां पहुंचने पर पाश्चात्य सभ्यता का कहीं नामोनिशान नहीं मिलता है इस स्थान को पावन पवित्र एवं मर्यादित सभ्यता में रखने के लिए पूज्य महाराज श्री बाल योगी उमेश नाथ जी का पूरा प्रयास रहता है समाज के प्रत्येक वर्ग के लोग भी इनके विनम्र आदेश को स्वीकार करके आश्रम की व्यवस्था में संलग्न रहते हैं इस आश्रम की आभा और चर्चा पूरे देश में फैल रही है इस स्थान पर महाराज श्री के पहुंचने के बाद 41 दिन में भूमि में से शिवलिंग प्रकट हुआ है जिसका नामकरण संस्कार कर कमलेश्वर वाल्मीकेश्वर महादेव रखा गया है निकट ही बरगद का पेड़ और गंगा जी प्रकट हुई है आश्रम पर लगभग 5 अखंड जोत जग रही है, अखंड धूनी, अखंड भंडारा, अखंड साधु संतों की सेवा चल रही है अखंड आरती प्रार्थना पूजा निरंतर चालू रहता है इसी के साथ इस स्थान पर देश की उच्च कोटि के संत शिरोमणि समाज सेवक, बड़े राजनेता प्रशासनिक अधिकारी सभी अपने स्तर पर पूज्य संत बाल योगी उमेश नाथ जी से आशीर्वाद प्राप्त करने तथा मार्गदर्शन लेने के लिए निरंतर आते रहते हैं इस स्थान पर दलगत राजनीतिक से ऊंचे उठकर सभी का सम्मान किया जाता रहा है।
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उज्जैन जिले की 19 लाख जनता में से सिर्फ 5 से 7 हजार लोग ही देश के गृहमंत्री को सुन और देख पाएंगे
उज्जैन, (मनोज उपाध्याय) मध्य प्रदेश में चुनाव का ऐलान होने के बाद उज्जैन शहर में देश के गृहमंत्री अमित शाह पहली चुनावी सभा कल शहीद पार्क पर करेंगे, इस सभा के चलते शहर के लोगों में देश के गृहमंत्री अमित शाह को देखने और सुनने के लिए खासा उत्साह देखा जा रहा है लेकिन पूरे जिले की लगभग 19 लाख जनता जिसमें से उज्जैन शहर की लगभग 7 लाख से अधिक जनसंख्या में से महज 5 से 7 हजार लोग ही देश के गृहमंत्री अमित शाह की सभा में शामिल होकर उन्हें देख और सुन पाएंगे, इसका कारण यह है कि यह सभा उज्जैन के फ्रीगंज क्षेत्र में शहीद पार्क पर होने जा रही है शहीद पार्क पर अमित शाह जहां से संबोधित करेंगे वहां मंच बन कर तैयार हो चुका है और यहां से सामने घंटाघर है इसके बीच की दूरी लगभग 300 मी से 400 मी ही है आसपास घनी आबादी और मार्केट होने की वजह से पूरा पूरा क्षेत्र बिल्डिंग से घिरा हुआ है शहीद पार्क से घंटाघर के बीच अक्सर कवि सम्मेलन ,संगीत के कार्यक्रम एवं इस प्रकार के अन्य कई कार्यक्रम होते रहते हैं और इसमें अगर कार्यक्रम देखने के लिए जनता पूरी क्षमता से भी आती है तो 5 से 7 हजार से अधिक नहीं हो पाती है, ऐसे में उज्जैन में कल मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव की पहली सभा होगी जिस देश के गृहमंत्री अमित शाह संबोधित करेंगे लेकिन पूरे उज्जैन जिले की जनसंख्या 19 लाख जिसमें उज्जैन की जनता लगभग 7 लाख से अधिक है जिनमें से इस सभा में 5 से 7 हजार जनता ही इस सभा में श्रोता के रूप में सम्मिलित हो पाएगी बाकी की पूरे जिले की जनसंख्या के मान से लगभग 18 लाख से अधिक जनता देश के गृहमंत्री अमित शाह को देखने और सुनने से वंचित रह सकती है, और सिर्फ उज्जैन शहर की बात करें तो लगभग 7 लाख जनता गृहमंत्री को देखने और सुनने से वंचित रह सकते हैं, लोगों में इसके प्रति बड़ी निराशा देखी जा रही है कि सभा का स्थल घनी आबादी वाला जहां सीमित संख्या में श्रोता इकट्ठा हो पाते हैं इस प्रकार की जगह का चुनाव जिम्मेदारों की तरफ से क्यों किया गया, यह भारतीय जनता पार्टी के उज्जैन से लेकर भोपाल तक के पदाधिकारी ही बता सकते हैं, मध्य प्रदेश में चुनावी माहौल चल रहा है और उज्जैन में होने वाली इस पहली सभा में भाजपा के सर्वोच्च पदाधिकारी एवं भारत सरकार के गृहमंत्री आ रहे हैं इसलिए जनता में इस सभा के प्रति खासा उत्साह देखा जा रहा है,जनता के बीच चर्चा यह है कि देश के गृहमंत्री की सभा का स्थल उनके पद और गरिमा के अनुसार ही किया जाना था, उज्जैन पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा के अनुसार इस सभा के इंतजाम के लिए लगभग 1500 से अधिक पुलिस कर्मी लगाए गए हैं।
बहर हाल उज्जैन दक्षिण में होने वाली यह सभा, इस क्षेत्र से भाजपा ने डॉ मोहन यादव को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, और उज्जैन उत्तर से अनिल जैन कालूहेड़ा शहर में कल पहली चुनावी सभा होने जा रही है जिसे भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं देश के गृहमंत्री अमित शाह संबोधित करेंगे।
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अब क्या झाड़ू को फिर बागी की है तलाश?
उज्जैन, उज्जैन उत्तर में फिर हुआ चुनावी उलट फेर, कांग्रेस पार्टी से टिकट न मिलने पर हुए बागी विक्की यादव ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली थी और पंजे का साथ छोड़कर हाथ में झाड़ू पकड़ ली थी , लेकिन अचानक यादव ने यू टर्न लेते हुए वापस बैक टू पवेलियन होना उचित समझा है ऐसा क्यों समझा है यह कहना अभी जल्दबाजी होगी , और आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी को विक्की यादव के पार्टी में वापस लौटने पर उज्जैन उत्तर को कितना फायदा होगा यह देखने वाली बात होगी ,आपको बता दें कि ऐसा उज्जैन उत्तर में 2013 में भी हुआ था जब कांग्रेस की माया राजेश त्रिवेदी को टिकट नहीं दिया गया था तब पार्टी ने विक्की यादव को टिकट दिया था, तब उन्होंने भी बागी रूख अपनाते हुए निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी लेकिन उस समय भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें समझा बुझा कर निर्दलीय चुनाव लड़ने से रोक दिया था, लेकिन कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता विक्की यादव की हार को जीत में नहीं बदल पाए, लेकिन 2018 में तो पार्टी के वरिष्ठ नेता भी उत्तर में टॉर्च जलाने से रोक नहीं पाए , और नतीजा यह हुआ था कि कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी राजेंद्र भारती की बुरी तरह हार हुई थी, ठीक इसी प्रकार इस बार कांग्रेस पार्टी ने माया राजेश त्रिवेदी को उज्जैन उत्तर से टिकट दिया और इस बार विक्की यादव ने टिकट न मिलने पर बागी रुख अपनाते हुए आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया था ,लेकिन एक बार फिर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने विक्की यादव को मना लिया और उज्जैन उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशी माया राजेश त्रिवेदी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का भरोसा जताया है, अब देखना यह है कि विक्की यादव के साथ से माया राजेश त्रिवेदी का हाथ कितना मजबूत होगा यह समय ही बताएगा, फिलहाल टोर्च की रोशनी की चका चौंध ने हाथ से झाड़ू छोड़ने पर मजबूर कर दिया,बेचारी झाड़ू घर की रही न घाट की , इस घटनाक्रम से ऐसा प्रतीत होता है कि झाड़ू सिर्फ डराने के काम में आती है चर्चा शहर में यह भी थी कि भरत पोरवाल भी झाड़ू पकड़ सकते थे लेकिन उनके अरमान भी ठंडा कर दिए गए हैं,अब क्या झाड़ू को किसी और बागी का इंतजार है?
“क्या कहता है मध्यप्रदेश में बागियों का राजनेतिक इतिहास”
अगर कांग्रेस पार्टी की बात करें तो 2019 में कांग्रेस पार्टी के चुने हुए जनप्रतिनिधियों ने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामा था जिसके चलते कमल नाथ की सरकार मध्य प्रदेश में गिर गई थी इसके साथ ही ज्योतिराज सिंधिया गुट के सभी नेताओं ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था जिसमें उज्जैन से राजेंद्र भारती उमेश सेंगर संजय ठाकुर भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे, इसके साथ ही कांग्रेस के जयसिंह दरबार ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा से हाथ मिला लिया था यह बात और है कि भाजपा ने इस बार सिंधिया गुट के किसी नेता को टिकट दिए जाने की लिस्ट में शामिल नहीं किया, वहीं अगर भाजपा की बात करें तो विधानसभा चुनाव 2023 में मध्य प्रदेश से लगभग 40 नेताओं ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है,मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी नेताओं का लगातार पार्टी से होता मोहभंग सत्तारूढ़ दल के लिए बड़ी चुनौती बन गया है, ऐसा कोई हफ्ता नहीं जा रहा जब भाजपा से कोई नेता कांग्रेस में नहीं जा रहा हो,ऐसे नेताओं की संख्या 40 के पार पहुंच गई है, लेकिन लोकतंत्र में चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के नेताओं की दल बदल करने की कूद फांद किया जाना फिर भी ठीक है लेकिन चुनाव में जनता के द्वारा जनप्रतिनिधि चुन लिए जाने के बाद जन प्रतिनिधि का दल बदल किया जाना लोकतंत्र की हत्या और जनता के विश्वास का हनन कहलाता है, ऐसे में इस प्रकार से चुनाव के बाद जनप्रतिनिधियों के द्वारा दल बदल किए जाने पर संविधान में बदलाव किए जाने की आवश्यकता है, क्योंकि ऐसे में लोकतंत्र में चुनाव किए जाने के कोई मायने नहीं रह जाते हैं, खैर अभी चुनाव मध्य प्रदेश में होना बाकी है और चुनाव के बाद किसकी सरकार बनती है और उसे समय राजनीतिक परिदृश्य क्या होता है कहना जल्दबाजी होगी।
“क्या राजनीति में जनता के विश्वास की कोई कीमत नहीं है”
राजनीति के खेल में यह सब आम बात है, इससे पहले भी चुने हुए हाथ ने कमल का फूल पड़कर मध्य प्रदेश में सरकारी बगीचा बनाया था,ये राजनीति है यहां जनता की भावनाओं के लिए कोई स्थान नहीं है,
लोकतंत्र का त्योहार मनाने में जहां करोड़ों रुपए जनता के खर्च होते हैं और जनता नेताओं और अपनी विचारधारा से मेल खाने वाले राजनेतिक दल पर विश्वास जताते हुए अपना बहुमूल्य वोट देती है,लेकिन चुनाव के बाद वही जनप्रतिनिधि चंद सिक्कों के आगे घुटने टेक देते हैं और ऐसे में जनता के विश्वास के और चुनाव के कोई मायने नहीं रह जाते, और ऐसे में सवाल यह भी है कि क्या ऐसे जनप्रतिनिधि वास्तव में जनता की सेवा करने का अपना कर्तव्य निभाते हैं और जनता के विश्वास के प्रति ईमानदार रह पाते हैं शायद नहीं, क्योंकि जो नेता चुनाव से पहले रोडपति होते हैं वह चंद सालों में करोड़पति कब और कैसे बन जाते हैं यह एक शोध का विषय है ऐसे में जनता का सवाल चुनाव आयोग से है की चुनाव प्रक्रिया के बाद चुने हुए जनप्रतिनिधि अगर दल बदल करते हैं तो उस जनप्रतिनिधि की विधानसभा या लोकसभा की सदस्यता रद्द कर देनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी जनप्रतिनिधि जनता के विश्वास के साथ खिलवाड़ न कर सके।
बहरहाल मध्य प्रदेश में अभी चुनाव की घोषणा हुई को कुछ ही दिन हुए हैं और इन कुछ दिनों में ही कई उलट फेर हमने उज्जैन की राजनीति में देखे हैं अभी आगे चुनावी परिदृश्य में और क्या परिवर्तन दिखाई देंगे यह देखने वाली बात होगी।
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