क्या आरक्षण की समीक्षा आवश्यक है?

आजादी के 70 साल से ज्यादा होने के बाद भी हमारी विचारधारा और उसके आधार पर देश किस दिशा में आगे बढ़ रहा है यह एक सोचनीय और चिंतनीय विषय है ! हमें और हमारी सरकारों को इन 70 सालों में आरक्षण ने क्या दिया और हमने इसके कारण क्या कीमत चुकाई है और भविष्य […]

“आखिर कब तक रहेगी मूलभूत सुविधाएं चुनावी मुद्दा”

सन 1947 से आज तक हर राजनीतिक पार्टी चुनाव के वक्त मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क ,पानी, बिजली, शिक्षा ,स्वास्थ्य और सबसे महत्वपूर्ण रोजगार चुनावी मुद्दा बनाती आ रही है। अमेरिकी परमाणु हमले के बाद पूरी तरह से तबाह होने वाला छोटा सा देश जापान महज कुछ ही सालों में क्यों पुनः विकसित देश बन जाता […]

” स्मार्ट सिटी से बना स्मार्ट गांव”

अगर हम कहे कि कोई शहर 30 साल पहले स्मार्ट शहर की श्रेणी में आता था और आज स्मार्ट गांव बन चुका है तो इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए ऐसा हमने क्यों कहा क्योंकि आज से लगभग 30 साल पहले उज्जैन शहर के पास वह सब कुछ था जो एक शहर को स्मार्ट बनाता है […]

“झोलाछाप या फस्ट एड”

सरकार द्वारा चलाए गए कुछ प्राथमिक उपचार के लिए कोर्स जैसे सीएचवी , ई एम टी ,जी एन एम, बी एन वाई एस, बीईएमएस आदि हैं जिसमें ग्रामीण क्षेत्र या शहर से दूर तहसील स्तर पर लोगों को प्राथमिक उपचार मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा इस प्रकार के कोर्स नौजवानों को कराए जाते हैं […]

“क्या मध्यप्रदेश लेगा गुजरात से सीख”

हाल ही में आए गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम ने भाजपा को सोचने पर मजबूर कर दिया है, भाजपा गुजरात के चुनाव तो जीती लेकिन जीत फिकी सी प्रतीत होती है राजनीतिक विश्लेषक इसके पीछे जातिगत वोटों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं क्योंकि जातिगत राजनीति के कारण भाजपा को गुजरात के चुनाव में भारी नुकसान […]

अजनबी सहारे

आजकल की भागदौड़ की जिंदगी में कभी-कभी ऐसा लगता है कि मानवता जैसे दुनिया में है ही नहीं, लेकिन जब इंदौर के एमवाय हॉस्पिटल में सहायता और सुफलाम ग्रुप के लोगों को मरीजों की सेवा में

” ये हे प्रेम की परिभाषा”

आजकल की भागदौड़ की जिंदगी में हम इतने व्यस्त हो गए हैं की इंसानों का इंसान से प्रेम एक औपचारिकता रह गया है ऐसे में अगर कोई वानर से इतना प्रेम करता है तो इसको एक अचंभा ही कहेंगे और हो भी क्यों ना इंसानों का वानर से नाता भी बहुत गहरा है जब किसी […]