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धर्म समाचार Archives - Nationalive... https://nationallive.in/archives/category/धर्म-समाचार Mon, 27 Oct 2025 13:02:51 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 https://nationallive.in/wp-content/uploads/2023/03/Mice-Logo-2.png धर्म समाचार Archives - Nationalive... https://nationallive.in/archives/category/धर्म-समाचार 32 32 हिंदू संस्कृति को धूमिल करने की हो रही है साज़िश…? https://nationallive.in/archives/1338 https://nationallive.in/archives/1338#respond Thu, 12 Jun 2025 00:10:44 +0000 http://nationallive.in/?p=1338 200 वर्षों से अधिक ,मुगलों ने ,100 वर्षों से अधिक अंग्रेजों ने ,भारत पर राज किया, जिसमें हिंदुस्तान के लोगों पर इतने जुल्म किए गए, जिस पर कई ग्रंथ लिखे जा सकते हैं ,जिसमें हिंदू संस्कृति को मिटाने की पुरजोर कोशिश की गई, लेकिन छत्रपति शिवाजी ,महाराणा सांगा ,महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान जैसे कई महा […]

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200 वर्षों से अधिक ,मुगलों ने ,100 वर्षों से अधिक अंग्रेजों ने ,भारत पर राज किया, जिसमें हिंदुस्तान के लोगों पर इतने जुल्म किए गए, जिस पर कई ग्रंथ लिखे जा सकते हैं ,जिसमें हिंदू संस्कृति को मिटाने की पुरजोर कोशिश की गई, लेकिन छत्रपति शिवाजी ,महाराणा सांगा ,महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान जैसे कई महा योद्धाओं ने मुगलों से लोहा लेकर हिंदू संस्कृति को खत्म होने से बचाया, वहीं भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद ,रानी लक्ष्मीबाई जैसे देशभक्तों ने अंग्रेजों के साथ दो-दो हाथ किए ।
आजादी के 70 साल के बाद अब एक बार फिर हिंदू संस्कृति को धूमिल एवं बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है ,अनुभव सिन्हा द्वारा आर्टिकल 15 फिल्म बनाई गई जिसमें यह दर्शाने की कोशिश की जा रही है की 70 सालों में ब्राह्मणों ने, जिसका एक रूप राजाओं के गुरु, तो दूसरा जंगलों में आश्रम बनाकर ईश्वर की तपस्या करना ,तो वही एक रूप गरीब ब्राम्हण सुदामा का भी रहा है, लेकिन इस फिल्म के माध्यम से यह दुष्प्रचार फैलाने की कोशिश की जा रही है कि ब्राह्मण जाति की संस्कृति एक क्रूर एवं अत्याचारी रही है ,इस फिल्म के माध्यम से आज हिंदू संस्कृति को धर्म एवं जाति के आधार पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है ताकि हिंदुओं में आपस में फूट एवं एक दूसरे के प्रति दुर्भावना फैले और हिंदू संस्कृति छिन्न-भिन्न हो सके, इस फिल्म का मध्य प्रदेश सहित कई प्रदेशों में ब्राह्मण संगठनों द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है एवं राज्य शासन द्वारा फिल्म को दिखाने पर प्रतिबंध लगाया गया है ।
अभी तक तो आर्टिकल 15 फिल्म के माध्यम से ब्राह्मणों को ही अत्याचारी बताने का प्रयास हो रहा था लेकिन पूर्व विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर के पुत्र प्रयाग अकबर ने नेटफ्लिक्स पर लीला फिल्म का निर्माण किया इस फिल्म में पूरी हिंदू संस्कृति को ही हिंसक एवं अत्याचारी दर्शाने की कोशिश की गई है ,लीला फिल्म के माध्यम से यह दर्शाने की कोशिश की गई है कि हिंदूराष्ट्र वह कल्पना है जहां गैर हिंदू को जीने का कोई हक नहीं है, जहां गैर हिंदुओं के लिए तानाशाही है और हिंदू असहिष्णु है ,दोनों ही फिल्मों का निचोड़ देखा जाए तो स्पष्ट प्रतीत हो रहा है कि हिंदू संस्कृति को धूमिल करने की साजिश हो रही है ,एवम दुनिया को दर्शाया जा रहा है कि हिंदू बाहुल्य भारत में हिंदू या हिंदू संस्कृति दूसरे धर्म एवं जाति के लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं, इस तरह की मनगढ़ंत कहानियों पर आधारित फिल्मों का यकायक बनना यह दर्शाता है कि एक बार फिर असहिष्णुता एवं अवार्ड वापसी गैंग फिर सक्रिय दिखाई पड़ रही है, जिनका मुख्य उद्देश्य हिंदू संस्कृति को बदनाम एवं धूमिल करना है ,यह सब तब हो रहा है जब मोदी सरकार एक बार फिर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के बाद ,तीन तलाक के माध्यम से मुस्लिम महिलाओं पर हो रहे अत्याचार से निजात दिलाने के लिए तीन तलाक को खत्म करना, सरकार की प्राथमिकता ,एवम सबका साथ सबका विकास की कार्यशैली है।
हिंदू संस्कृति तो “वसुदेव कुटुंबकम” वाली संस्कृति है जिस को धूमिल करने के लिए षडयंत्र रचा जा रहा है ऐसे में सवाल ये उठता है कि हिंदुस्तान के इतिहास की कड़वी सच्चाई जिसमें औरंगजेब, बाबर ,हुमायूं ,महमूद गजनवी, मोहम्मद गोरी जैसे अनेकों मुगल शासक, जिन्होंने हिंदुस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार की सारी सीमाएं लांघी थी, क्यों कोई उस अत्याचार को दर्शाने वाली फिल्में बनाने की हिमाकत नहीं करता, क्यों हजारों कश्मीरी पंडितों की हत्या एवं पलायन की विवशता को लेकर फिल्में बनाने की जुर्रत नहीं करता ?दरअसल इस प्रकार की फिल्मों का तथ्यों से कोई लेना देना नहीं होता, बल्कि इनका मूल उद्देश्य भारत की हिंदू संस्कृति को धूमिल एवं बदनाम करना एवं भारत के लोगों को धर्म और जाति के आधार पर बांटकर ,हिंदू संस्कृति को खत्म करना है।
ऐसे में भारत सरकार एवं सेंसर बोर्ड को चाहिए कि इस प्रकार की फिल्मों के प्रदर्शन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए एवं भविष्य में भारत को धर्म एवं जाति के आधार पर बांटने वाली फिल्मों के निर्माण पर भी प्रतिबंध लगे।

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सनातन धर्म पर हुए प्रहार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता…. https://nationallive.in/archives/1912 https://nationallive.in/archives/1912#respond Mon, 20 Apr 2020 11:59:55 +0000 http://nationallive.in/?p=1912 पालघर जो मुंबई से महज 87 किलोमीटर की दूरी पर है में गाँव बालों ने 2साधुओं महाराज कल्पवृक्षागिरि, सुशीलगिरि महाराज और उनके कार चालक निलेश तेलगाड़े  की बेरहमी से पीट पीट कर हत्या कर दी . एक वायरल हो रहे वीडियो में भीड़ के वहशीपन का नंगा सच साफ साफ दिख रहा है कि बेकाबू […]

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पालघर जो मुंबई से महज 87 किलोमीटर की दूरी पर है में गाँव बालों ने 2साधुओं महाराज कल्पवृक्षागिरि, सुशीलगिरि महाराज और उनके कार चालक निलेश तेलगाड़े  की बेरहमी से पीट पीट कर हत्या कर दी . एक वायरल हो रहे वीडियो में भीड़ के वहशीपन का नंगा सच साफ साफ दिख रहा है कि बेकाबू और बेलगाम भीड़ ने किस तरह एक और दर्दनाक और निर्मम वारदात को अंजाम दिया ।

पूरे देश में समस्त सनातनी अखाड़ा के संतों ने इस घटना पर कड़े शब्दों में निंदा करते हुए आक्रोष प्रकट करते हुए केंद्र सरकार एवं महाराष्ट्र की राज्य सरकार को इस नृशंस एवं निर्मम हत्या करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की गई वहीं पूरे भारत में हिंदू समाज में भी इस घटना को लेकर आक्रोश व्याप्त है देश के कई राज्यों से इस घटना की हिंदूवादी संगठनों द्वारा कड़े शब्दों में निंदा की जा रही है एवं महाराष्ट्र पुलिस पर भी सवालिया निशान लगाया जा रहा है जिनकी मौजूदगी में संतों की हत्या की गई।

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी जी महाराज मिर्ची बाबा ने भी इस घटना पर कड़ा विरोध जताते हुए घटना में संलिप्त लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की एवं इस घटना की सीबीआई जांच कराने की भी मांग की।

पालघर महाराष्ट्र में जूना अखाड़े के सन्तों की जघन्य हत्या को सनातन संस्कृति , हिन्दू धर्म एवं आद्य शंकराचार्य जी की पावन परम्परा पर हमला मानते हुए मैं इस हृदय विदारक घटना की घोर निन्दा करता हूँ । दिवंगत आत्माओं को विनम्र श्रद्धाञ्जलि अर्पित करता हूँ ।
परमहंस डॉ अवधेशपुरी महाराज, स्वस्तिक पीठ पूर्व महामंत्री अखाड़ा परिषद उज्जैन ने भी इस घटना पर कड़ा विरोध जताते हुए इस घटना की निंदा की एवं हत्यारों को कड़ीी से कड़ी सजा देने की मांग की  उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार इस घटना को हल्के में ना ले सनातन धर्म एवं हिंदू धर्म कभी भी इस घटना को माफ नहीं करेगा ।

 

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धर्मगुरु आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज ने जनता से किया ,अनुरोध… https://nationallive.in/archives/1817 https://nationallive.in/archives/1817#respond Sat, 21 Mar 2020 09:33:11 +0000 http://nationallive.in/?p=1817 आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु ने,भारतवर्ष के 130 करोड़ लोगों को प्रार्थना पूर्वक  एक संदेश दिया, कोरोना वायरस से निपटने के लिए आप सभी लोग अपने हाथ को अच्छे से धोएं ,कपड़ा मुख पर बांध के निकले, ज्यादा भीड़ भाड़ में न खड़े रहें,उन्नाव के कार्य सारे रद्द कर दें और विदेश […]

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आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु ने,भारतवर्ष के 130 करोड़ लोगों को प्रार्थना पूर्वक  एक संदेश दिया, कोरोना वायरस से निपटने के लिए आप सभी लोग अपने हाथ को अच्छे से धोएं ,कपड़ा मुख पर बांध के निकले, ज्यादा भीड़ भाड़ में न खड़े रहें,उन्नाव के कार्य सारे रद्द कर दें और विदेश से आए हुए लोगों से संपर्क न करें,आचार्य ने कहा कि मैं उन डॉक्टरों को भी धन्यवाद देता हूं जो इस बीमारी से लड़ने के लिए आम जनता के साथ न सिर्फ खड़े हैं बल्कि दिन रात अपने स्वास्थ्य की परवाह करे बगैर लोगों को जल्द से जल्द स्वच्छता प्रदान हो, इसके लिए सतत कार्यरत है।

स्वामी जी का कहना है कि लोगों को अफवाहों पर ध्यान ना देकर, मानसिक तनाव से दूर रहकर ,अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े इस प्रकार का भोजन करना चाहिए, खांसी और बुखार होने पर घरेलू एवं सोशल मीडिया पर प्रचलित इलाज ना करके स्थानीय प्रशासन द्वारा दिए हेल्पलाइन नंबर फोन लगाकर सरकार द्वारा पदस्थ डॉक्टरों से ही जांच एवं उपचार लेना चाहिए।

 देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 1 दिन के जनता कर्फ्यू एवं  संदेश के साथ अच्छे विचारों में सभी को साथ खड़ा होना चाहिए ,भारत में  कोरोना को लेकर सभी मंदिर, मस्जिद ,गुरुद्वारा, चर्च, सभी प्रार्थना, घर पर ही  कर लें, भीड़-भाड़ से हम सभी बचें,दवा और दुआ दोनों ही समय से करना चाहिए ।

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज ने इस बात पर भी जोर दिया की CAA के विरोध में बेगम बाग उज्जैन में धरने पर  बैठे मुस्लिम समाज के लोगों से भी अपील की है उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से मुस्लिम समाज को भी बचने की आवश्यकता है ,धर्मगुरु आचार्य ने कहा कि जब हमारा शरीर स्वस्थ होगा तभी हम सरकार कि किसी नीति का विरोध कर पाएंगे ,कोरोना वायरस संक्रमण पूरी दुनिया में फैल रहा है यह संक्रमण किसी भी धर्म या संप्रदाय को देखकर नहीं फैल रहा, बल्कि जरा सी असावधानी से यह पूरे समाज को ,पूरे शहर को,ओर पूरे देश को अपनी चपेट में ले कर मनुष्य जीवन की लीला समाप्त कर सकता है, इसलिए मैं मुस्लिम  समुदाय से आव्हान करता हूं कि न सिर्फ उज्जैन बल्कि दिल्ली के शाहीन बाग सहित पूरे भारत में जहां कहीं भी धरना प्रदर्शन हो रहा है  उसे तुरंत समाप्त करने की आवश्यकता है।

ज्ञात रहे कि आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज जो मध्य प्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेता  दिग्विजय सिंह  के खास माने जाने वाले  वाले ,मिर्ची बाबा के नाम से शुमार है एवं मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त थे।

सर्व राष्ट्र सुखाय नमः

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः,
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्।

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बरसों पुराने विवाद पर पूर्ण विराम लगाया उच्चतम न्यायालय ने… https://nationallive.in/archives/1592 https://nationallive.in/archives/1592#respond Sat, 09 Nov 2019 11:28:25 +0000 http://nationallive.in/?p=1592 अयोध्‍या केस में सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को बरसों के विवाद पर पूर्ण विराम लगाया  , सीजेआई रंजन गोगोई की अध्‍यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने फैसले में कहा कि विवादित जमीन रामलला विराजमान को दी जाए,साथ ही सरकार राम मंदिर ट्रस्‍ट बनाकर 3 महीने में मंदिर की योजना तैयार करे, 2.77 एकड़ विवादित जमीन […]

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अयोध्‍या केस में सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को बरसों के विवाद पर पूर्ण विराम लगाया  , सीजेआई रंजन गोगोई की अध्‍यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने फैसले में कहा कि विवादित जमीन रामलला विराजमान को दी जाए,साथ ही सरकार राम मंदिर ट्रस्‍ट बनाकर 3 महीने में मंदिर की योजना तैयार करे, 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर सरकार का हक रहेगा,इस फैसले का पूरे भारत सभी सम्प्रदाय के लोगों ने स्वागत किया,एवम सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मान्य करने करने की बात कही गई,लोगों ने माननीय उच्चतम न्यायालय का आभार व्यक्त किया और कहा कि तथ्यों के आधार पर माननीय न्यायालय ने इस वर्षो पुराने विवाद को सुलझाया,

वहीं दूसरे पक्ष सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन  दी जाए. यह जमीन या तो अधिग्रहित जमीन हो या अयोध्‍या में कहीं भी हो,बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, उससे खुश हूं। मैं कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं।

इस फैसले पर देश प्रमुख लोगों के संदेश-

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ये फैसला कई वजहों से बेहद अहम है.उन्होंने कहा कि इस फैसले को हार या जीत के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जन सामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा. पीएम ने कहा, हमारे देश की हजारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को शांति और संयम का परिचय देना है।

 

ग्रह मंत्री अमित शाह ने कहा-मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा है. यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा. दशकों से चले आ रहे श्री राम जन्मभूमि के इस कानूनी विवाद को आज इस निर्णय से अंतिम रूप मिला है. मैं भारत की न्याय प्रणाली व सभी न्यायमूर्तियों का अभिनन्दन करता हूं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अयोध्या पर फैसले पर कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है. इसे सभी को सहज रूप से स्वीकार करना चाहिए. इससे सामाजिक ताना-बाना भी मजबूत होगा।

 संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया , कहा कि इस फैसले को जय और पराजय की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए,  सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहये, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब हम सभी मिलकर राम मंदिर बनाएंगे।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया -सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मुद्दे पर अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करते हुए हम सब को आपसी सद्भाव बनाए रखना है. ये वक्त हम सभी भारतीयों के बीच बन्धुत्व,विश्वास और प्रेम का है।

यूपी सुन्नी वक्फबोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी – हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। अदालत द्वारा अयोध्या में दी जा रही पांच एकड़ जमीन लेने न लेने पर फैसला बाद में लेंगे।

बहरहाल माननीय उच्चतम न्यायालय के वर्षों पुराने ज़मीनी विवाद को सुलझाने वाले फैसले का शांति एवं सौहार्द के साथ पूरे भारत मे हर सम्प्रदाय द्वारा सम्मान एवम मान्य किया  किया जा रहा है ,न्यायालय ने यह भी साफ किया  कि रामलला के जन्म  एवम अस्तित्व को लेकर कोई संशय नही है, न्यायिक व्यवस्था एक संवैधानिक व्यवस्था है ,न्यायालय का फैसला किसी धर्म की आस्था के आधार पर नहीं,बल्कि तथ्यों के आधार पर हुआ है।

 

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सच्चे मित्र बिना है ,जीवन रिक्त https://nationallive.in/archives/1433 https://nationallive.in/archives/1433#respond Thu, 22 Aug 2019 19:33:21 +0000 http://nationallive.in/?p=1433 भगवान श्री कृष्ण का अवतार एक ऐसा अवतार रहा  जिसमें  बाल लीला से लेकर  महाभारत तक  इस संसार को  मानव जीवन की सभी अवस्थाओं के अनुभवों से  अवगत कराया, बाल्यकाल से  ही दुष्टों का सम्हार करते हुए  उन्होंने यह संदेश दिया कि जीवन में कितनी ही विपदा  क्यों ना आए इंसान  सत्य  और धैर्य  के […]

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भगवान श्री कृष्ण का अवतार एक ऐसा अवतार रहा  जिसमें  बाल लीला से लेकर  महाभारत तक  इस संसार को  मानव जीवन की सभी अवस्थाओं के अनुभवों से  अवगत कराया, बाल्यकाल से  ही दुष्टों का सम्हार करते हुए  उन्होंने यह संदेश दिया कि जीवन में कितनी ही विपदा  क्यों ना आए इंसान  सत्य  और धैर्य  के साथ अडिग रहकर विपदा का मुकाबला करता है तब दुश्मन बलवान होने के बाद भी परास्त हो जाता है।

श्री कृष्ण का बाल्यकाल कई कठिनाइयों को प्रदर्शित करता है वहीं यह  सन्देश  भी देता है की कठिनाई आने पर इंसान को कभी विचलित नहीं होना चाहिए ।

भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के संदेश में  मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग का उल्लेख किया गया है और वह है  “मित्रता”, इंसान के जीवन में एक सच्चा मित्र का होना अति आवश्यक है ,वह कोई भी हो सकता है भाई ,बहन ,पत्नी ,संगी ,साथी ,मित्र के बगैर जीवन का अधूरा माना गया है भगवान श्री कृष्ण ने अपनी लीला मैं मित्रता को निभाने की पराकाष्ठा का प्रदर्शन किया है ,मित्र वही जो दुख सुख ,हानि लाभ, जस अपजस, मैं अपने मित्र का परछाई बनकर साथ दे और जिसके जीवन में एक ऐसा सच्चा मित्र हो उसका जीवन धन्य हो जाता है ।

भगवान श्री कृष्ण ने अपनी शिक्षा ऋषि सांदीपनि के उज्जैन स्थित आश्रम में ग्रहण की, जहां उनके सहपाठी थे “सुदामा”,   सुदामा  श्री कृष्ण के  परम मित्र कहलाए, श्री कृष्ण के साथ  जब सुदामा  लकड़ी लेने  जंगल  की ओर  रवाना हुए  तब  गुरु माता  ने  कुछ मुट्ठी चने पोटली में बांधकर सुदामा को दिये  और कहा कि   भूख लगे तो दोनों मिलकर खा लेना ,लकड़ी का गट्ठर लिए कृष्ण और सुदामा जंगल से गुजर रहे थे कि अचानक वर्षा प्रारंभ हो गई और वह एक  स्थान पर रुक कर वर्षा के रुकने का इंतजार करने लगे ,बारिश के दौरान भूख लगने के चलते पूरे चने अकेले सुदामा के ही खा जाने पर  भगवान श्री कृष्ण ने उपदेश दिया कि हे सुदामा मित्रता का मूल सिद्धांत है ,एक दूसरे के प्रति दृढ़ विश्वास, ईमानदारी ,एवम प्रेम होना आवश्यक है, मित्रता वही जो मित्र के बिना कहे उसके मन की बात जान ले।

जिस स्थान पर वह रुके थे उज्जैन के समीप उस स्थान को नारायणा ग्राम के नाम से जाना जाता है यहां  आज भी  वह लकड़ी के गट्ठर  विद्यमान है  एवं  दुनिया में  एकमात्र मित्रता के प्रतिक के रूप में  कृष्ण एवं सुदामा का मंदिर  है, ऐसा माना जाता है कि जो भी  व्यक्ति  यहां मित्रता की मूरत  के  दर्शन करता है  उसे जीवन में  सच्चा मित्र  जरूर मिलता है ,एवम मित्रता निभाने की प्रेरणा मिलती है ,श्री कृष्ण ने संदेश दिया  की मित्रता  करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है मित्रता निभाना,श्री कृष्ण सुदामा मिलन इसका जिवंत प्रसंग है ,

सीस पगा न झगा तन में प्रभु, जानै को आहि बसै केहि ग्रामा।
धोति फटी-सी लटी दुपटी अरु, पाँय उपानह की नहिं सामा॥
द्वार खड्यो द्विज दुर्बल एक, रह्यौ चकिसौं वसुधा अभिरामा।
पूछत दीन दयाल को धाम, बतावत आपनो नाम सुदामा॥

मित्रता  में धनवान, निर्धन,लोभ, मोह ,ईर्ष्या, कपट ,अहंकार का कोई स्थान नहीं है,मित्रता तो प्रेम ,त्याग, तपस्या, एवम अटूट विश्वास का प्रतीक है।

भगवान श्री कृष्ण ने अपने भाई एवम सखा अर्जुन का महाभारत में अंतिम क्षण तक विपत्ति में साथ दिया ,वहीं सखी द्रोपदी की लाज के रक्षक बने।

भगवान श्री कृष्ण ने अपने उपदेश में कहा है कि  जीवन मे विपदा ही सच्चे मित्र से परिचय कराती हैं।

मित्रता का प्रतीक स्थल नारायणा ,उज्जैन से 30 किलोमीटर महिदपुर जाने के रास्ते मे स्थित है ।

जीवन मे मित्र के महत्व को जानने के लिए ,हमे इस पवित्र स्थान के दर्शन का लाभ लेना चाहिए।

श्री कृष्ण जन्मोत्सव की शुभकामनाएं

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हिंदुओं की आस्था पर प्रहार ,हिंदुओं को आत्ममंथन करना अति आवश्यक । https://nationallive.in/archives/1270 https://nationallive.in/archives/1270#respond Fri, 03 May 2019 19:10:12 +0000 http://nationallive.in/?p=1270 भारत में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं, और इस मौके पर संकुचित दलों के कुंठित मानसिकता वाले नेताओं के बयानों ने हिंदुओं की आस्था एवं हिंदुओं की भावनाओं पर गहरा आघात पहुंचाने की चेष्टा की है, क्या लोकतंत्र के इस महापर्व का यही अर्थ है कि ओछी मानसिकता के चलते अपने राजनैतिक मतलब सिद्ध करने […]

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भारत में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं, और इस मौके पर संकुचित दलों के कुंठित मानसिकता वाले नेताओं के बयानों ने हिंदुओं की आस्था एवं हिंदुओं की भावनाओं पर गहरा आघात पहुंचाने की चेष्टा की है, क्या लोकतंत्र के इस महापर्व का यही अर्थ है कि ओछी मानसिकता के चलते अपने राजनैतिक मतलब सिद्ध करने के लिए किसी के धर्म एवं धर्म से जुड़े ग्रंथों का सरे बाजार मखौल उड़ाए, माकपा के नेता सीताराम येचुरी ने न सिर्फ हिंदुओं को हिंसक बताया बल्कि हिंदुओं के धर्म ग्रंथ रामायण एवं महाभारत को भी हिंसक बताया, उन्होंने कहा कि रामायण ,महाभारत में हिंदुओं की हिंसक कहानियां कही गई है, इस बयान से इस प्रकार के संकुचित मानसिकता वाले नेताओं ने न सिर्फ आतंकवादियों के धर्म का बचाव किया बल्कि हिंदुओं को भी इसी श्रेणी में खड़ा कर दिया ,यह एक ऐसा बयान है जिसने हिंदुस्तान के 100 करोड़ हिंदुओं की भावनाओं को झकझोर कर रख दिया और हिंदुओं को इसपर आत्ममंथन करने पर मजबूर कर दिया है,क्या हिंदुस्तान के हिंदू इस प्रकार के नेताओं और पार्टियों के हाथों में यह देश सौंपने की चेष्टा करेगा?,यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
भारत का हिंदू संप्रदाय वह है ,जिसने भारत में रहने वाले हर धर्म संप्रदाय का सम्मान किया, वहीं हिंदू धर्म वह भी है जिसने सैकड़ों कश्मीरी पंडितों का एवं सैकड़ों सिक्खों की हत्या को अपने ही देश में देखा और सहा ,उसके बाद भी हिंदुओं ने भारत में अनेकता में एकता की मिसाल कायम की, लेकिन हिंदुस्तान के राजनेताओं की इसे ओछी मानसिकता ही कहेंगे जिसके चलते हिंदू आतंकवाद या भगवा आतंकवाद ,जैसे शब्दों से हिंदू संस्कृति को बदनाम करने की शुरुआत की।
चुनाव का अर्थ यह कतई नहीं हो सकता की नेतागण अपनी हैसियत भूलकर किसी के धर्म ,जाति ,संप्रदाय ,धर्म ग्रंथों का अपमान करें, लेकिन भारत का हिंदू संप्रदाय सब देख भी रहा है एवं समझ भी रहा है कि वह यही लोग हैं जिन का नारा है ,भारत तेरे टुकड़े टुकड़े ….. एवं कौन इनसे हमदर्दी रखकर इनके साथ बैठते हैं, राजनीतिक विश्लेषकों का यहां यह कहना है कि राजनीतिक गठबंधन तभी संभव है जब 2 दलों में कहीं ना कहीं वैचारिक समानताएं होती है एवं इसमें यह भी देखने वाली बात है की कल तक जो एक दूसरे को गालियां देते थे आज उनके एक होने का उद्देश्य क्या है।
बहरहाल चुनाव के इस प्रकार के परिदृश्य को देखते हुए हिंदुस्तान के हिंदुओं को आत्ममंथन की अति आवश्यकता है एवं अपने स्वाभिमान एवं भविष्य को भी सुरक्षित करने की आवश्यकता है ।
“अपनी चेतना को जागृत करें, वोट जरूर करें ।

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एक ओंकार सतनाम करतापुरख……… https://nationallive.in/archives/1090 https://nationallive.in/archives/1090#respond Sun, 25 Nov 2018 19:20:57 +0000 http://nationallive.in/?p=1090 अवतार पुरुष श्री गुरु नानक देव जी की 550 जयंती पर करतारपुर गुरुद्वारा दरबार साहिब तक जाने के लिए कॉरिडोर का निर्माण का मोदी सरकार का निर्णय, सिक्खों के लिए एक ऐतिहासिक तोहफा माना जा रहा है, जिसका की सभी सिक्ख समुदाय एवं सिक्ख धर्म गुरुओं द्वारा तहे दिल से स्वागत एवं आभार व्यक्त किया […]

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अवतार पुरुष श्री गुरु नानक देव जी की 550 जयंती पर करतारपुर गुरुद्वारा दरबार साहिब तक जाने के लिए कॉरिडोर का निर्माण का मोदी सरकार का निर्णय, सिक्खों के लिए एक ऐतिहासिक तोहफा माना जा रहा है, जिसका की सभी सिक्ख समुदाय एवं सिक्ख धर्म गुरुओं द्वारा तहे दिल से स्वागत एवं आभार व्यक्त किया जा रहा है।
यह एक ऐसा मुद्दा था जिसमें पिछले कई दशकों से भारत और पाकिस्तान में सहमति नहीं बन पा रही थी ,लेकिन जब सहमति बनी तो दोनों देशो की ओर से इसका शिलान्यास समारोह किया जा रहा है, पाकिस्तान की ओर से शिलान्यास समारोह में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित कांग्रेस पार्टी के पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को आमंत्रित किया गया है ,सिद्धू ने कहा की केंद्र सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है और अच्छे काम खुद बोलते हैं ,और खुद रास्ता भी बना लेते हैं ,उन्होंने एक पत्र के जरिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को कहा कि मेरा दिल खुशी से भर गया है।
भारत की ओर से भारत के उप राष्ट्रपति श्री वैंकैया नायडू द्वारा पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक क्षेत्र में इस कॉरिडोर की आधारशिला 26 नवंबर को रखी जाएगी, करतारपुर में श्री गुरु नानक देव जी ने अपने अंतिम 18 वर्ष गुजारे थे, सिख धर्म में इस स्थान की बहुत महत्ता है, कॉरिडोर के चलते पाकिस्तान और भारत के रिश्ते में नरमी दिखाई दे रही है, इस कॉरिडोर से करतारपुर साहिब तक जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए वीजा व्यवस्था समाप्त करने पर भी सहमति की संभावना जताई जा रही है, और साल के 365 दिन श्रद्धालुओं के लिए यह खुला रहेगा।
गुरु नानक देव जी का कहना था कि, ईश्वर एक है, उसको पाने के लिए अपने सामाजिक दायित्व से विमुख होकर जंगलों में भटकने की आवश्यकता नहीं है, ईश्वर हमारे ह्रदय में ही है उसे अपने आंतरिक ह्र्दय मैं खोजने और महसूस करने की आवश्यकता है, उनका कहना था कि पैसों का स्थान जेब में है, ह्रदय में नहीं
बाहर हाल सिक्खों मैं इस कॉरिडोर के निर्माण के चलते खुशी का माहौल है एवं उनका कहना है कि मोदी सरकार का यह निर्णय इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों मे दर्ज होगा।

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खतरा मोदी से या सनातन धर्म की वापसी से ? https://nationallive.in/archives/1041 https://nationallive.in/archives/1041#respond Sun, 11 Nov 2018 19:58:25 +0000 http://nationallive.in/?p=1041 5000 साल पहले ऋषि वेदव्यास जी ने सनातन धर्म का उल्लेख वेदों में किया था, सनातन धर्म अर्थात हिंदू धर्म ,जिसको की इतिहास में सबसे बड़ा और प्राचीन धर्म कहा गया है, सनातन धर्म या हिंदू धर्म को मानने वाले बहुतायत में होने से यह क्षेत्र हिंदुस्तान कहलाया लेकिन किसी को इस धर्म से अगर […]

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5000 साल पहले ऋषि वेदव्यास जी ने सनातन धर्म का उल्लेख वेदों में किया था, सनातन धर्म अर्थात हिंदू धर्म ,जिसको की इतिहास में सबसे बड़ा और प्राचीन धर्म कहा गया है, सनातन धर्म या हिंदू धर्म को मानने वाले बहुतायत में होने से यह क्षेत्र हिंदुस्तान कहलाया लेकिन किसी को इस धर्म से अगर दिक्कत या परेशानी थी, तो वह थे मुगल ,मुगलों ने हिंदुस्तान पर हमला करके हिंदुस्तान पर 200 साल तक राज किया और इस सनातन धर्म को खत्म करने की पुरजोर कोशिश की ,चाहे राम जन्म भूमि की बात हो या सोमनाथ मंदिर की ,लेकिन इसके बाद आए अंग्रेज जिन्होंने 100 साल तक हिंदुस्तान पर राज किया और हिंदुस्तान के टुकड़े-टुकड़े करके उसे भारत नाम दिया।

अभी आजादी को 100 साल भी नहीं बीते हैं की कांग्रेस के लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को लगता है कि 2019 में नरेंद्र मोदी के फिर से प्रधानमंत्री बनने पर सनातन धर्म,एवम आर एस एस की हुकूमत होगी, लेकिन ऐसे में सवाल यह उठता है कि कांग्रेस पार्टी के नेता ,नरेंद्र मोदी के ना आने पर सनातन धर्म की जगह किस धर्म को और आर एस एस की जगह किस संगठन की हुकूमत भारत में लाना चाहते हैं ,इसका जवाब सही रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे जी ही बता सकते हैं ,लेकिन ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि किसी व्यक्ति विशेष से नफरत, ईर्ष्या ,द्वेष हो सकते हैं लेकिन नफरत की राजनीति आज उस चरम सीमा को छू गई है कि अब भारत में सनातन धर्म से भी खतरा होना बताया जा रहा है, यह हमारे राजनेताओं की मानसिकता पर प्रश्नचिन्ह लगाता हैं ।

आजादी के 70 साल बाद आज हम अपने बच्चों को किताबों में राम और कृष्ण का इतिहास ना पढ़ाकर बाबर से लेकर अकबर तक के मुगल काल का बखान करते हैं ।

बहर हाल यह बयान और यह सोच कांग्रेस को किस दिशा में ले जाएगी यह कहना मुश्किल है, लेकिन ऐसे में भारत की जनता के मन में यह सोच जरूर पनप रही है कि मोदी 2019 में फिर आए ना आए ,लेकिन क्या भारत में अब किसी और धर्म की या किसी संगठन की हुकूमत आना बाकी है क्या ,और किस धर्म का या किस संगठन का अब भारत पर राज होना चाहिए इसका जवाब भी भारत की जनता कांग्रेस के नेता आदरणीय मलिकार्जुन खड़गे से चाहती है।

जबकि वास्तविकता यह है कि सनातन का अर्थ होता है हमेशा बना रहने वाला ,अर्थात ना आदि है ना अंत ।

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आस्था पर आघात https://nationallive.in/archives/979 https://nationallive.in/archives/979#respond Mon, 24 Sep 2018 18:41:50 +0000 http://nationallive.in/?p=979 ऐसा प्रतीत होता है कि, हिंदुस्तान में हिंदू संस्कृति और धर्म पर प्रतिबंध लगा कर, कुचलने एवं उसे गहरा आघात पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, प्रथम पूज्य गजानन को बड़े आदर सत्कार और धूमधाम से स्थापित कर गणेश उत्सव मनाया जाता है लेकिन जब गणेश विसर्जन की बारी आती है,तो जल प्रदूषण का […]

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ऐसा प्रतीत होता है कि, हिंदुस्तान में हिंदू संस्कृति और धर्म पर प्रतिबंध लगा कर, कुचलने एवं उसे गहरा आघात पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, प्रथम पूज्य गजानन को बड़े आदर सत्कार और धूमधाम से स्थापित कर गणेश उत्सव मनाया जाता है लेकिन जब गणेश विसर्जन की बारी आती है,तो जल प्रदूषण का हवाला देकर पार्थिव गजानन के साथ ऐसा दुर्व्यवहार किया जाता है, जिसे देख कर लगता है कि मानो त्यौहार को मना कर गलती की।

इसके बाद आता है नवरात्रि का त्योहार उस समय भी कुछ इस प्रकार का दृश्य ही देखने को मिलता है ,होली खेलने पर भी जल प्रदूषण होने का हवाला दिया जाता है ऐसा प्रतीत होता है कि हिंदू संस्कृति को जमींदोज करने की कोशिश हो रही है ।

ऐसे में जल प्रदूषण की दुहाई देने वालों से जनता का सवाल है कि हजारों करोड़ खर्च करने के बाद भी उज्जैन की मोक्ष दायिनी शिप्रा में आज भी न सिर्फ खान (कान्ह) नदी का प्रदूषित पानी ,बल्कि कई गंदे नाले शिप्रा में मिलकर शिप्रा को प्रदूषित कर रहे हैं हालात यह है कि शिप्रा का जल आचमन योग्य भी नहीं है, भरे सिंहस्थ में शिप्रा नदी में गंदे नाले ने उफनकर  शासन प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाया था, वहीं हर वर्ष ऐसा प्रतीत होता है मानो शिप्रा नदी एवं तालाबों  में जलकुंभी की खेती होती है जोकि बाढ़ में बहकर लाखों का लाभ दे जाती है ,जल प्रदूषण पर शासन-प्रशासन की पोल उस समय खुल गई जब दो बार स्वच्छता में नंबर वन रहे इंदौर को थोड़ी सी बारिश मैं गंदे नाले उफनने के चलते सबसे गंदा शहर बना दिया ,और यह किस्सा सिर्फ मध्य प्रदेश तक सीमित नहीं है बल्कि भारत में कई नदियां प्रदूषण की हद को पार कर चुकी है, जिसमें प्रमुख गंगा नदी ,जिसकी सफाई  में हजारों करोड़ खर्च करने के बाद भी गंगा आज भी मैली है, तो ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या हिंदू त्योहारों से ही जल प्रदूषण होता है ?और नहीं, तो आखिर क्यों हिंदू धर्म और आस्था पर आघात किया जाता है अगर मिट्टी के गणेश विसर्जन से जल प्रदूषण होता है तो गंदे नाले एवं उद्योगों के प्रदुषित जल के नदियों में मिलने पर शासन-प्रशासन आंखें क्यों मूंद लेते हैं ।

गणपति विसर्जन की इन तस्वीरों को देख कर हर शख्स दुख और आक्रोश से भर जाता है और वह सोचने पर मजबूर हो जाता है कि हिंदू देवी देवताओं की स्तुति क्या हम उनका अपमान करने के लिए करते हैं, यह चिंतनीय विषय है, ऐसे में शासन-प्रशासन को अपनी कार्यप्रणाली दुरुस्त करने की आवश्यकता है ताकि किसी के धर्म और आस्था पर आघात ना हो एवम् जरूरत इस बात की भी है पूरे साल नदियों को प्रदूषित करने वाले स्रोतों की रोकथाम करने के उपाय खोजकर उनका निदान किया जाय।

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