राजनीति में नैतिकता का, क्या है आधार?

लोकतंत्र में  जनता राजनीतिक दलों की विचारधारा एवं देशहित, राज्यहित को मद्देनजर रखते हुए, जनादेश जिस राजनीतिक दल को दें, वह सरकार बनाएं एवं जनता के विश्वास पर खरा उतरे  ,जनता के जनादेश का लोकतंत्र में नैतिकता का आधार यह होता है। लेकिन बदलते वक्त के साथ साथ  व्यक्तिगत स्वार्थों  को प्राथमिकता  देने के चलते […]

पूरे देश में लागू किया जाएगा NRC, सभी धर्म के नागरिक होंगे शामिल-अमित शाह

गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में  राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी )को लेकर राज्यसभा में कहा कि हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को नागरिकता मिलनी चाहिए इसीलिए नागरिकता संशोधन विधेयक की आवश्यकता है। एनआरसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो यह कहता हो कि इसके तहत कोई अन्य धर्म नहीं लिया […]

पत्रकारिता को निष्पक्ष एवम निष्कलंक ही रहने दो…

कहावत है कि ” निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय, बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय”,कहते हैंं कि जो व्यक्ति अपनी निंदा नहीं सुन सकता वह जीवन में कभी सफल नहीं हो सकता ,वहीं जो व्यक्ति अपने निंदक को अपने  पास रखता है और उससे अपनी निंदा अर्थात कमियों को जानकर उसमें सुधार  करता […]

जनता के विश्वास एवं जनहित पर भारी, वंशवाद…

यूँ तो आज़ादी के बाद से ही भारत के राजनैतिक परिदृश्य में पद का बड़ा महत्व रहा है लेकिन लोकतंत्र में जनता का क्या महत्व है? क्योंकि भारत में लोकतंत्र है, लोकतंत्र अर्थात जनता का तंत्र जनता के लिए, जनता के हितों के लिए सर्वोपरि, लोकतंत्र में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद  जनता […]

बरसों पुराने विवाद पर पूर्ण विराम लगाया उच्चतम न्यायालय ने…

अयोध्‍या केस में सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को बरसों के विवाद पर पूर्ण विराम लगाया  , सीजेआई रंजन गोगोई की अध्‍यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने फैसले में कहा कि विवादित जमीन रामलला विराजमान को दी जाए,साथ ही सरकार राम मंदिर ट्रस्‍ट बनाकर 3 महीने में मंदिर की योजना तैयार करे, 2.77 एकड़ विवादित जमीन […]

मनोविकास -मन का विकास

भागदौड़ भरी अनियमित जीवनशैली दिनोंदिन लोगों मैं मानसिक तनाव का कारण बनती जा रही है, जो व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा एवं गहरा असर कर रही है ,इसके प्रति जागरूकता एवं इससे बचने के उपायों पर मंथन करने के लिए 10 अक्टूबर, पूरे विश्व में मानसिक स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है […]

आवारा मवेशियों को धारा 144 का ज्ञान नहीं, एवं उज्जैन शहर को स्मार्ट सिटी का

भारत में स्वच्छता अभियान एवं स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की घोषणा को 5 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन बेरोजगार उज्जैन शहर के परिदृश्य को देखते हुए एवं  स्थानीय प्रशासन  की कार्यशैली  देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि ना सिर्फ स्वछता अभियान बल्कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अगले 5 साल तक  भी उज्जैन शहर […]

भेड़िया धसान, आखिर कब तक?

एक साधारण से प्राइवेट स्कूल में बच्चा जब एक क्लास आगे जाता है तो उसका अनुमानित सालाना खर्च 50 से 80 हजार रुपए होता है, अगर किसी के दो बच्चे हैं तो इसको दुगना कर दीजिए  याने लगभग सवा लाख होता है, एक मिडिल क्लास जिसकी मासिक इनकम 10 से 15 हजार  रुपए मान सकते […]

पत्रकारिता का बदलता चरित्र

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में देश के हर क्षेत्र का सजीव चित्रण करता है, पत्रकार, जिसकी कलम जनता को देश में घट रही घटनाओं के वास्तविक स्वरूप से परिचय कराती है ,जिस पर जनता का अटूट विश्वास होता है ,जिस पर लोकतंत्र के तीनों स्तंभों के कार्यकलापों को अपनी कलम से सच्चा चित्रण […]