कुत्ते की मौत मरे ,हैदराबाद के डॉक्टर रेड्डी से हैवानियत करने वाले, हैदराबाद पुलिस का कहना है कि चारों दरिंदे पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहे थे जिसके चलते एनकाउंटर में मारे गए ,वहीं तेलंगाना के कानून मंत्री का कहना है कि भगवान ने उन्हें उनके किए की सजा दी, ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर भगवान भरोसे की व्यवस्था कब तक?, वहीं अगर न्यायिक व्यवस्था की बात करें तो, न्याय मिलने में असीमित समय लगने से न्यायिक व्यवस्था से जनता हतोत्साहित प्रतीत हो रही है, जनता न्यायिक व्यवस्था के प्रति निराशा व्यक्त कर रही है ,और हो भी क्यों ना ,हजारों हत्या एवं बलात्कारी दरिंदे ऐसे हैं जिन्हें अब तक सजा नहीं मिली है, ऐसे में हैदराबाद के चारों दरिंदे भागने की कोशिश मैं ना मारे जाते तब न्याय व्यवस्था से उन्हें उनके किए की सजा कब मिलती इस पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है, ऐसे मे हैदराबाद की यह सारी प्रक्रिया न्यायिक व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रही है ,भारत सरकार को इस पर संज्ञान लेते हुए बलात्कारियों आतंकवादियों एवं देशद्रोहियों के लिए एक विशेष त्वरित कानून व्यवस्था (फास्ट ट्रैक कोर्ट) का होना परम आवश्यक है जिससे पीड़ित को तुरंत न्याय मिले एवं अपराधी को सजा ,क्योंकि न्याय मिलने में देरी के चलते राजनीतिक दखल बढ़ने से भी इंकार नहीं किया जा सकता और उसका उदाहरण है हजारों लोगों की जान लेने वाला हाफिज सईद जैसे आतंकवादी एवं दाऊद इब्राहिम जैसे देशद्रोही आतंकवादी अभी भी पाकिस्तान में अय्याशी करते हुए भारतीय न्याय व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहे हैं, न्याय में देरी के कई दुष्परिणाम हिंदुस्तान की जनता भुगत रही है, भारत का किसान भूखे मर रहा है और कुछ मुट्ठी भर लोग राजनैतिक छत्रछाया के तले भारत की जनता के अरबों रुपए लेकर भाग जाते हैं और हमारा कानून और हमारी सरकारें लाठी पीटते रह जाती हैं।
बाहर हाल चारों दरिंदों के एनकाउंटर में मारे जाने पर लोगों में त्वरित न्याय मिलने के चलते संतुष्टि का भाव दिख रहा है ,वहीं न्यायिक व्यवस्था पर क्रोध एवं दुख का भाव भी नजर आ रहा है, दरअसल न्यायिक व्यवस्था में देरी से इस प्रकार की हैवानियत करने वाले दरिंदों के हौसलों को बल मिलता है नतीजतन हैवानियत करने वाले दरिंदों की संख्या में इजाफा हो रहा है ,आवश्यकता है न्यायिक व्यवस्था में बदलाव के लिए सरकार के चिंतन की। “अन्यथा भारत वह देश है जहां राम के अस्तित्व को सिद्ध करने में 100 साल लग गए,ओर कई साल लग गए धाराओं के मायाजाल को खत्म करने में”।
The post भगवान भरोसे चलने दें या सरकार न्याय व्यवस्था पर चिंतन करें?.. appeared first on Nationalive....
]]>