किडनी से जुड़ी बीमारियों में जहां संतुलित आहार जरूरी है, वहीं आयुर्वेद के कई फार्मूले भी कारगर पाए गए हैं. इसलिए ‘नेशनल किडनी फाउंडेशन एंड द एकेडमी ऑफ न्यूट्रीशियन डाइटिक्स’ ने किडनी के मरीजों के लिए ‘मेडिकल न्यूट्रीशियन थैरेपी’ की सिफारिश की है. फाउंडेशन का कहना है कि यदि किडनी रोगियों को हर्बल पदार्थो से परिपूर्ण और बेहतर आहार मिले तो बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है.

सर गंगाराम अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट मनीष मलिक कहते हैं कि यह सिफारिश महत्वपूर्ण इसलिए भी है, क्योंकि हाल में ‘अमेरिकन जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल रिसर्च’ में एक भारतीय आयुर्वेदिक फार्मूले ‘नीरी केएफटी’ को किडनी के उपचार में उपयुक्त पाया गया. यह आयुर्वेदिक फार्मूला है लेकिन इसके इस्तेमाल से किडनी रोगियों में बड़ा सुधार देखा गया है. ‘नीरी केएफटी’ रक्त में सीरम क्रिएटिनिन, यूरिक एसिड तथा इलेक्ट्रोलेट्स के स्तर में सुधार करता है. इसलिए आजकल किडनी रोगियों द्वारा बड़े पैमाने पर इसे टॉनिक के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.
