ग्वालियर में जन्मे, भारत माता के सच्चे सपूत या यूं कहें कि शताब्दी पुरुष ,भारत रत्न ,हृदय सम्राट कहे जाने वाले ,भारत के हरेक दिल मैं अमिट छाप छोड़ कर अटल बिहारी वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं रहे ,अटल जी एक ऐसे व्यक्तित्व के धनी थे, जिसकी ना सिर्फ सत्ता पक्ष बल्कि विपक्ष मैं भी कोई सानी नहीं थी, अटल हमेशा अटल ही रहे ।
अटल जी एक पत्रकार ,संघ प्रचारक, नेता विपक्ष ,प्रधानमंत्री एवं कवि मानो उनमें हर रस का भाव मौजूद था ,हर परिस्थिति का मजबूती से सामना करने की क्षमता उनमें थी, अगर हम एक जुझारू और दृढ़ संकल्पित नेता के रूप में देखे तो 19 मार्च 1998 को प्रधानमंत्री बनने के महज 3 माह में ही 13 मई 1998 को पोखरण में परमाणु परीक्षण कर ,भारत को एक शक्तिशाली देश की सूची में सम्मिलित कर, पूरी दुनिया को उनका लोहा मानने पर मजबूर कर दिया ,दुनिया की उन आंखों को बंद करने पर मजबूर कर दिया जो भारत को दिखा रही थी ,वहीं कारगिल के युद्ध मैं विजय प्राप्त कर एक कद्दावर नेता एवं शीश नहीं झुकने दूंगा वाली छवि देश और दुनिया के सामने प्रस्तुत की।
प्रधानमंत्री रहते अटल जी ने उनकी विकासशील विचारधारा को प्रदर्शित करते हुए कई योजनाएं देश को समर्पित की, जिसने भारत को एक प्रगतिशील दिशा दी ,जिनमें टेलीकॉम क्रांति हो, स्वर्णिम चतुर्भुज (पूरे देश को जोड़ने वाली सड़क मार्ग )हो एवं सर्व शिक्षा अभियान जैसी अटल योजनाएं ,जिन्हें भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों मैं दर्ज किया गया।
राजधर्म का पाठ उन्होंने अपने शिष्य कहे जाने वाले नरेंद्र मोदी को पढ़ाया और “सबका साथ सबका विकास” के रूप में नरेंद्र मोदी उनकी” परछाई “के रूप में इस पाठ को साकार करते दिख रहे हैं ,अटल जी का व्यक्तित्व अतुलनीय था, व देश-दुनिया के नेताओं को अपना बना लेने की क्षमता रखता था।
बाहर हाल कहने को बहुत कुछ है ,लेकिन इतना ही कहेंगे कि देश इस क्षति को न कभी भूल पायेगा और ना ही कभी भर पाएगा ,देश के नेताओं को उनकी नीतियों एवं उनके व्यक्तित्व का अनुसरण करने की आवश्यकता है, “अटल हमेशा अटल रहेंगे”, नम आंखों से देश उन्हें अंतिम विदाई दे ,श्रद्धा सुमन अर्पित करता है ,उनके जीवन का अनुभव एवं जीवंत कविताएं हमेशा देशवासियों का हौसला बढ़ाती रहेंगी।
“हार नहीं मानूंगा ,रार नई ठानूंगा, काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूं ,गीत नया गाता हूं”।
नेशनल लाइव का अटल जी को शत शत नमन
