ज़हर की खेती

0 minutes, 0 seconds Read
Spread the love

भारत सरकार जब तक जागेगी तब तक बहुत देर हो चुकी होगी ,हालात यह है कि हम अपने आपको और अपने बच्चों को रोज मौत का ज़हर अपने हाथों से दे रहे हैं ,जी हां हम बात कर रहे हैं “पेस्टीसाइड “की ।

पिछले कुछ सालों की बात करें तो पेस्टीसाइड का इस्तेमाल अनाज में ,सब्जियों में ,फलों में इस कदर बढ़ता जा रहा है जिसके फलस्वरुप आज भारत के हर राज्य, हर गांव में कैंसर के मरीज दिन प्रतिदिन पैदा भी हो रहे हैं और मर भी रहे हैं ,पिछले 10 सालों की बात करें तो भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या 50% तक बढ़ चुकी है, इन हालातों से भारत सरकार एवं स्वास्थ्य अमला भी अनजान नहीं है लेकिन सब कुछ जानते हुए भी ना तो पेस्टीसाइड के उपयोग के मापदंड निर्धारित कर पा रहा है और ना ज्यादा मात्रा में पेस्टीसाइड के उपयोग पर प्रतिबंध लगा पा रहा है, नतीजतन भारत में कैंसर जैसा भयानक रोग बहुत तेजी से फैल रहा है ,कई किसानों को त्वचा के कैंसर ,ब्लड कैंसर ,पेस्टीसाइड के इस्तेमाल से हो रहे हैं एवं आम इंसान की बात करें तो शाम को सब्जियों में पेस्टीसाइड के छिड़काव के बाद सुबह वही सब्जी हमारे किचन मैं आती है एवं इस प्रकार अपने हाथों हम अपने और अपने बच्चों को ज़हर दे रहे हैं ।

भारत सरकार एवं स्वास्थ्य मंत्रालय ने समय रहते इस पर उचित कदम नहीं उठाये तो यह रोग (कैंसर ) भारत में एक महामारी का रूप ले सकता है ,यह रोग बेहद खर्चीला, बेहद पीड़ादायक एवं लाईलाज माना जाता, ऐसे में जरूरत इस बात की भी है कि किसानों को भी पेस्टीसाइड के इस्तेमाल के विषय में जागरुक एवम प्रशिक्षित किया जाय, क्योंकि यह ज़हर शहरों में ही नहीं बल्कि गांवों में भी इसका असर दिखाने लगा है एवं इसका इस्तेमाल भी किसान ही करते हैं,इसलिए किसान भाइयों को भी पेस्टीसाइड का इस्तेमाल कम से कम एवं मानक मापदंड अनुसार सावधानीपूर्वक करना चाहिए ,पेस्टीसाइड का असर अनाज ,फल ,सब्जी मैं तो हो ही रहा है लेकिन सोयाबीन ,मूंगफली की फसलों में इसके इस्तेमाल से तेलों में यह ज़हर खुल रहा है।

बाहर हाल भारत सरकार को पेस्टीसाइड के इस्तेमाल के मानक मापदंड निर्धारित कर किसानों को इसके इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है एवं अमानत एवं ज्यादा इस्तेमाल पर इसे दंडनीय अपराध की श्रेणी में लाने जैसे सख्त कदम उठाने की भी आवश्यकता है अन्यथा यह ज़हर की खेती हम सब को अपने अंदर समा लेगी।


Spread the love

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *