प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार

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उज्जैन में इन दिनों ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो प्रशासन नाम की कोई संस्था उज्जैन में कार्यरत है ही नहीं, मवेशी खुलेआम शहर में विचरण कर रहे हैं,जिस में प्रमुखता से गाय ,सूअर और कुत्ते ,शहर में सड़कों पर ,गलियों में, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड ,कॉलोनियों में ,शहर के चप्पे-चप्पे में आम विचरण करते देखे जा सकते हैं, जिसकी रोकथाम करने की प्रशासन की सुस्ती को देखते हुए लगता है कि प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार है ।

हर साल सैकड़ों लोगों की सड़क हादसों में इन्हीं मवेशियों की वजह से जान चली जाती है ,”गाय “जिसे हम गोमाता के नाम से जानते हैं ,समाज के कुछ ठेकेदार जो गोरक्षा के नाम पर बड़ी-बड़ी डींगें हाँकते हैं ,उन्हें गाय माता के शहर की गंदगी और पॉलिथीन खाने एवं लोगों को सड़क हादसे में जान गंवाने वालो की जिम्मेदार ,एवम गाय माता को शहर की सड़कों दर दर की ठोकरें खाते नहीं दिखता, गंदगी और पॉलिथीन खाने से हर साल कई गायों की मौत हो जाती है लेकिन शायद यह सब उन्हें नहीं दिखता ।

दूसरे नंबर पर आते हैं सूअर जो कि हजारों की तादाद में शहर की विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अलग से कॉलोनी बसाए बैठे हैं ,नानाखेड़ा, वसंत विहार ,इंदौर रोड़ से सटी कॉलोनियां, महाकाल क्षेत्र , आगर रोड जैसे क्षेत्रों में इनकी हजारों संख्या में मौजूदगी देखी जा सकती है ,गंदगी पसंद सूअर इन क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में गंदगी फैला रहे है, जिसके चलते शहर वासियों ने अपने बच्चों को घर के बाहर खेलना तक बंद करा रखा है ,हालात यह हैं कि इनकी फैलाई हुई गंदगी के कारण बीमारी फैलने का खतरा उज्जैन वासियों पर मंडरा रहा है, तीसरे नंबर पर आते हैं कुत्ते ,जो कि गलियों, चौराहों पर अपने परिवारो को पाल रहे हैं , इनके काटने के कारण हर साल न सिर्फ जिला अस्पताल में बल्कि मार्केट में भी एंटी रेबीज इंजेक्शन की कमी हो जाती है क्योंकि इनकी हजारों में संख्या शहर में देखी जा सकती है ।

अक्सर प्रशासन की ओर से कड़ी कार्रवाई के हवाई फायर होते रहते हैं, जिला कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर एवं यातायात पुलिस की कार्यशैली को देखते हुए शहर वासियों को लगता है की उन्हें कार्यवाही करने के लिए किसी बड़े हादसे का इंतजार है, जनप्रतिनिधि इन दिनों चुनाव में व्यस्त है , उन्हें शहरवासियों के स्वास्थ्य एवं जान माल की चिंता नहीं है , उन्हें वह तब दिखाई देगा जब वह चुनाव के दौरान जनसंपर्क के लिए शहर वासियों के पास जाएँगे।
बाहर हाल प्रशासन कि नींद खुले ना खुले, आम जनता को इन मवेशियों से सतर्क एवं सावधान रहने की आवश्यकता है।


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