हमारे देश के युवाओं को मोबाइल इंटरनेट ,टीवी एवं फिल्मों में क्या दिखाया जा रहा है और क्या नहीं, इस विषय में सरकार को सूक्ष्मता से आकलन करने की आवश्यकता है , विदेशी कंपनियां (Google ,Facebook ,UC Browser ,WhatsApp आदि) अपने सॉफ्टवेयर के माध्यम से खुलेआम अश्लीलता परोस रही और सरकार आंखों पर पट्टी बांधे बैठी हैं ।
मध्यप्रदेश में 1 सप्ताह में दूसरी मासूम के साथ दरिंदगी, पहले मंदसौर एवं अब सतना मैं हो गई ,यह मसला ना सिर्फ मध्यप्रदेश का है, बल्कि पूरे देश का है, पूरा देश इन घटनाओं से स्तब्द्ध है ,दरिंदों को निसंकोच जल्द से जल्द फांसी देना अति आवश्यक है ,लेकिन हमारे देश के संविधान में मासूमो के साथ ऐसी दरिंदगी के लिए कानून मैं बदलाव कर इसे सख्त बनाने की भी आवश्यकता है ताकि भविष्य में कोई ऐसी दरिंदगी करने कि हिमाकत ना कर सके, साथ ही सरकार को इस मानसिक दरिंदगी को पैदा करने में अहम भूमिका निभाने वाली इन विदेशी कंपनियों के सॉफ्टवेयर द्वारा अश्लीलता परोसने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना भी आवश्यक है । हालात यह हैं कि फिल्म तो दूर ,टीवी पर विज्ञापन मैं भी खुलेआम अश्लीलता परोसी जा रही है जिसके चलते चंद सिक्कों में बिकने वाले सेंसर बोर्ड पर भी लगाम लगाने की आवश्यकता है ।
विदेशी कंपनियां (Google, Facebook ,UC Browser, WhatsApp आदि )अपने सॉफ्टवेयर केेे माध्यम से हमारी भारतीय संस्कृति एवं युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रही है उनके भविष्य को उज्जवल करने की बजाय उनकी सोच को दुरषित कर बलात्कारी बना रही है।
अब वह समय आ गया है कि सरकार को चाहिए की इस प्रकार की अश्लीलता परोसने वाली वेबसाइटों पर तुरंत प्रतिबंध लगाये एवं जल्द से जल्द कानून में बदलाव कर इसे सख्त से सख्त बनाएं अन्यथा जनता अब इस विषय पर चुप ना बैठने का मन बना चुकी है वह इसको आंदोलन का रूप देकर सरकार को इस विषय पर सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर देगी।
