मध्यप्रदेश में विशेष स्कूल सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत केवल कक्षा 1 से 8 तक ही संचालित किए जा रहे हैं दिव्यांग विशेष बच्चों हेतु सभी जिलों में कक्षा 12 तक स्कूल संचालित होना अति आवश्यक है, ग्रामीण अंचल में विशेष बच्चों हेतु विशेष विद्यालय नहीं होने के कारण उन्हें उच्च शिक्षा से वंचित रहना पड़ता है ऐसे हालातों को देखते हुए प्रत्येक ब्लॉक एवं तहसील स्तर पर एक विशेष स्कूल होना चाहिए जहां ग्रामीण बच्चों को स्पेशल एजुकेटर जिन्होंने (स्पेशल D.Ed एवं स्पेशल बीएड मान्यता धारी) के माध्यम से शिक्षा दी जाए ,शिक्षा के अधिकार अधिनियम में उल्लेख है कि प्रत्येक विद्यालय एवं CBSE विद्यालयों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति कर शिक्षा दी जाए लेकिन यह देखा जा रहा है कि नियमों का पालन संचालकों द्वारा नहीं किया जा रहा ,प्रत्येक वर्ष लाखों बच्चे कक्षा 8 वी उत्तीर्ण होते हैं परंतु इसके बाद की पढ़ाई हेतु विशेष विद्यालय की व्यवस्था नहीं होने के कारण आगे की शिक्षा नहीं ले पाते एवं उनका भविष्य अधर में रह जाता है इसलिए प्रत्येक जिले में विशेष स्कूल एवं विशेष बच्चों के रहने एवं भोजन की व्यवस्था हेतु कक्षा 12वीं तक छात्रावास का प्रबंध होना चाहिए।
मध्य प्रदेश में भोपाल प्रदेश की राजधानी है होने के बावजूद यहां एक भी नेशनल इंस्टिट्यूट( राष्ट्रीय संस्थान ) एवं विशेष कॉलेज नहीं है ,कारणवश विशेष बच्चों को सामान्य कॉलेजों में शिक्षा ग्रहण करनी पड़ती है जिसके कारण उन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है एवं विशेष बच्चों की भाषा के जानकार( लैंग्वेज एक्सपर्ट ) नहीं मिल पाने के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है इस कारण प्रत्येक संभाग स्तर पर विशेष कॉलेज खोले जाने की आवश्यकता भी है ,अगर देखा जाए तो पूरे भारत में 4 से 5 विशेष विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं जो कि भारत में विशेष बच्चों की जन संख्या के अनुरूप नाकाफी है, इसको देखते हुए प्रत्येक राज्य में एक विशेष विश्वविद्यालय होना अति आवश्यक है जहां सभी दिव्यांगों को सभी विषय में शिक्षा दी जा सके एवं विश्वविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति ना सिर्फ विशेष शिक्षा के जानकार शिक्षकों की हो बल्कि दिव्यांग जनों की भी हो।
प्रधानमंत्री द्वारा मेक इन इंडिया योजना के अंतर्गत दिव्यांग जनों हेतु क्या प्रावधान है इस का भी प्रकाशन होना आवश्यक है ताकि ज्यादा से ज्यादा दिव्यांग जन इस योजना का लाभ उठा सकें उक्त उल्लेख एवं जानकारी विशेष शिक्षा के शिक्षक गुलाबराव बारस्कर द्वारा National live को दी गई।
मध्य प्रदेश में एकमात्र विशेष शिक्षण संस्थान मनोविकास उज्जैन में है जहां से विशेष स्पेशल D.Ed एवं B.Ed कर विशेष स्पेशल शिक्षक बना जा सकता है भारत में इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं मौजूद है आप की एक कोशिश ना सिर्फ आपको शिक्षा जगत में कैरियर दे सकती बल्कि इन विशेष बच्चों को सुनहरा भविष्य भी दे सकती है।
