सूअरों से भी फैल सकता है निपाह

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देशभर में जानलेवा वायरस निपाह फैलने की आशंका के चलते दिल्ली में स्वास्थ्य विभाग की आपात बैठकों का दौर जारी है, हाल ही में केरल में निपाह की चपेट में आकर 10 लोगों की मौत हो गई, गौरतलब है कि निपाह वायरस न सिर्फ चमगादड़ से फैलता है बल्कि यह सूअरों से भी फैल सकता है लेकिन लगता है कि उज्जैन प्रशासन इससे अनभिज्ञ है ,कागजों में स्वच्छता अभियान मैं करोड़ों खर्च करने के सच को हजारों की तादाद में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सूअर खुलेआम विचरण कर ठेंगा दिखा रहे हैं ।

प्रशासन की जानकारी के लिए शहर के किन किन व्यस्ततम क्षेत्रों में सुअरो के परिवार फल फूल रहे हैं, जानकारी प्रस्तुत है ,शहर का मुख्य बस स्टैंड नानाखेड़ा ,महाकाल वाणिज्य, बसंत बिहार ,महाश्वेता जैसे क्षेत्रो में हर गली में सूअर आसानी से विचरण करते नजर आ सकते हैं ,यहां तक की जवाहर नगर के निवासी अपने बच्चों को पार्क में खेलने तक नहीं जाने देते क्योंकि वहां पहले से ही सूअरों ने कब्जा कर रखा है बकायदा सुरक्षा के चलते घरों के बाहर लोगों ने जालियां लगवा रखी है, इंदौर रोड पर बसी कॉलोनिया ,महेश विहार ,वृंदावन धाम मैं तो जैसे सूअरो की कॉलोनी बसी है ,कालोनियों में नाली निकासी नहीं होने की वजह से जहां-तहां फैले नाली के पानी में सूअर अपने परिवार पाल रहे और इस गंदे पानी के बीच लगे बोरिंगो का पानी पीने को कॉलोनी वासी पीने को मजबूर है ,कॉलोनी वासियों ने जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन को कई बार इससे अवगत कराया लेकिन नतीजा सिफर ,महाकाल वन क्षेत्र ,आगर रोड ,हरी फाटक क्षेत्र भी सूअरों से अछूते नहीं है ,लेकिन ऐसा लगता है कि जनप्रतिनिधि मानो हाथ जोड़कर फिर चुनाव में खड़े होने की तैयारी कर रहे हैं उन्हें शहरवासियों की समस्याओं से कोई सरोकार नही है।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि शहर में सूअरों की बढ़ती संख्या की रोकथाम समय रहते नहीं की गई और 1 मरीज भी निपाह वायरस से ग्रसित हो गया तो प्रशासन को जवाब देना भारी पड़ सकता है ,बाहर हाल प्रशासन कार्रवाई करें ना करें यह तो देखने वाली बात है ,लेकिन शहरवासियों को सूअरों से दूरी बनाने की जरूरत है क्योंकि निपाह का इलाज अभी संभव नहीं है इसलिए सतर्कता ही एक उपाय है।


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