देश के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़

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21वी सदी में बहुत कुछ बदलाव हो रहा है लेकिन हम देश के भविष्य के प्रति सजग नहीं है खुलेआम देश को चलाने वाले नेताओं को चुनने वाली प्रक्रिया में हो रहा है खिलवाड़,या यूं कहिये की जनता के एक तरफ कुआ तो दूसरी ओर खाई ,किसी एक को तो चुनना ही है।

जब हम अपने घर अपने बच्चों के भविष्य के बारे में फैसला लेते हैं तो हमारे हर पहलू में उच्च गुणवत्ता को प्राथमिकता देते हैं और देश का हर व्यक्ति यह चाहता है कि उसकी संतान अच्छी शिक्षा ग्रहण कर डॉक्टर, इंजीनियर ,आईएएस ,आईपीएस बने और इसके लिए युवा अपनी क्षमता और योग्यता की अग्नि में तपकर अपने आपको साबित कर पाता है लेकिन ये भारत देश की विडम्बना है कि अपार योग्यता का धनी IAS IPS अधिकारी,जब अंगूठा छाप ,अपराधिक प्रवृत्ति मैं लिप्त राजनेता को सैल्यूट करता है तो यह देश के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगाता है

भारत की आजादी के आज कितने ही दशक बीतने के बाद भी संविधान निर्माता एवं संसद का इस महत्वपूर्ण विषय पर कोई मापदंड नहीं है ,ना ही संविधान में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी कि शैक्षणिक योग्यता एवं आपराधिक प्रवृत्ति कोई मायने रखती है, और यही मुख्य कारण है की आज राजनीतिक क्षेत्र में आपराधिक प्रवृत्ति एवं शैक्षणिक शून्यता वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

एक और तो सरकार एवं राजनीतिक पार्टियां संविधान में कोई संशोधन ना करके आपराधिक प्रवृत्ति एवं अशिक्षित लोगों के हाथों में देश का भविष्य सौपने के लिए जनता को मजबूर कर रही है ,वहीं देश में तेजी से बढ़ रहे अपराधों पर लगाम लगाने के उपाय ढूंढ रही है,याने ये तो मालवी में कहावत है कि”काख में छोरो ने जगत में ढिंढोरों “वाली बात हुई, आज विश्व के विकासशील देशों में भारत ही एक ऐसा देश है जहां सांसद, विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री बनने के लिए किसी शैक्षणिक योग्यता एवं आपराधिक प्रवृत्ति जैसे विषय के कोई मायने नहीं है , आखिर क्यों हम बड़ी आसानी से ऐसे लोगों के हाथ में देश का भविष्य सौप देते हैं जिनको अपना नाम तक लिखना नही आता,सेकड़ो आपराधिक मामलो में वे लिप्त होते है ,आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वालो के पनाहगार होते है, इन लोगो के खुद के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा होता है ,वे देश के भविष्य को कैसे तय करेंगे।

आज इस विषय पर नियमों में बदलाव किस सख़्त आवश्यकता है, चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी की शैक्षणिक योग्यता एवं सामाजिक मापदंड सुनिश्चित होनी चाहिए ताकि देश के भविष्य पर शैक्षणिक शून्यता का अंगूठा एवं अपराधिक प्रवृति का धब्बा ना लग सके ,एवम भारत की जनता यह महसूस कर सके की देश का भविष्य सुरक्षित हाथों में है


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