सरकार द्वारा चलाए गए कुछ प्राथमिक उपचार के लिए कोर्स जैसे सीएचवी , ई एम टी ,जी एन एम, बी एन वाई एस, बीईएमएस आदि हैं जिसमें ग्रामीण क्षेत्र या शहर से दूर तहसील स्तर पर लोगों को प्राथमिक उपचार मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा इस प्रकार के कोर्स नौजवानों को कराए जाते हैं
ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार के पास एमबीबीएस डॉक्टर शहर के अस्पतालों के लिए ही नाकाफी हैं ऐसी स्थिति में गांव के लोगों को समय पर प्राथमिक उपचार मिल सके।
वहीं दूसरी तरफ एमबीबीएस डॉक्टर्स सरकार द्वारा मोटी तनख्वाह पाने के बाद भी अस्पतालों में नियमित नहीं मिलते हैं उनका आधा समय प्राइवेट अस्पतालों में और प्राइवेट प्रैक्टिस में निकल जाता है ,जबकि सरकारी डॉक्टर्स को ना तो प्राइवेट हॉस्पिटल में जाना अलाउ है,ओर ना ही प्राइवेट प्रेक्टिस करना।
गांव में या तहसील प्लेस में कोई भी MBBS डॉक्टर या तो जाना पसंद नहीं करता है और अगर ड्यूटी रहती भी है तो महीने में एक दो बार जाकर खाना पूर्ति की जाती है,इसका उदाहरण हाल ही में इंगोरिया के पास रोड़ एक्सीडेंट जिसमे घायल को इंगोरिया अस्पताल में ले जाया गया जहाँ डॉक्टर नदारद मिले।घायल को घंटो इंतजार करना पड़ा।
ऐसे में सवाल यह उठता है किप्राथमिक उपचार के लिए विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में यही झोलाछाप काम आते हैं फिर हर साल झोलाछाप मुहिम के तहत इन प्राथमिक उपचार करने वाले फस्ट एड डॉक्टर्स को क्यों डराया-धमकाया जाता है
सिहस्थ महापर्व मैं सरकार द्वारा इन्हीं हजारों फस्ट एड डॉक्टरों से सेवाएं ली उस समय इन्हीं फस्ट एड डॉक्टरों ने सिंहस्थ में आए हुए लाखो श्रद्धालुओं का प्राथमिक उपचार किया उस समय यही फस्ट एड डॉक्टर्स सरकार को झोलाछाप क्यों नजर नहीं आए ।जब सरकार को इन फस्ट एड डॉक्टर पर कार्यवाही ही करना है तो इस प्रकार के विभिन्न प्राथमिक उपचार के कोर्स क्यों करवा रही है ,और क्या उन तमाम ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक उपचार एमबीबीएस डॉक्टर द्वारा करवा सकती है
ऐसे में झोलाछाप मुहिम सवालो के घेरे में आ रही है, जब सरकार ही इस तरह के प्राथमिक उपचार कोर्स करवा रही है और इन पर कार्रवाई भी वही कर रही है ये दोहरी नीति कैसे।
ऐसे में सरकार या तो पर्याप्त रूप से एम बी बी एस डॉक्टरों का इंतजाम करे ओर इस प्रकार के प्राथमिक उपचार के झोलाछाप कोर्स बंद करे ।
असल बात तो यह है के ये झोलाछाप नही बल्कि फस्ट एड याने प्राथमिक उपचार स्वास्थ्य कार्यकर्ता है जो ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक उपचार करते हैं।ओर लोगो का आकस्मिक समय प्राथमिक उपचार कर जीवन रक्षक बनते हैं।
