कहते हैं कि भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और सभी को समानता का अधिकार है सभी को अपनी अभिव्यक्ति को व्यक्त करने की आजादी है लेकिन मैं यह जानना चाहता हूं कि क्या अभिव्यक्ति की आजादी का यह अर्थ है की आप जब चाहे जहां चाहे किसी का भी अपमान कर सकते हैं किसी की इज्जत और सम्मान को सरे बाजार नीलाम कर सकते हैं क्या भारत का कोई नागरिक प्रधानमंत्री राष्ट्रपति जैसे गरिमामई पदों को सरेबाजार गाली दे सकता है उनका अपमान कर सकता है और भारत में इस तरह का कोई कानून नहीं है क्या जो इन गरिमामई पदों का अपमान करने वालों पर कड़ी कार्रवाई कर सके ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हिम्मत न कर सके क्योंकि अगर कोई व्यक्ति सरे बाजार भारत के प्रधानमंत्री का अपमान कर सकता है उन्हें गाली दे सकता है तो एक आम आदमी की क्या हैसियत रह जाती है और जब ऐसे लोगों पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं होती है तो इससे और लोगों को भी इस तरह का निंदनीय अपराध करने का बढ़ावा मिलता है यह सोचने का विषय है कि हम एक सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का हिस्सा है और कानून सबके लिए बराबर है सबको समानता का अधिकार है लेकिन इस समानता के अधिकार एवं अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में हम उच्चतम एवं गरिमामई पदों का सम्मान न करें जरूरत इस बात की है की कोई भी व्यक्ति इन गरिमामई पदों का अपमान करें तो उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होना चाहिए जब हमको अपना स्वाभिमान सम्मान प्यारा हैओर जरूरत इस बात की भी है कि जब भारत के हर नागरिक के स्वाभिमान एवं सम्मान की रक्षा के लिए कड़े से कड़े कानून और कड़ी से कड़ी कार्रवाई होने की है कोई भारत के इन गरिमामई पदों का अपमान करता है तो कोई देश के रक्षक हमारी सेना का सरेआम अपमान करता है और हमारा कानून मुकदर्शक बना हुआ है क्या हमारे देश का कानून इतना लचीला है क्या यही सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में अभिव्यक्ति की आजादी के मायने हैं।
