वर्तमान युग सनातन का वैभव स्थापित होने का
युग- महामंडलेश्वर श्री शैलेशानंद गिरी महाराज
वर्तमान युग स्वर्णिम युग है ”

उज्जैन, मनोज उपाध्याय! बसंत पंचमी के अवसर पर बुधवार को राजा भोज की नगरी धार में विद्या, ज्ञान, बुद्धि, सुर, संगीत की देवी मां सरस्वती के मंदिर भोजशाला में पूजा अर्चना और महाआरती और धर्म सभा का का आयोजन महामंडलेश्वर स्वामी शैलेश आनंद गिरि महाराज के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ।
हजारों की संख्या में सनातन धर्मावलंबियों ने धूमधाम से ढोल धमाके से पूरे शहर में शोभायात्रा निकाली और इस शोभायात्रा का समापन धार में स्थित मां सरस्वती के प्राचीन मंदिर भोजशाला में जाकर समाप्त होगा जहां महामंडलेश्वर स्वामी शैलेश आनंद गिरि महाराज के साथ हजारों की संख्या में सनातन धर्म के अनुयायियों ने मां सरस्वती के तस्वीर की पूजा अर्चना की और महा आरती की गई,इसके बाद महामंडलेश्वर शैलेश आनंद गिरि महाराज ने धर्म सभा को संबंधित किया।
वर्तमान युग सनातन का वैभव स्थापित होने का
युग- महामंडलेश्वर शैलेशानंद गिरी महाराज”
500 वर्ष से भी अधिक वर्षों के इंतजार के बाद 22 जनवरी को हमने रामलला को अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर विशाल मंदिर में स्थापित होने के साक्षी होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ , काशी विश्वनाथ मंदिर के अलौकिक निर्माण जैसे संकल्पों को साकार होते हुए देखा है , जिसे देखकर प्रतीत होता है कि वर्तमान योग सनातन का वैभव पुनः स्थापित हो रहा है, लेकिन अभी भी भारत में सैकड़ो सनातन धर्मस्थल ऐसे हैं जिन्हें आक्रांताओं ने अपने मूल रूप से परिवर्तित कर दिया था इनमें से एक राजा भोज की नगरी धार में स्थित मां सरस्वती की पूजा स्थली है जिसमें पुरातन काल से मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित थी जहां उनकी पूजा अर्चना की जाती थी जिसे देशकाल और परिस्थिति के चलते विस्थापित कर दिया गया, जिसे पुन स्थापित करने का समय अब है,क्योंकि ऐतिहासिक सनातन धार्मिक स्थलों का मूल रूप क्या था जिसे आक्रांत होने बदल दिया, और यह कई शोध संस्थानों के द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत भी किया गया है और इसी के चलते न्यायालय के द्वारा भी सत्य के पक्ष में ही निर्णय किये जा रहे हैं, सत्ता भी सनातन हितेषी है।
“वर्तमान युग स्वर्णिम युग है ”
महामंडलेश्वर श्री शैलेश नंद गिरी महाराज ने कहा कि वर्तमान युग स्वर्णिम युग कहलायेगा जहां सनातन की संपूर्ण विश्व में पुनर्स्थापना होगी और भारत विश्व गुरु कहलायेगा, इस स्वर्णिम युग में सत्ता पक्ष के द्वारा ऐतिहासिक निर्णय एवं कार्य किये जा रहे हैं , इसलिए सनातन धर्म के सभी अनुयायियों को एकजुट होने की आवश्यकता है, हमारे धर्म ग्रंथो और पुरातन सनातन के इतिहास का हमारे युवा बड़ी को अध्ययन कर उसका अनुसरण करने की आवश्यकता है।
