खरबों के कर्ज में डूबी मध्यप्रदेश सरकार लगातार कर रही है  घोषणाएं पूरे देश में लाडली बहना क्यों नहीं,सिर्फ मध्यप्रदेश में ही क्यों

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खरबों के कर्ज में डूबी मध्यप्रदेश सरकार लगातार कर रही है घोषणाएं

पूरे देश में लाडली बहना क्यों नहीं,सिर्फ मध्यप्रदेश में ही क्यों

उज्जैन, मनोज उपाध्याय! मध्यप्रदेश के प्रति व्यक्ति पर लगभग 3,300 रुपये का कर्ज यह कर्ज समय के साथ-साथ दिन दोगुना और रात चौगुना बढ़ता चला जा रहा है वर्तमान में सरकार पर 3.32 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है,सरकार लगभग 20,000 करोड़ रुपये ब्याज चुका रही है हाल ही में मार्च 2023 में ही राज्य सरकार ने एक हजार करोड़ का कर्ज लिया था और अब फिर दो हजार करोड़ रुपये का बाजार कर्ज से लेने जा रही है, और आलम यह है कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार घोषणाओं पर घोषणा कर रही है, और इन्हीं घोषणाओं में से एक लाडली बहन योजना है जिसमें मध्य प्रदेश की महिलाओं को ₹1000 प्रति माह दिया जा रहा है जिसके चलते मध्य प्रदेश सरकार पर हजारों करोड रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा और इसके बाद अगले कुछ माह में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं जिसमें भी करोड़ों रुपया खर्च किया जाएगा।
सरकारी विभागों में कार्य करने वाले ठेकेदारों के करोड़ों अरबो रुपए की देनदारी है जिनको देने की अवज में 50 प्रतिशत तक की रिश्वतखोरी सरकारी विभागों में मांगी जा रही है।

रक्षाबंधन के दिन मुख्यमंत्री निवास के सामने एक गवर्नमेंट ठेकेदार ने पत्नी के साथ सड़क पर धरना दिया , इस ठेकेदार ने अपने धरने का वीडियो वायरल करते हुए कहा है कि अगर आज शाम तक उनके द्वारा किए गए कामों के भुगतान को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ तो वह पत्नी के साथ आत्महत्या कर लेंगे। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

ठेकेदार मिश्रा का कहना है कि मुख्यमंत्री के पास लाड़ली बहना के लिए पैसे बांटने को उपलब्ध है, लेकिन काम के बदले भुगतान मांग रहे ठेकेदारों को पैसा नहीं दिया जा रहा है”

मिश्रा का कहना है कि उनके द्वारा गुना और नीमच लोक निर्माण संभाग में किए गए काम का भुगतान मांगा जा रहा है लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं, पीडब्ल्यूडी के द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है, और भुगतान करने की अवज में अधिकारियों द्वारा 50% तक कमीशन मांगा जा रहा है

“शिवराज अपने 20 सालों के कार्यकाल की उपलब्धियां पर वोट मांगे,मुफ्त की रेवड़ी क्यों”

मध्य प्रदेश की जनता का यह सवाल है कि शिवराज सिंह चौहान, जिनकी पिछले 20 सालों से मध्य प्रदेश में सरकार है ऐसे में वह अपने इन 20 सालों में किए गए कार्यों और उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच क्यों नहीं जाते?, मुफ्त की रेवड़िया बांटने का आखिर क्या कारण है हालांकि मुफ्त की रेवड़ियां बांटने की घोषणा करने में कांग्रेस भी पीछे नहीं है कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में घोषणा की थी कि हमारी सरकार आने पर हर नौजवान को ₹6000 प्रतिमाह दिया जाएगा, और मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने घोषणा की है कि हमारी सरकार आने पर प्रदेश की महिलाओं को ₹1500 प्रति माह नारी सम्मान योजना में दिया जाएगा और 500 रुपए में गैस सिलेंडर, ऐसे में सवाल यह है कि आखिर राजनीतिक दल चुनाव के समय जनता के पैसे की फ्री की रेवड़ियां क्यों बांटने पर विश्वास रखते है, फ्री की रेवड़ियों से जनता या शहर का विकास संभव नहीं है जनता अपने जनप्रतिनिधियों को चुनती है और जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के लिए विकास कार्य करता है तो निश्चित रूप से उसे किसी फ्री की रेवड़ी बांटने की आवश्यकता नहीं है।

बहरहाल मध्य प्रदेश में चुनावी सर गर्मी जोरों पर है और कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल फ्री की रेवड़ियां बांटने में मशगूल हैं, लेकिन ऐसे में सवाल यह है कि लाडली बहना सिर्फ मध्य प्रदेश में ही क्यों है पूरे देश में लाडली बहना क्यों नहीं ? और सवाल यह भी है कि जब सरकार खरबों रुपए के कर्ज में डूबी हुई है ऐसे में फ्री की रेवड़िया बांटने पर चिंतन करने की आवश्यकता है जबकि सरकारी विभागों में काम करने वाले ठेकेदारों के करोड़ अरब रुपए की देनदारी है ,चारों ओर भ्रष्टाचार ने पैर पसार रखे हैं इस पर भी अंकुश लगाने की आवश्यकता है।


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