क्या नगर निगम में भी चल रही है,रैगिंग? दी जा रही है मानसिक प्रताड़ना?
सहायक यंत्री का इस्तीफा,निगम में षड्यंत्रकारी ताकतें जोरों पर
महिला अधिकारी का इस्तीफा, शासन प्रशासन के लिए चिंतनीय

उज्जैन, शासन प्रशासन के नुमाइंदों को अपने गिरेबान में झांकने की आवश्यकता है और अपनी कार्यशैली में अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर भी चिंतन करना आवश्यक है क्या नगर निगम के बड़े अधिकारी अपने अधीनस्थों को दे रहे हैं मानसिक प्रताड़ना? यह सवाल इसलिए है कि एक नगर निगम में महिला अधिकारी ,सहायक यंत्री विधु रानी कोराव द्वारा अचानक अपने पद से इस्तीफा दिया गया इससे स्पष्ट है कि नगर निगम में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, निगम के गलियारों में चर्चा है कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा अपने निचले अधिकारियों पर तानाशाही और प्रताड़ित किए जाने की सारी हदें पार कर चुके हैं जानकारी यह भी है कि चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक षड्यंत्र भी नगर निगम में जोरों पर है, जिसके चलते नगर निगम के सहायक यंत्री द्वारा अपनी बर्दाश्त करने की सारी हदें पार होने के बाद अंततः अपने पद से इस्तीफा दे दिया गया।
“क्या नगर निगम के अधिकारी अपने अधीनस्थों को दे रहे हैं मानसिक प्रताड़ना?
देश और प्रदेश के मुखिया महिला सशक्तिकरण बड़ी बड़ी डींगें हांकते हुए नजर आते हैं लेकिन इसकी वास्तविकता क्या है यह एक सरकारी विभाग की महिला अधिकारी द्वारा अपने पद से इस्तीफा दिए जाने से स्पष्ट है, जहां बड़े अधिकारियों के अपने अधीनस्थों के साथ किए जा रहे हैं व्यवहारों में कुटिलता, षड्यंत्रकारी मानसिकता अपनी चरम सीमा तक पहुंच चुकी है और जिसके चलते एक सरकारी विभाग में महिला अधिकारी द्वारा मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर अपने पद से इस्तीफा देना ही उचित समझा , इससे यह स्पष्ट हो गया है कि सरकारी विभागों में अफसरान पर षड्यंत्रकारी और कुटिल मानसिकता जोरों पर है।
“मध्य प्रदेश सरकार इस मामले की तह तक जाएगी?”
नगर निगम उज्जैन में कार्यरत सहायक यंत्री के अपने पद से इस्तीफा दिए जाने को शासन-प्रशासन एक सामान्य प्रक्रिया समझने की भूल ना ही करें तो अच्छा है क्योंकि यह एक बड़ा प्रश्न है कि एक सरकारी महिला मुलाजिम द्वारा अपने पद से इस्तीफा क्यों दिया गया, इसके पीछे का वास्तविक कारण क्या है यह जानना बहुत आवश्यक है क्योंकि यह प्रश्न चिन्ह न सिर्फ नगर निगम जैसे प्रशासनिक विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर उठ रहा है बल्कि आशंका यह भी है कि अन्य प्रशासनिक विभागों में भी महिला अधिकारी एवं कर्मचारी पर प्रताड़ित किए जाने वाली कार्यशैली हावी है, ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार के मुखिया नगर निगम उज्जैन में एक महिला अधिकारी द्वारा अचानक इस्तीफा दिए जाने के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए इस मामले की निष्पक्ष जांच कराएंगे?
बहर हाल नगर निगम की सहायक यंत्री विधु रानी कौरव द्वारा अपने पद से इस्तीफा दिए जाने का मामला, नगर निगम के अधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थों को मानसिक प्रताड़ना दिए जाने की और राजनीतिक षड्यंत्र की आशंका के चलते मामले की निष्पक्ष जांच कराने के लिए बाध्य कर सकता है, और यह जांच आवश्यक इसलिए भी है कि नगर निगम उज्जैन में अधिकारी भ्रष्टाचार की सारी चरम सीमाएं लांघ चुके हैं और जिसके चलते नगर निगम कंगाली के दौर से गुजर रहा है जहां के अधिकारी अपनी राजनीतिक सरपरस्ती के चलते अपने अधीनस्थों पर तानाशाही और मानसिक प्रताड़ना भरी कार्यशैली अपना रहे हैं जिसका उजागर होना आवश्यक है, ताकि दोषियों पर कार्रवाई की जा सके और आगे से कोई अधिकारी या कर्मचारी मानसिक प्रताड़ना की आशंका के चलते अपने पद से इस्तीफा ना दें।
