नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर एवं धर्मशाला नील गंगा के आधिपत्य पर गहराया विवाद

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नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर एवं धर्मशाला नील गंगा के आधिपत्य पर गहराया विवाद

उज्जैन, (अक्षर वार्ता)मनोज उपाध्याय! जूना अखाड़ा नीलगंगा के समीप स्थित बने नीलकंठेश्वर महादेव एवं धर्मशाला पर कब्जे के मामले में क्षेत्रवासी एवं साधु संत आमने-सामने हो गए दोनों पक्ष अपनी जमीन होने का दावा कर रहे हैं, एसडीएम ने दोनों ही पक्षों को कल अपने अपने पुख्ता कागज प्रस्तुत करने को कहा है।

“क्या कहा इस मामले में दिल्लू पहलवान ने”
जूना अखाड़ा के पास बने नीलकंठेश्वर महादेव एवं धर्मशाला में सरकारी और जनभागीदारी का मद लगाया गया है और इसका निर्माण कार्य किया गया है, जिसको विगत कई वर्षों से एक समिति संचालित करती है, स्थानीय निवासी दिल्लू पहलवान ने कहा कि मामले में हमारे पास पुख्ता कागजात है और जिसे हम प्रस्तुत करेंगे, उन्होंने आरोप लगाया कि बाबा साधुओं और अखाड़ा परिषद की आड़ में अतिक्रमण और भ्रष्टाचार एवं अनैतिक कार्य किए जा रहे हैं जिसका विरोध किए जाने पर अखाड़ा परिषद की ओर से मंदिर और धर्मशाला को हड़पने की कोशिश की गई है।

“क्या कहना है एसडीएम का”
एसडीएम कल्याणी पांडे भी मौके पर पहुंची दोनों पक्षों की सुनवाई की , और कहा की मामले में दोनों ही पक्षों से जमीन के कागजात मंगवाए हैं और कागजातों की जांच की जाने के बाद ही आगे की स्थिति बता सकेंगे।

“क्या कहना है जूना अखाड़ा का”

जूना अखाड़ा से जुड़े पी आर ओ गोविंद सोलंकी का कहना है कि जो दस्तावेज बोलेंगे वह सही है हमारे पास कागज है और जांच में सब स्पष्ट हो जाएगा।
इस मामले में जूना अखाड़ा के वरिष्ठ संतो का कहना है कि इस अखाड़े की तल मंजिल पर वेद विद्या प्रतिष्ठान एवं द्वितीय मंजिल पर आयुर्वेदिक औषधालय और तीसरी मंजिल पर साधु-संतों के ठहरने का स्थान बनाना सुनिश्चित किया गया था लेकिन कथनी और करनी में बहुत अंतर दिख रहा है।
बहर हाल इस मामले में सच्चाई क्या है कहना जल्दबाजी होगी लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर एवं धर्मशाला पर कब्जा करने का दिन अखाड़ा परिषद के लोगों की तरफ से आज ही क्यों चुना गया इसमें कहीं ना कहीं अखाड़ा परिषद को ढाल बनाकर और गंगा दशहरे पर इकट्ठा हुए साधुओं के प्रभाव को आधार बनाकर यह कार्य किया गया है , क्षेत्रवासियों ने कहा कि अखाड़ा परिषद की आड़ में कुछ लोग यहां आने तक कार्य कर रहे हैं जिसके सबूत हमारे पास मौजूद हैं ,और शिवांजलि गार्डन भी विवादित है, समय आने पर इन्हें उजागर किया जाएगा ।


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