
“बाउंसर वाले मिश्रा जी”
पर उपदेश कुशल बहुतेरे
मिश्रा जी के बाउंसर ने एक महिला पुलिस को सरेआम पीटा
उज्जैन,शिव महापुराण कथा, माफ़ कीजिएगा विक्रमादित्य शिव महापुराण के माध्यम से उज्जैन में सनातन धर्म प्राण जनता को अहिंसा, पूजा पाठ ,प्रेम,ओर भाईचारे का उपदेश देने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा, खुद अपनी कथाओं में बाउंसर लेकर घूमते हैं, जो ना सिर्फ उन्हीं के श्रोताओं से बत्तमीजी करते हैं बल्कि उनके साथ मारपीट भी करते हैं।
शुक्रवार को उज्जैन में पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा की जा रही विक्रमादित्य शिव महापुराण के पंडाल में सुरक्षा और व्यवस्था के लिए लगाई गई महिला पुलिस के साथ पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ आई हुई महिला बाउंसर ने जमकर मारपीट की और मिश्रा जी मंच पर बैठे हुए शांति और अहिंसा का संदेश देते नजर आए, ऐसे में सवाल यह उठता है कि एक महिला पुलिसकर्मी से मारपीट करने का अधिकार मिश्रा जी के बाउंसरों को किसने दिया और सवाल यह भी है कि कथावाचकों को अपनी कथाओं के आयोजन में बाउंसरों को रखने की इजाजत किसने दी?
आखिर क्या कारण है कि आजकल कथावाचक ,सेलिब्रिटी यहां तक कि राजनेता भी पुलिस प्रशासन पर कम और बाउंसरों पर ज्यादा भरोसा करने लगे हैं, यहां तक तो ठीक है लेकिन अब यह बाउंसर पुलिस कर्मियों पर भी हाथ उठाने से परहेज नहीं कर रहे है, और मिश्रा जी की शासन प्रशासन पर धमक देखते ही बनती है एक भरे पंडाल में जहां लाखों की संख्या में जनता मौजूद थी वहां सरेआम एक बाउंसर ने महिला पुलिसकर्मी को जमकर पीटा और नेता नगरी सहित मिश्रा जी देखते रहे, और उस महिला बाउंसर के खिलाफ किसी प्रकार का कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है ऐसे में सवाल यह है कि आखिर मध्यप्रदेश शासन की महिला पुलिस को सरेआम एक बाउंसर द्वारा पीटा जा रहा है और पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है, इस मामले में उज्जैन पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा से जानकारी ली गई तब उन्होंने बताया कि इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जांच कर रहे हैं , उज्जैन पुलिस कप्तान मामले की जांच करने की बात कर रहे हैं जबकि सोशल मीडिया पर मिश्रा जी की बाउंसर द्वारा सरेआम एक महिला पुलिस आरक्षक को पीटने का वीडियो चल रहा है जिसमें स्पष्ट दिख रहा है कि एक महिला पुलिस को सरेआम पीटा जा रहा है बावजूद इसके जांच करने की बात कही जा रही है।
बहरहाल इस मामले में पुलिस कप्तान को महिला पुलिस आरक्षक पर हमला करने वाली बाउंसर पर और इन बाउंसर के संरक्षक पर भी सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है अन्यथा कथावाचक कानून कायदों को ताक पर रखकर अपने बाउंसर से पुलिस को सरेआम लाखों पब्लिक के सामने यूं ही पिटवाते रहेंगे।
