मुरैना। डीएफओ कार्यालय के पीछे एक बार फिर से शहर का सबसे बड़ा रेत का डंपिंग ग्राउंड मिला है। रविवार को पुलिस, वन विभाग, एसएएफ व प्रशासन के द्वारा संयुक्त रूप से इस इलाके में रेत जब्त करने और रेत को नष्ट कराने की कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है कि पुलिस के अधिकारियों ने यहां डंपिंग देखी और अगले दिन यहां कार्रवाई की योजना बनाई। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने भी टास्क फोर्स को हर रोज इस तरह की कार्रवाई के लिए निर्देशत किया है।
दिया तले अंधेरा वाली कहावत वन विभाग के साथ सटीक बैठ रही है। डीएफओ कार्यालय और निवास के पीछे खाली मैदानों को ही माफिया ने रेत की डंपिंग का अड्डा बना रखा है। यहां पर रेत के करीब 50 से 60 ढेर जमा हैं। इनमें से करीब 30 ढेरों को रविवार के दिन पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों ने प्रशासन के सहयोग से जब्त किया। आधे रेत को डंपरों के जरिए एक गुप्त जगह पर डंप कर रखवाया गया है।
जबकि इतनी ही मात्रा में रेत मैदानों में बिखेर कर नष्ट करा दिया गया है। इस काम के लिए नगर निगम के संसाधनों की सहायता मिलने के कारण वन अमले ने सुबह 5 बजे से साढ़े दस बजे तक लगातार कार्रवाई की। इस कार्रवाई में वन विभाग के गेम रेंज ऑफीसर डॉ. ऋषिकेश शर्मा, टीआई सिविल लाइन योगेंद्र सिंह जादौन उपस्थित रहे। इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारी भी संसाधनों की आवश्यकता और अभियान की मॉनीटरिंग करते रहे।
शिवनगर में भी की कार्रवाई
डीएफओ कार्यालय के पीछे कार्रवाई करने के बाद टीम ने बायपास स्थित शिवनगर कॉलोनी में भी कार्रवाई की। यहां पर भी करीब चार डंपर रेत नष्ट कराया गया। इस इलाके में भी माफिया अब धीरे-धीरे अपने डंपिंग ग्राउंड बनाता जा रहा है। इसलिए अब वन विभाग की चुनौती भी बढ़ गई है। वन विभाग और पुलिस मिलकर यथा संभव कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल इसका माफिया पर कोई असर नहीं दिखा गया है।
यह है रणनीति
प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वन विभाग ने जो नई रणनीति बनाई है उसके तहत रेत माफिया का पीछा कर वाहन पकड़ने से अच्छा जिले में रेत की उन डंपिंग साइड को खत्म करना है जहां चोरी छिपे माफिया रेत की डंपिंग करता है। इन ढेरों को नष्ट करने के लिए प्रशासन और वन विभाग हर रोज इस तरह के अभियान चलाएगा। ताकि माफिया रेत डंप ही न कर सके।
