
नगर निगम में कुत्ता फजीति और स्वास्थ्य विभाग में रेबीज का इलाज नहीं,
प्रशासन सुस्त ,आवारा कुत्ते चुस्त और जनता त्रस्त
उज्जैन, (मनोज उपाध्याय) नगर निगम उज्जैन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मानो गांधीजी के तीन बंदरों जैसा रुख अपना रखा है लेकिन गांधीजी के तीन बंदरों में बुरा सुनना ,बोलना और देखना बंद किया हुआ दर्शाया था लेकिन नगर निगम उज्जैन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने “बुरा ” शब्द को हटा दिया है और वहां “जनता को”शब्द लगा दिया है, जनता की सुनना नहीं , जनता को देखना नहीं और जनता से बात करना नहीं।
हालात यह है कि शहर में आवारा कुत्तों का मेला सा लग चुका है, हजारों की संख्या में उज्जैन शहर में आवारा कुत्ते शहर में खुलेआम विचरण कर रहे हैं, हर गली मोहल्ला और प्रमुख चौराहे इससे सराबोर हैं और इन आवारा कुत्तों के शहर की जनता को काटने के सैकड़ों मामले रोज सामने आ रहे हैं लेकिन नगर निगम के अधिकारी एवं कर्मचारी, मेनका गांधी के पशु संरक्षण के एनजीओ की आपत्ति का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं, आपको बता दें कि मेनका गांधी के एनजीओ ने आवारा कुत्तों को पकड़ कर उनकी नसबंदी करने पर आपत्ति जताई थी लेकिन इन आवारा कुत्तों को पकड़ कर जंगल में छोड़ने पर आपत्ति नहीं है बावजूद इसके नगर निगम के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे हुए बैठे हैं और शहर की जनता आवारा कुत्तों से त्रस्त है।
वहीं दूसरी ओर उज्जैन का स्वास्थ्य विभाग है जहां सैकड़ों की संख्या में आवारा कुत्तों के काटने पर शहर की जनता पहुंच रही है रेबीज के इंजेक्शन के लिए, लेकिन उज्जैन के स्वास्थ्य विभाग के हालात इतने बद से बदतर हो चुके हैं , स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली उजागर हुई है, उज्जैन जिला मुख्यालय के जिला अस्पताल में कुत्ते के काटने पर रेबीज रोग को रोकने के लिए लगाए जाने वाले रेबीज का इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है, हालात यह है कि जिला अस्पताल उज्जैन में कुत्तों के काटने से पीड़ित लोगों की रोज भीड़ जमा हो रही है लेकिन अस्पताल में रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है ऐसे में शहर की जनता अस्पताल में धक्के खा रही है , और प्राइवेट अस्पताल में महंगे इंजेक्शन के नाम पर लूट मची हुई है।
बहर हाल उज्जैन की जनता की उज्जैन के जिलाधीश कुमार पुरुषोत्तम से गुजारिश है कि जिला मुख्यालय उज्जैन के जिला अस्पताल में कुत्ते के काटने से होने वाले रोग रेबीज की रोकथाम करने वाले इंजेक्शन को प्राथमिकता से उपलब्ध करवाएं एवं नगर निगम उज्जैन तुरंत प्रभाव से आवारा कुत्तों को पकड़ने की कार्रवाई करें।
