
ऐसा प्रतीत होता है कि महाकालेश्वर मंदिर सशुल्क प्रोटोकॉल व्यवस्था में से भी लगातार धनम धनम धनम का उच्चारण होता है
भोलेनाथ के दर्शन करने में ,भक्तों में भेद कर रही है सशुल्क प्रोटोकॉल व्यवस्था
उज्जैन,(मनोज उपाध्याय )परम पूज्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज के उपदेश का एक वीडियो जब मैं देख रहा था,तब मुझे ऐसा प्रतीत हुआ कि महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन की प्रोटोकॉल व्यवस्था मेंसे भी कहीं ना कहीं धनम धनम धनम की ध्वनि का उच्चारण हो रहा है और वह कहीं ना कहीं बाबा महाकाल के भक्तों में भेद कर रही है, महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन की प्रोटोकॉल व्यवस्था के अंतर्गत जो जितना ज्यादा पैसा देता है वह बाबा महाकाल के उतने ही करीब पहुंच जाता है लेकिन यह ना सिर्फ बाबा महाकाल के भक्तों के साथ अन्याय एवं भेदभाव पूर्ण प्रक्रिया है बल्कि धर्म के हिसाब से भी न्याय संगत प्रतीत नहीं होता है ।
https://youtu.be/2jDerE9EvN8
परम पूज्य सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज के उपदेश में उन्होंने कहा है कि परमेश्वर तक पहुंचने की राह में अगर धन बाधा बनता है तो वह धन सार्थक नहीं है अर्थात वह धन अनैतिक श्रेणी में आता है, और यही प्रक्रिया महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन की ओर से लागू की गई है जिसमें बाबा महाकाल के दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं और जब वह मंदिर पहुंचते हैं तब अगर प्रोटोकॉल व्यवस्था के तहत 15 सो रुपए की रसीद कटाते हैं तब वह सीधे महाकालेश्वर मंदिर के गर्भ ग्रह में प्रवेश करके बाबा महाकाल के बिल्कुल निकट और स्पर्श करने की स्थिति में हो जाते हैं और 250 रुपया की रसीद कटाने पर बाबा महाकाल का गणेश मंडपम और कार्तिकेय मंडपम से दर्शन लाभ लिया जा सकता है और अधिक पैसा देने पर और वीवीआइप की श्रेणी में शामिल होने पर नंदीहाल से दर्शन किया जा सकता है लेकिन अगर आप प्रोटोकॉल व्यवस्था के तहत पैसा खर्च नहीं कर सकते हैं और आप वीआईपी और वीवीआईपी भी नहीं है तो आपको कार्तिकेय मंडपम के ऊपर लगे शीशे में से बाबा महाकाल के दर्शन करके संतुष्ट होना पड़ेगा, जिसकी गर्भगृह से दूरी लगभग 200 फीट से अधिक है तो 200 फीट की दूरी को जितना कम करना है उतना अधिक धन प्रोटोकॉल व्यवस्था के तहत देना होगा, लेकिन यह कहीं ना कहीं बाबा महाकाल के भक्तों के साथ अन्याय और जजिया कर लेने जैसा प्रतीत होता है।
लेकिन इन सबके बीच सवाल यह भी है कि बाबा महाकाल जो श्मशान में धूनी रमाने वाले जिन्हें सोना चांदी हीरा मोती धन आदि आडंबरों से जिनका कोई वास्ता नहीं है ऐसे में उनके मंदिर में तमाम आडंबर किए जाने से महादेव के भक्त कहीं ना कहीं बाबा महाकाल तक धन के अभाव में उनके दर्शन लाभ एवं स्पर्श करने से वंचित रह जाते हैं।
परम पूज्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज के उपदेश में एक नगाड़े का जिक्र आया है जिसको बजाने पर धनम धनम धनम की ध्वनि सुनाई देने की बात कही गई है तब ऐसा लगता है कि महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन की प्रोटोकॉल व्यवस्था भी कहीं ना कहीं धनम धनम धनम का उच्चारण करती हुई नजर आ रही है, जिसे किसी भी अवस्था में बाबा महाकाल के भक्तों में भेदभाव करने के लिए उचित नहीं ठहराया जा सकता।
परम पूज्य सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज के उपदेश वाले इस वीडियो को जरूर देखें
