
7 दिन के विक्रमोत्सव को अचानक 33 दिन का करने के पीछे क्या कारण?, कांग्रेस ने उठाए सवाल
चुनावी एजेंडे के तहत जनता के करोड़ों रुपए और प्रशासनिक विभागों का दुरुपयोग- रवि भदोरिया
उज्जैन, 2 वर्ष के कोरोना कॉल के बाद जनता की आर्थिक रूप से कमर टूट चुकी है, धंधे, रोजगार के लिए उज्जैन की जनता परेशान हो रही है बावजूद इसके उज्जैन में विकास कार्य करने की बजाए मध्य प्रदेश सरकार, उज्जैन में विक्रम महोत्सव की आड़ में जनता के करोड़ों रुपए और प्रशासनिक विभागों का दुरुपयोग कर रहा है ,आखिर क्या जरूरत है विक्रम उत्सव को 7 दिन से 33 दिन करने का, यह उपरोक्त सवाल शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदोरिया ने विक्रम उत्सव को लेकर उठाए हैं।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया ने विक्रम उत्सव को लेकर कहा की विक्रम महोत्सव की आड़ में भाजपा जनता के पैसों का दुरुपयोग कर रही है और वहीं प्रशासनिक विभागों का भी दुरुपयोग कर रही है पिछले कई सालों से विक्रम उत्सव 1 सप्ताह का कार्यक्रम होता आ रहा है ऐसे में चुनाव से पहले ऐसी क्या आवश्यकता पड़ी की इस एक हफ्ते के विक्रम उत्सव को 1 महीने से भी अधिक 33 दिनों का किया जा रहा है जिसमें 8 हजार से अधिक कार्यकर्ता भाग लेंगे और मध्य प्रदेश शासन के 31 विभाग शामिल होंगे यह कार्यक्रम उज्जैन सहित हैदराबाद में भी किया जा रहा है और इतने बड़े और इतने लंबे समय तक चलने वाले इस कार्यक्रम में करोड़ों रुपया खर्च होने का अनुमान है, ऐसे में इनकी कथनी और करनी स्पष्ट नजर आ रही है, ऐसे में स्पष्ट है कि भाजपा के नेताओं को और मध्य प्रदेश सरकार को उज्जैन के विकास से कोई सरोकार नहीं है, एक तरफ जहां विक्रम उत्सव के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर उज्जैन में विकास यात्रा भी निकाली जा रही है लेकिन उज्जैन के जनप्रतिनिधियों को पिछले 4 साल से अधिक समय में उज्जैन की जनता के लिए विकास कार्य नहीं किए जाने के चलते उज्जैन की जनता, विकास यात्रा के दौरान उज्जैन के जनप्रतिनिधियों को काले झंडे दिखा रही है, खरीद-फरोख्त की शिवराज सरकार के और उज्जैन के भाजपा नेताओं के कारनामे उज्जैन की जनता देख भी रही है और समझ भी रहीं है, और निश्चित रूप से आने वाले चुनाव में जनता इनको करारा जवाब देगी।
बहर हाल 7 दिवस से विक्रम उत्सव को 33 दिन का किया जाना,जिसमे करोड़ों रुपया खर्च होना लाजमी है, और ऐसे में जहां विश्व में मंदी का दौर छाया हुआ है और कई देश कंगाली के दौर से गुजर रहे हैं , और मध्य प्रदेश सरकार भी करोड़ों रुपए के कर्ज में दबी हुई है,ऐसे में चुनाव से ठीक पहले विक्रम उत्सव को 7 दिवस है 33 दिवस का करने पर जिसमें जनता का करोड़ों रुपया ,जनता की मर्जी के बगैर खर्च होगा,इस पर विपक्षी का सवाल उठाना भी लाजमी है।
