महाकाल मंदिर भस्म आरती में बड़ी हेरा फेरी की आशंका, महाराष्ट्र के 40 श्रद्धालु भस्म आरती परमिशन के बाद भी भस्म आरती से वंचित

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महाकाल मंदिर भस्म आरती में बड़ी हेरा फेरी की आशंका,
महाराष्ट्र के 40 श्रद्धालु भस्म आरती परमिशन के बाद भी भस्म आरती से वंचित
उज्जैन, पूरे विश्व के हिंदुओं के आस्था के प्रतीक बाबा महाकाल दिन की एक झलक पाने को भारत ही नहीं देश विदेश से श्रद्धालु आते हैं और विशेषकर भस्म आरती में शामिल होने के लिए कई घंटों लाइन में लगते हैं और ठिठुरती ठंड में बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल होने के लिए घंटों इंतजार करते हैं लेकिन भस्म आरती में आए दिन हेराफेरी होती है और हेरा फेरी का यह खेल दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार कि सुबह भस्म आरती में महाराष्ट्र से आए 40 श्रद्धालुओं ने भस्म आरती की बकायदा ऑनलाइन परमिशन ली थी और परमिशन लेने के बाद कड़ाके की ठंड में सोला पहनकर बाबा महाकाल की भस्म आरती की एक झलक पाने के लिए जब यह 40 श्रद्धालु महाकालेश्वर मंदिर के नंदीहाल के समीप रैंप तक पहुंचे तभी उन्हें महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासनिक अधिकारियों एवम गार्डों ने अंदर जाने से रोक दिया, श्रद्धालुओं को कहा गया कि हाल में जगह फुल हो चुकी है इसलिए आप भस्म आरती में नहीं जा सकते हैं ,महाराष्ट्र से आए श्रद्धालुओं की महाकालेश्वर मंदिर की प्रशासनिक अधिकारियों से झड़प भी हुई और उन्होंने कहा कि जब महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के लिए हॉल की कैपेसिटी के अनुसार ही भस्मारती परमिशन जारी की जाती है तब ऐसे में 40 लोगों की जगह , बिना परमिशन वालों से कैसे भर गई और परमिशन वाले श्रद्धालुओं को अंदर जगह केसे नहीं मिली? श्रद्धालुओं ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दर्शन के लिए हम महाराष्ट्र से आए थे लेकिन परमिशन होने के बाद भी हमें भस्म आरती में शामिल नहीं होने दिया , श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी एवं सिक्योरिटी गार्डों से पूछा गया की बैठक व्यवस्था की परमिशन के बावजूद हमें अंदर क्यों नहीं जाने दिया जा रहा है, यहां अंदर बैठे वह कौन से लोग हैं जिन्होंने हमारा स्थान लिया है तब अधिकारियों ने बताया कि यह प्रोटोकॉल वाले लोग हैं ,इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें 40 श्रद्धालुओं द्वारा महाकालेश्वर मंदिर की प्रशासनिक अधिकारियों को खूब खरी-खोटी सुनाई जा रही है लेकिन महाकाल मंदिर प्रशासन के अधिकारी मूक दर्शक बने हुए हैं और श्रद्धालुओं के आरोप का उनके पास कोई जवाब नहीं है ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती में केपीसीटी के अनुसार भस्म आरती परमिशन जारी होने के बावजूद 40 लोग भस्म आरती से वंचित कैसे रह गए और वह 40 लोग कौन हैं जो बिना भस्म आरती की परमिशन के भस्म आरती में हाल में मौजूद थे और सवाल यह भी है कि इस धांधली के पीछे महाकालेश्वर मंदिर के वह कौन से अधिकारी जिम्मेदार है जिन्होंने महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती में बिना परमिशन वाले लोगों को हाल में प्रवेश कराया यह एक जांच का विषय है।
इस वाकये के बाद महाकालेश्वर मंदिर समिति की बैठक हुई, जिसमें 300 लोगों की भस्म आरती की निशुल्क परमिशन को बढ़ाकर 500 कर दिया गया लेकिन महाकालेश्वर मंदिर में हुए महाराष्ट्र से आए 40 श्रद्धालु परमिशन होने के बाद भी भस्मारती से कैसे वंचित रह गए इस संबंध में महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया और भस्म आरती में इतनी बड़ी चूक होने के पीछे वह कौन से अधिकारी हैं यह जानने की कोशिश नहीं की गई इससे कहीं ना कहीं संदेह उत्पन्न हो रहा है कि महाकालेश्वर की भस्म आरती में बड़ी हेराफेरी की जा रही है लेकिन इन सबके बीच इस प्रकार के वाकयों से महाकालेश्वर मंदिर की छवि दिनोंदिन धूमिल होती जा रही है महाकालेश्वर मंदिर में बाहर से आने वाले श्रद्धालु इस तरह का कटु अनुभव लेकर जाते हैं इससे कहीं ना कहीं महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन की व्यवस्था की पोल खुल रही है और व्यवस्था करने वाले अधिकारी संदेह के घेरे में घिरते नजर आ रहे है।
बहर हाल महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे हैं लेकिन 40 लोगों के भस्म आरती में परमिशन होने के बावजूद हाल भर जाने के चलते भस्म आरती से वंचित रह जाना बड़ी हेरा फेरी की ओर इशारा कर रही है ,जिसकी मध्यप्रदेश शासन द्वारा जांच की जानी चाहिए श्रद्धालुओं द्वारा इसकी मांग की जा रही है और इस धांधली के लिए जिम्मेदार महाकाल मंदिर के अधिकारियों पर ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति ना हो सके।


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