नगर निगम में बड़ा घालमेल, कबाड़ घोटाले की निगम आयुक्त के आदेश के बाद भी जांच अब तक शुरू नहीं हुई नगर निगम वर्कशॉप प्रभारी को ही बनाया कबाड़ घोटाले का जांच अधिकारी

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नगर निगम में बड़ा घालमेल, कबाड़ घोटाले की निगम आयुक्त के आदेश के बाद भी जांच अब तक शुरू नहीं हुई
नगर निगम वर्कशॉप प्रभारी को ही बनाया कबाड़ घोटाले का जांच अधिकारी
उज्जैन,नगरनिगम उज्जैन में करोड़ों के कबाड़ को बाले बाले चंद लाख में बेचने के मामले में निगमायुक्त रोशन कुमार सिंह के जांच आदेश के 15 दिनों के बाद भी मामले की जांच अब तक शुरू नहीं हुई है इस मामले में ताज्जुब की बात यह है कि नगर निगम के वर्कशॉप जहां घोटाला हुआ है उसी वर्कशॉप के प्रभारी कोही जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है नतीजा यह है कि मुख्य जांच अधिकारी अनु विभाग अधिकारी तक पूरे मामले के कागजातों की फाइल अब तक नहीं पहुंची है जबकि 4 जनवरी 2023 को निगमायुक्त के द्वारा जांच समिति गठित की गई जिसमें कहा गया कि 7 दिवस के अंदर मामले की जांच की जाए लेकिन लगभग 15 दिवस के बाद भी मामले की जांच की शुरुआत तक नहीं हुई है।
दरअसल उज्जैन नगर निगम की महिला अधिकारी की देखरेख में उज्जैन नगर निगम के मक्सी रोड स्थित वर्कशॉप से गाजियाबाद कि एमएम एंटरप्राइजेज ने भंगार या कबाड़ उठाने का ठेका लिया था , नगर निगम कि अधिकारी महोदया और वर्कशॉप प्रभारी द्वारा करीब 30 लाख से अधिक का कबाड़ बाले बाले ट्रकों में लोड करवा दिया गया, जिस पर नेता प्रतिपक्ष डॉ रवि राय ने आरोप लगाया कि टेंडर की स्वीकृति एमआईसी एवं परिषद से नहीं ली गई है, करीब 5 करोड़ का कबाड़ महज 31लाख रुपया में बेची जा रही थी,12 ट्रक लोहा सामग्री टेंडर लेने वाली कंपनी ले जा भी चुकी है ,जो लगभग 40 लाख रुपए कीमत का होता है, अभी भी कई ट्रक माल ले जाना बाकी है ऐसे में नगर निगम को नगर निगम के ही अधिकारियों द्वारा करोड़ों रुपए की राजस्व हानि पहुंचाई जा रही है,नेता प्रतिपक्ष रवि राय की शिकायत के बाद उज्जैन नगर निगम आयुक्त ने 4 जनवरी 2023 को मामले की जांच कराने के लिए टीम गठित की और सात दिवस में मामले जांच समिति द्वारा परीक्षण कर तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने की बात कहीं गई थी, लेकिन विश्वस्त सूत्रों से जानकारी है कि जांच समिति के पास मामले से जुड़े कागजातों की फाइल अब तक नहीं पहुंची है ऐसे में मामले को नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा दबाने की कोशिश की जा रही है, ऐसा स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
आपको बता दें कि नगर निगम के इस कबाड़ घोटाले की जांच समिति में श्रीमती कल्याणी पांडे अनुविभागीय अधिकारी कोठी महल उज्जैन, कार्यपालन यंत्री पीडब्ल्यूडी उज्जैन एवं नगर निगम के वर्कशॉप प्रभारी सहायक यंत्री विजय गोयल हैं।
इस मामले में जिम्मेदार नगर निगम कि अधिकारी जैन महोदया का कहना है कि समस्त आरोप निराधार हैं मामले में पूरी पारदर्शिता रखी गई है और इसमें कोई घोटाला नहीं हुआ है ।
रवि राय नेता प्रतिपक्ष नगर निगम उज्जैन ने बताया कि नगर निगम के अधिकारियों और टेंडर कंपनी के बीच बड़ी सांठगांठ हुई है जिसके चलते बिना नगर निगम एमआईसी एवं परिषद के संज्ञान में लिए बगैर टेंडर दिया गया है जिसमें करोड़ों रुपए के कबाड़ को महज कुछ लाख रुपए में बाले बाले बेचा जा रहा है जिसके चलते नगर निगम को करोड़ों रुपए के राजस्व हानि हुई है , हमारी मांग है कि टेंडर निरस्त होना चाहिए,नगर निगम कमिश्नर ने जांच के लिए समिति बनाई है जांच में क्या निकलता है यह देखते हैं।
बहर हाल इस मामले में जिम्मेदार नगर निगम अधिकारी महोदया और वर्कशॉप प्रभारी ने अपने आप को साफ झक दर्शाया है और नगर निगम के वर्कशॉप प्रभारी एवं इस मामले की जांच प्रभारी का भी कहना है कि इसमें कोई घोटाला नहीं हुआ है लेकिन जांच दल को लगभग 15 दिन के बाद भी मामले से संबंधित कागजातों की फाइल का ना पहुंचना, बहुत कुछ कह कर रहा है, अब आगे इस मामले में क्या जांच होती है या फिर मामले को नगर निगम के भ्रष्टाचारी अधिकारियों द्वारा रफा-दफा कर दिया जाएगा यह वक्त ही बताएगा।
नगर निगम के मुख्य वर्कशॉप जहां सिटी बसें और अन्य नगर निगम के वाहन रखे हुए हैं जिसमें सिटी बसों के टायर, स्टेफनी,बैटरी एवं अन्य वाहनों के पार्ट्स रातो रात गायब हो चुके हैं जहां का सीसीटीवी कैमरा बंद कर दिया गया है, जिसके बारे में विस्तृत खबर हम आपको अगले अंक में बताएंगे


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