
नगर निगम का मिशन रेलिंग फ्री शहर
नगर निगम में हुआ कबाड़ घोटाला
उज्जैन,शहर के चौराहों एवं मुख्य मार्गों को खूबसूरत बनाने के लिए नगर निगम ने मार्गों के बीच पौधा रोपण किया है और आवारा पशु इसे नुकसान न पहुंचाए इसके लिए करोड़ों रुपए लगाकर दोनों तरफ लोहे की मजबूत रेलिंग लगवाई , लेकिन बाजार में लोहे के भाव क्या बढ़ गए, यकायक शहर के रास्तों पर लगी रेलिंग गायब होने लगी ,अब यह लोहे से बनी भारी-भरकम रेलिंग कोई नगर निगम के कर्मचारी गायब कर रहे हैं या फिर कोई चोर इन्हें चुरा रहा है यह कहना अभी जल्दबाजी होगी।

दरअसल भरत पुरी आरटीओ ऑफिस के सामने से लेकर नानाखेड़ा चौराहे तक सड़क के बीच में नगर निगम द्वारा मोटे एंगल की लोहे की रेलिंग लगाई गई थी लेकिन करीब 2 किलोमीटर के इस रास्ते पर लगी रेलिंग एक-एक करके गायब हो गई है आलम यह है कि पूरे रास्ते भर में लगी रेलिंग में से आधे से ज्यादा ,कहीं एक तरफ से तो कहीं दोनों तरफ से गायब हो चुकी है लेकिन नगर निगम के उद्यान विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी शायद इधर से गुजरते नहीं होंगे इसलिए उन्हें इतनी बड़ी संख्या में गायब हुई रेलिंग दिखाई नहीं दी, लेकिन यह जांच का विषय जरूर है कि आखिर शहर के रास्तों के बीच बने डिवाइडर उद्यान को सुरक्षित रखने के लिए लगाई गई रेलिंग आखिर कौन चुराकर और कहां ठिकाने लगा रहा है?

कुछ ऐसे ही हाल 32 बटालियन से लेकर इंजरिंग कॉलेज इंदौर रोड बाईपास पर भी हो रहे हैं इस रास्ते के बीच बने डिवाइडर उद्यान पर दोनों तरफ एंगल लगाकर कटीले तार बांधे गए थे लेकिन पूरे रास्ते से न सिर्फ तार गायब हो चुके हैं बल्कि पौधे भी कुछ तो आवारा पशु खा चुके हैं और कुछ लोग निकाल कर ले गए हैं , अब नगर निगम इस्को पाइप फैक्ट्री चौराहे से लेकर 32 बटालियन चौराहे तक रोड डिवाइडर के दोनों और जाली लगा रहे हैं लेकिन करीब 2 किलोमीटर के इस रास्ते पर यह जालियां, प्रधानमंत्री जी के आने से पहले से लग रही है लेकिन अभी सिर्फ कुछ मीटर तक ही लग पाई है, और इस रास्ते पर लगे तार कौन चुरा कर ले गया है यह भी अभी स्पष्ट नहीं है ऐसे में नगर निगम के अधिकारी एवं कर्मचारी की कार्यशैली कितनी गैर जिम्मेदाराना है यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है, जहां एक और रास्ते के बीच की लगी रेलिंग गायब हो चुकी है तो दूसरी और रास्ते के बीच लगे तार भी गायब हो चुके हैं और रोड के बीच लगे डिवाइडर उद्यान लगभग उजाड हो चुके हैं।
बहर हाल नगर निगम के आला अधिकारी इस मामले की जांच करें ना करें क्योंकि फिलहाल नगर निगम में यह एक छोटा सा मामला है क्योंकि नगर निगम में पिछले दिनों करोड़ों का कबाड़ घोटाला हो गया , जिसके लिए नगर निगम के आला अधिकारी ने नगर निगम में “कबाड़” के माध्यम से नगर निगम को करोड़ों का चूना लगाने वाले नगर निगम के अधिकारियों की कारगुजारी को पता लगाने के लिए एक जांच टीम गठित की है, इस जांच समिति में नगर निगम के वर्कशॉप इंचार्ज को भी शामिल किया है, करोड़ों रुपए के इस कबाड़ को चंद लाख में बेंच दिया गया है, लेकिन वर्कशॉप प्रभारी को इस ठेके के बारे में कोई ना ही जानकारी है और नाही उन्हें इस जांच में शामिल किए जाने के बारे में, लेकिन वर्कशॉप और नगर निगम के स्टोर विभाग के बीच यह बड़ा खेल हुआ है अब जांच में क्या निकलेगा यह तो समय ही बताएगा , लेकिनआपको बता दें कि नगर निगम के वर्कशॉप में भी करोड़ों रुपए का कबाड़ रखा हुआ है, उसमें से कितना सुरक्षित है या नहीं यह हम आपको विस्तार से अगले अंक में बताएंगे, क्योंकि नगर निगम के वर्कशॉप में भी सिटी बस ,ट्रक, लोडिंग कचरा वाहन ,ई-रिक्शा ,डस्टबिन आदि का बड़ा भंडारण है इसमें भी सूत्रों से जानकारी यह है कि सिटी बस में लगे टायर ,स्टेफनी,बैटरी एवं अन्य पार्ट्स बड़ी संख्या में गायब हो चुके हैं जिसकी जांच पूर्व निगम कमिश्नर ने की भी थी अब वर्तमान स्थिति नगर निगम के वर्तमान कमिश्नर ही पता लगा सकते हैं।


