अंकित ग्राम’, सेवाधाम आश्रम, उज्जैन में क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले की जयंती पर डाॅ लीना गुप्ता को सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय मानवता सम्मान से सम्मानित किया*

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*‘अंकित ग्राम’, सेवाधाम आश्रम, उज्जैन में क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले की जयंती पर डाॅ लीना गुप्ता को सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय मानवता सम्मान से सम्मानित किया*
‘अंकित ग्राम’, सेवाधाम आश्रम, उज्जैन के सत्यवती महिला प्रकल्प में भारत राष्ट्र की प्रथम महिला शिक्षक क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले की जयंती पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उनके कार्यों को याद किया। *इस अवसर पर 14 वर्ष से समुदाय आधारित आदिवासी वन क्षैत्रों में कार्य करने, 10 हजार महिलाओं के साथ कार्य कर जागरूक करने, 22239 हेक्टर भूमि पर विकास कार्योंे का क्रियान्वयन के साथ जिनके नेतृत्व में भारत के पूर्व राष्ट्रपतिजी को आदिवासी व्यजंनों को बनाकर परोसा गया ऐसी यौद्धा डाॅ. लीना गुप्ता को सेवाधाम आश्रम संस्थापक सुधीर भाई गोयल ‘‘भाईजी’’, डाॅ. राकेश गौड़, इन्दौर, वरिष्ठ आर्किटेक्ट किरण पी. शिन्दे, इन्दौर श्रीमती कांता भाभी, मोनिका दीदी, गोरी दीदी एवं प्रवीण पाटीदार, राउ (इन्दौर) ने ‘‘सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय मानवता सम्मान’’ से सम्मानित किया।*
*इस अवसर पर डाॅ. लीना ने कहा कि सेवाधाम सेवा का विश्व विद्यालय बनेगा जहाँ प्रेम, आत्मीय और वात्सल्य की प्रतिमूर्ति के रूप में ‘‘भाईजी’’ एवं ‘‘भाभीजी’’ स्थापित है जिन्हें सभी प्रेम से पिताजी एवम् माताजी कहकर पुकारते है, यह सेवा का सच्चा धाम है।*
*सुधीर भाई ने इस अवसर पर कहा कि डाॅ. लीना गुप्ता ने शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ पीड़ित शोषित महिलाओं के जीवन संरक्षण का कार्य अनेक विपरित परिस्थितियों में किया। आप पर अनेक बार बाहुबलियों ने हमले भी किए और आपके शरीर पर 23 फ्रेक्चर भी हुए उसके बाद भी निर्भिक रूप से निरंतर सेवा का कार्य दूरस्थ क्षेत्रों में कर रही है। आप इकोलाॅजी, आयुर्वेद संशोधन, औषधीय वनस्पतियों के संरक्षण, संवर्धन के साथ समाज के अंतिम वर्ग, गरीब एवं असहाय आदिवासी कन्याओं को आगे लाने में अपना सम्पूर्ण जीवन प्रदान किया है वह काबिले तारिफ है। सावित्रीबाई फुले के जीवन पर प्रकाश डालते हुए समस्त आश्रमवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वह भारत की प्रथम महिला शिक्षक रही एवं सावित्रीबाई का जीवन जन-जन की प्रेरणा बना, केवल भारत ही नही पूरे विश्व में लोकप्रियता प्राप्त करने वाली क्रांतिज्योति थी। उनका सादा, सरल और सौम्य जीवन और राष्ट्र हित के लिए किए गए कार्य हमेशा चीरकाल तक स्वर्णीम अक्षरों में अंकित रहेंगे। कार्यक्रम में आभार डाॅ. गौड़ ने माना।*


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