महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा में हो रही घोर अनियमितताएं सफाई करने वाली कंपनी को सौंप रखी है सुरक्षा की जिम्मेदारी

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महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा में हो रही घोर अनियमितताएं
सफाई करने वाली कंपनी को सौंप रखी है सुरक्षा की जिम्मेदारी
उज्जैन,2021 में उत्तरप्रदेश के कुख्यात बदमाश विकास दुबे के महाकालेश्वर मंदिर में पकड़े जाने एवम पूरे इलाके में बढ़ रहे अपराध को देखते हुए शासन ,प्रशासन ने CISF की टीम के द्वारा महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा के लिए सर्वे करवाया था, और पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए एक पूछता प्लान तैयार किया गया था इस सर्वे के लिए महाकालेश्वर मंदिर की तरफ से सीआईएसएफ सर्वे टीम को करीब 8 लाख से अधिक का पेमेंट भी किया गया था, मंदिर की सुरक्षा सीआईएसएफ या एसआईएसएफ को सौंपी जानी थी,इस बात को 2 साल बीत चुके हैं बावजूद इसके महाकालेश्वर मंदिर समिति एवं शासन द्वारा महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी एक अनुभवहीन प्राइवेट कंपनी के हाथों में सौंप रखी है इससे स्पष्ट है कि महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा के लिए शासन प्रशासन गंभीर दिखाई नहीं दे रहा है ।
सुरक्षा की दृष्टि से महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा घोर अनियमितताएं की जा रही है हालात यह है कि महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा के लिए करीब 1 वर्ष पहले प्राइवेट कंपनी एसआईएस कंपनी को सुरक्षा की जिम्मेदारी टेंडर के माध्यम से दी गई थी लेकिन सुरक्षा में कोताही और कंपनी के कर्मचारियों द्वारा अनियमितताओं का हवाला देकर कंपनी को मंदिर समिति द्वारा ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया इसके बाद आनन-फानन में मंदिर समिति द्वारा महाकालेश्वर मंदिर की सफाई व्यवस्था देखने वाली कंपनी के एस एस को ही बिना टेंडर के सुरक्षा की भी जिम्मेदारी दे दी ,हालात यह हैं कि पिछले 1 साल से बिना टेंडर निकाले सफाई करने वाली कंपनी के कर्मचारी ही महाकाल मंदिर की सुरक्षा भी देख रहे हैं इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि महाकालेश्वर मंदिर समिति ,मंदिर की सुरक्षा के लिए कितनी गंभीर है जिसने एक ऐसी कंपनी को महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी दे दी जो मंदिर की सफाई व्यवस्था देखती है ,जिसके कर्मचारियों के पास कोई सुरक्षा का अनुभव नहीं है कर्मचारियों को किसी प्रकार की कोई सुरक्षा ट्रेनिंग नहीं दी गई है, ऐसे में सवाल यह उठता है कि महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनी के अनुभवहीन एवं निहत्थे कर्मचारियों को क्यों और किसने दी यह एक जांच का विषय है और ऐसे में सवाल यह भी है कि सीआईएसएफ का सर्वे क्यों कराया गया था? क्या शासन-प्रशासन और मंदिर समिति महाकाल मंदिर में किसी विकास दुबे की तरह कुख्यात बदमाश के महाकालेश्वर मंदिर में शरण लेने, या अक्षरधाम मंदिर में हुए आतंकी हमले के जैसे हादसे होने का इंतजार कर रहा है।
आखिर क्या कारण है कि मंदिर समिति द्वारा पिछले 1 साल से बिना किसी टेंडर के एक सफाई करने वाली कंपनी को मंदिर की सुरक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे रखी है।
महाकालेश्वर मंदिर के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी मंदिर में ही सफाई करने वाली कंपनी KSS को दी गई है इससे पहले वाली कंपनी ठीक से काम नहीं करने की शिकायत पर डिफाल्टर घोषित की गई थी इसके बाद पिछले 1 साल से KSS (कृष्णा सिक्योरिटी एजेंसी ) द्वारा ही महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा देखी जा रही है इसके साथ ही के एस एस कंपनी के सुरक्षाकर्मी महाकाल लोक की सुरक्षा भी देखते हैं।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि लाखों रुपए प्रतिमाह महाकालेश्वर मंदिर समिति अनुभवहीन सुरक्षाकर्मियों पर क्यों खर्च कर रही है।
कमांडेंट दयाशंकर सीआईएसएफ डीआईजी ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा का सर्वे सीआईएसएफ के अधिकारियों की टीम के द्वारा किया गया था एवं सर्वे टीम ने महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा के लिए पुख्ता प्लान तैयार करके शासन को सौंप दिया था, लेकिन शासन ने मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ को क्यों नहीं सौंपी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है ,इसके लिए शासन का अपना निर्णय होता है।
आपको बता दें हैं कि सीआईएसएफ के सुरक्षाकर्मियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बकायदा ट्रेनिंग दी जाती है और इसके सुरक्षाकर्मी हथियारों से लैस होते हैं जो किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम होते हैं।

सुरक्षा विशेषज्ञों की मानें तो हाल ही में महाकालेश्वर मंदिर का विस्तार हुआ है और महाकाल लोक का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है एवम महाकालेश्वर मंदिर के आसपास निर्माण कार्य भी चल रहे हैं ऐसे में महाकालेश्वर मंदिर और महाकाल लोक की सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने की आवश्यकता है और मंदिर की सुरक्षा सीआईएसएफ जैसी सुरक्षित एवं विश्वसनीय एजेंसी के हाथों में सौंपने की आवश्यकता है।
ज्ञात रहे कि महाकाल लोक के लोकार्पण के महज कुछ दिनों बाद ही महाकाल लोक की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लग गए थे जब महाकाल लोक में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा पत्थरबाजी की गई थी जिसके चलते महाकाल लोक में स्थित कमल कुंड के आसपास तक पत्थर देखे गए थे , इसकी पुष्टि महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक ने स्वयं की थी,उसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मौका मुआयना किया गया था लेकिन इसे एक साधारण घटना बता दिया गया।
जानकारों का कहना है कि महाकाल मंदिर क्षेत्र में पिछले कुछ समय में चोरी, लूट, पत्थरबाजी जैसी घटनाएं एकाएक बढ़ी हैं,इसका सीधा असर श्रद्धालुओं पर पड़ता है, मंदिर के आसपास सुरक्षित माहौल होना चाहिए इसके लिए शासन प्रशासन को इस अत्यंत संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण विषय को संज्ञान में लेने की आवश्यकता है और महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा को अनुभवी एवं हथियारों से लैस सुरक्षा एजेंसी को सौंपने की आवश्यकता है अन्यथा ईश्वर ना करें किसी अनहोनी के बाद शासन-प्रशासन के पास लाठियां पीटने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा।


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