बन्नो सज रही है,क्या फिर शादी में जायेगी? नगर निगम के आला अधिकारियों को अंधेरे में रखकर सिटी बसों में मनचाहा परिवर्तन किया जा रहा है

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बन्नो सज रही है,क्या फिर शादी में जायेगी?
नगर निगम के आला अधिकारियों को अंधेरे में रखकर सिटी बसों में मनचाहा परिवर्तन किया जा रहा है


उज्जैन, नगर निगम के आला अधिकारियों को अंधेरे में रखकर बस ऑपरेटर द्वारा नगर निगम की सिटी बसों में आमूलचूल परिवर्तन बिना किसी वर्क आर्डर के किया जा रहा है, आगर रोड पर एक छोटे से गैरेज में उज्जैन नगर निगम की सिटी बस क्रमांक MP 13 P 0810 जिसमें लगी फाइबर शीट की मजबूत सीटों को निकालकर दूसरी सीटें लगाई जा रही है लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि इस बारे में उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के उप महाप्रबंधक और निगम आयुक्त को भी सिटी बस संचालक द्वारा सिटी बस में कराए जा रहे कार्यों से अवगत नहीं कराया गया हैं, ऐसे में सवाल यह उठता है कि सिटी बस संचालक द्वारा नियमों को ताक पर रखकर सिटी बसों में आमूलचूल परिवर्तन किसके आदेश से कराया जा रहा है, सूत्रों से जानकारी यह है कि नगर निगम में ही कुछ विभीषण अधिकारी भी हैं जिनकी शह पर मनमानी की जा रही है।
आपको बता दें कि सिटी बस 35 सीटर हैं और एक ड्राइवर की सीट है,गैरेज संचालक के अनुसार जिस प्रकार की कुशन सीटें बसों में लगाई जा रही है एक सीट की कीमत लगभग 5 से 6 हजार रुपए है इस हिसाब से पूरी सिटी बस की सीटें बदलने पर करीब 2 लाख से अधिक का खर्च होगा ,लेकिन बस संचालक द्वारा इतने बड़े खर्च का वहन क्यों किया जा रहा है?
और नगर निगम के आला अधिकारियों और सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनी के उप महाप्रबंधक को इस कार्य के लिए संज्ञान में क्यों नहीं लाया गया है, जबकि नियमानुसार किसी भी प्रकार नगर निगम की सिटी बसों में कुछ परिवर्तन किया जाना हो तो बकायदा नगर निगम के आला अधिकारियों द्वारा इसका वर्क आर्डर जारी किया जाना चाहिए लेकिन अधिकारियों को अंधेरे में रखकर बस संचालक द्वारा सिटी बसों में आमूलचूल परिवर्तन क्यों और कैसे किया जा रहा है, यह एक जांच का विषय है।
ज्ञात रहे कि कुछ महीनों पूर्व सिटी बस के संचालक विनायक टूर एंड ट्रेवल्स द्वारा सिटी बसों का संचालन शादियों की बारात के लिए किया गया था जिसकी जानकारी तत्कालीन सिटी बस ट्रांसपोर्ट कंपनी के महाप्रबंधक सुनील जैन एवं उप महाप्रबंधक विजय गोयल को दी गई थी जिस पर उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया था बावजूद इसके इस संबंध में आज तक निगम के इन आला अधिकारियों द्वारा बस संचालक पर नियम विरुद्ध सिटी बसों का संचालन करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सिटी बसों में लगी फाइबर की सीट से बनी सीटों को हटाकर कुशन वाली सीट लगाने के पीछे का कारण फिर से आने वाले शादियों के सीजन में सिटी बसों का उपयोग शादी की बारातों में किया जा सकता है।
इस बारे में जानकारी के लिए सिटी बस ट्रांसपोर्ट कंपनी उज्जैन के उप महाप्रबंधक विजय गोयल से संपर्क किया उन्होंने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है लेकिन जब हमने गाड़ी नंबर सहित उक्त जानकारी उन्हें दी तब उन्होंने बताया कि जानकारी लेकर आपको अवगत कराया जाएगा, ऐसे में स्पष्ट है कि सिटी बस संचालक द्वारा नगर निगम की सिटी बसों में 2 लाख से भी अधिक का खर्च बिना नगर निगम के आला अधिकारियों की जानकारी के किया जा रहा है, ऐसे में नियमों की अनदेखी कर नियम विरुद्ध कार्य करने के लिए सिटी बस संचालक विनायक टूर एंड ट्रेवल्स के विरुद्ध ,नगर निगम के अधिकारियों द्वारा टेंडर निरस्ती की कार्रवाई की जाना चाहिए।
उज्जैन नगर निगम कमिश्नर रोशन सिंह को उक्त संबंध में बताया गया तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है उक्त विषय में में जांच की जाएगी।
बहरहाल नगर निगम की सिटी बन्नो नियम विरुद्ध सज रही है तो क्या सज धज कर फिर बन्नो शादी में जाएगी?, क्योंकि कुछ महीनों पहले बन्नो शादी में बारात लेकर गई थी।
नगर निगम की सिटी बसें उज्जैन शहर की जनता को वैसे भी सुविधाएं नहीं दे पा रही है तमाम सिटी बसें उज्जैन शहर में ना चलकर ग्रामीण क्षेत्रों में चलाई जा रही है, नगर निगम के अधिकारियों ने सिटी बसों में भ्रष्टाचार करके न सिर्फ अपनी जेबें भरी है बल्कि सिटी बसों को भंगार कर दिया है और नगर निगम को करोड़ों रुपए का चुना भी लगाया है ऐसे में नगर निगम के आला अधिकारी, नगर निगम के इन भ्रष्ट अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करते हैं यह आने वाला समय ही बताएगा।
नगर निगम में एक अधिकारी द्वारा बस ऑपरेटर एवं अन्य ठेकेदारों से सांठगांठ करके नगर निगम में तमाम वाहन चलवा रहे हैं और इससे मोटी रकम उन्हें हर माह प्राप्त होती है इसी के चलते नगर निगम के लगभग सभी वाहन उनके दिशा-निर्देशों पर संचालित होते हैं, नगर निगम के उक्त अधिकारी के बारे में भी संपूर्ण जानकारी अति शीघ्र निगमायुक्त के संज्ञान में सूत्रों द्वारा लाया जाएगा और उक्त अधिकारी का पर्दाफाश भी किया जाएगा,जो सालों से नगर निगम में फेविकोल के मजबूत जोड़ की तरह चिपके रहकर नगर निगम को करोड़ों रुपयों का चुना लगा रहा है ।


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