

निगम आयुक्त सावधान
करोड़ों का भ्रष्टाचार करके भागने की फिराक में हैं,निगम के भ्रष्टाचारी अधिकारी
उज्जैन, पूर्व निगम आयुक्त अंशुल कुमार गुप्ता ने ढाई करोड़ से अधिक की राजस्व हानि का दोषी मानते हुए नगर निगम के सिटी बस मामले में भ्रष्टाचार में संलिप्त तीन अधिकारियों को नोटिस जारी किया था नोटिस दिए को करीब 8 महीने से ज्यादा बीत चुके हैं इसी बीच निगमायुक्त अंशुल गुप्ता का तुरंत प्रभाव से ट्रांसफर हुआ और निगम आयुक्त का पदभार रोशन कुमार सिंह ने ग्रहण किया, निगमायुक्त रोशन कुमार सिंह ने भी अपने कार्यकाल के शुरुआती दौर में यह कहा की मैंने सिटी बस मामले में हुए भ्रष्टाचार की फाइल मंगवा ली है और निकट भविष्य में इस पर कार्रवाई की जाएगी लेकिन इस बात को भी कई महीने बीत चुके हैं लेकिन अब तक इन तीनों भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है, और अब यह तीनों अधिकारी अयंत्र अपना ट्रांसफर करा कर भागने की फिराक में है इसलिए उज्जैन की जनता निगमायुक्त रोशन कुमार सिंह को हिना फिल्म का वह गाना याद दिलाना चाहते हैं कि देर ना हो जाए कहीं देर ना हो जाए…
आपको बता दें कि नगर निगम की सिटी बसों का संचालन एवं संधारण करने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से तीन अधिकारियों सुनील जैन , प्रभारी महाप्रबंधक उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड नगर निगम , विजय गोयल , प्रभारी उप महाप्रबंधक उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड नगर निगम, पवन कुमार लोढ़ा, प्रभारी सहायक महाप्रबंधक उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लमिटेड नगर निगम को सौंपी गई थी, सिटी बस के संचालन और संधारण में कई अनियमितताएं उपरोक्त तीनों अधिकारी द्वारा की गई ऐसा पाया गया है जिसके चलते नगर निगम उज्जैन को करोड़ों रुपए की राजस्व हानि हुई ।
उपरोक्त अधिकारियों की मिलीभगत के चलते नगर निगम को कई करोड़ की राजस्व हानि पहुंचाई गई इसके बाद कंपनी को ब्लैक लिस्ट में घोषित कर दिया गया जिससे नगर निगम को करोड़ों रुपए की लेनदारी संचालन कंपनी से बाकी है।
सिटी बस घोटाले के मुख्य सूत्रधार नगर निगम के अधिकारी सुनील जैन एवं विजय गोयल है महाप्रबंधक और उप प्रबंधक होने का इन्होंने भरपूर फायदा उठाया और बस संचालक कंपनी के साथ सांठगांठ करके ,379 रुपए प्रतिदिन का टेंडर डालने वाली अन्य कंपनी को दरकिनार करते हुए विनायक टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी को मात्र ₹85 प्रतिदिन मैं सिटी बस को संचालन करने का टेंडर पास कर दिया और बस संचालक द्वारा नियम विरुद्ध सिटी बसों को शहर में ना चला कर गांव खेडे में चलाया जा रहा है ,जिसके चलते निगम को राजस्व हानि पहुंचाई गई, जानकारी यह भी है कि मौजूदा सिटी बस संचालक के पास बस संचालन का अनुभव भी नहीं था बावजूद इसके नियमों को ताक पर रखते हुए अधिकारियों की सांठगांठ के चलते इस कंपनी को यह टेंडर दिया गया ,इससे पहले भी 89 बसें अर्थ कनेक्टिविटी को संचालन करने के लिए इन्हीं में से कुछ अधिकारियों द्वारा टेंडर दिया गया था जिसके चलते लगभग सभी बसों को भंगार करते हुए पूर्व सिटी बस संचालक द्वारा करोड़ों रुपए का फटका नगर निगम को लगाया आज भी नगर निगम को करोड़ों की लेनदारी इस कंपनी से है ।
89 बसों में से आज भी कई बसें नगर निगम के वर्कशॉप में नहीं है नगर निगम की कई सिटी बसें आगर रोड पर स्थित एक शोरूम पर कई सालों से रखी हुई है और इसका संज्ञान पूर्व निगम आयुक्त के अतिरिक्त इन सभी अधिकारियों को भी है लेकिन इस विषय पर भी कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हुई है।
नगर निगम के वर्कशॉप में रखी हुई सिटी बसें जिसके प्रभारी सुनील जैन एवं विजय गोयल हैं इन बसों में से लगभग पूरा सामान गायब हो चुका है टायर ,स्टेफनी, बैटरी ,इंजिन का सामान आदि सब धीरे-धीरे गायब कर दिया गया है जिनकी कीमत करोड़ों रुपए में आंकी की जा रही है, नगर निगम के वर्कशॉप पर लगे सीसीटीवी कैमरे के तार तोड़ दे गए हैं जिसके चलते यहां से सिटी बसों का सामान धड़ल्ले से गायब हुआ है।
सूत्रों से जानकारी यह भी है कि उप महाप्रबंधक और नगर निगम वर्कशॉप इंजीनियर विजय गोयल की देखरेख में नगर निगम के अन्य वाहनों का संचालन भी होता है इसी के चलते वाहनों में डीजल भरवा कर डीजल चोरी के मामले भी सामने आए हैं हालात यह है कि वाहन खड़े हुए हैं लेकिन कागजों में डीजल बकायदा भरा जा रहा है, हालात बद से बदतर है नगर निगम को करीब 80 लाख से अधिक की डीजल देनदारी हो चुकी है।
बहर हाल नगर निगम के इन भ्रष्टाचारी अधिकारियों ने नगर निगम को करोड़ों रुपए की राजस्व हानि पहुंचा कर खोखला कर दिया है और अब कार्रवाई होने के डर से भागने की कोशिश कर रहे हैं आवश्यकता इस बात की है कि निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह को समय रहते इन भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की जाना चाहिए अन्यथा पूर्व निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता के द्वारा इन अधिकारियों को भ्रष्टाचार मैं संलिप्तता के चलते नोटिस दिए जाने के बावजूद अगर इन पर कार्रवाई नहीं होती है और निगम अधिकारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की सजा इनको नहीं मिल पाएगी,ऐसे में नगर निगम के आला अधिकारियों की कार्यशैली पर भविष्य में प्रश्नचिन्ह लगेगा।
इस संबंध में निगमायुक्त रोशन कुमार सिंह से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो पाया
