मामा की लाडली लक्ष्मी उज्जैन में सुरक्षित नहीं,गुंडों का आतंक धिक्कार है ऐसी व्यवस्था पर, जहां बेटियां सुरक्षित नहीं बाजार में तो क्या, घर में भी सुरक्षित नहीं बेटियां

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मामा की लाडली लक्ष्मी उज्जैन में सुरक्षित नहीं,गुंडों का आतंक
धिक्कार है ऐसी व्यवस्था पर, जहां बेटियां सुरक्षित नहीं
बाजार में तो क्या, घर में भी सुरक्षित नहीं बेटियां
उज्जैन, सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जहां मामा कहलाते हैं लेकिन उन्हीं के राज में भांजियां शहर में तो क्या अपने घर में भी सुरक्षित नहीं है,बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में बुधवार को शहर को शर्मसार करने वाली और पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाली घटना हुई।
मामला चिमनगंज थाना अंतर्गत तिरूपति गोल्ड का है,जहां बदमाशों ने यहां रहने वाली तृप्ति सिंह राठौड़ 23 वर्ष को आशीष रघुवंशी एवं एक अन्य युवक ने घर से बलपूर्वक अगवाह करने का न सिर्फ प्रयास किया बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा इसका विरोध करने पर हथियारों द्वारा मारपीट करके सभी को गंभीर रूप से घायल कर दिया, इसी का फल स्वरुप है कि तृप्ति गंभीर रूप से घायल होने की वजह से आईसीयू में भर्ती है
आशीष रघुवंशी ने तृप्ति के परिवार वालों को कहा की हम तुम्हे उठा ले जाने आए हैं आज पार्टी मनाना है।
निजी अस्पताल में भर्ती युवती तृप्ति का कहना है कि रात में ही उसने पुलिस को बताया था कि आरोपी एवं उसके साथियों ने उसका हाथ पकड़ा और उसे अगुवा कर ले जा रहे थे परिवार के विरोध करने पर वे नाकाम रहे हैं,विरोध की स्थिति में ही मारपीट की गई, पुलिस ने आरोपी आशीष एवं उसके साथियों के खिलाफ मात्र सामान्य मारपीट का प्रकरण दर्ज किया है।
थाना प्रभारी जितेंद्र भास्कर ने बताया कि रात को ही फरियादी तृप्ति के कहे अनुसार वीडियो रिकार्डिंग के साथ एफआईआर दर्ज की गई, रिकार्डिंग में उन्होंने जो जो कहा सब दर्ज किया गया है,वीडियो हमारे पास सुरक्षित है। फरियादी के कहे अनुसार भादवि की धारा 451, 323, 336, 294, 427, 506 में प्रकरण दर्ज किया गया है।
इससे पूर्व कार्तिक मेला में आगर से मेला देखने आए परिवार की बेटियों के साथ कार्तिक मेला में लगे झूले व्यवसायियों ने अभद्रता की और उसके बाद परिवार के सदस्य द्वारा इसका विरोध करने पर उसको मौत के घाट उतार दिया है।
बहर हाल इस प्रकार के प्रकरणों से स्पष्ट है कि उज्जैन में कानून व्यवस्था और प्रशासनिक व्यवस्था धराशाई हो चुकी है अगर समय पर पुलिस प्रशासन इन दोनों मामलों में त्वरित कदम उठाता तो शायद आज आगर से आए एक परिवार का चिराग बुझने से बच जाता और वहीं तृप्ति और उसके परिवार वालों की इतनी गंभीर स्थिति नहीं होती, तृप्ति आज आईसीयू में भर्ती है और पुलिस ने कुछ मामूली आपराधिक धाराओं में केस दर्ज किया है ऐसे में अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं ऐसे में सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उज्जैन शहर के गुंडे खुलेआम चुनौती दे रहे हैं और शासन प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है, ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपनी लाडली लक्ष्मी की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने के लिए पुलिस प्रशासन एवं उज्जैन प्रशासन को सख्त निर्देश देने और आवश्यक परिवर्तन करने की आवश्यकता है


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