जबलपुर से होता एक पिस्सू पहुंचा खैराती दवाखाने….

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✍️जलवा
तड़तड़ी….
जबलपुर से होता एक पिस्सू पहुंचा खैराती दवाखाने….
सभी जल्वेदार सुधि पाठकों को जलवा प्रणाम 🙏
एक बार फिर मैं हाज़िर हूँ आप सुधियों का तड़तड़ाता जलवा लेकर…एक पिस्सू (वायरस) जबलपुर से होता हुआ उज्जैन में मंगवार को दस्तक दे गया…जिसने खैराती दवाखाने(सरकारी अस्पताल) के दो चिकित्सकों पर ऐसा असर छोड़ा कि जिसने भी देखा वो दंग रह गया…वो तो ग़नीमत रही कि अन्य चिकित्सकों और अधिकारियों ने पिस्सू की चपेट में आए दोनों डॉक्टर्स को समय रहते बचा लिया…नहीं तो रक्त रंजित होने की नौबत आ जाती दोनों की…भला हो समय पर मौके पर दूसरे स्टॉफ सदस्यों ने अपने साथियों को बचा लिया….
ये है ख़तरनाक पिस्सू…..
असल में जो पिस्सू(वायरस) कल जबलपुर से होता हुआ आज उज्जैन पहुंचा है वो है “ढिशुंग वायरस”… जो बहोत ही ख़तरनाक वायरस है इसी वायरस की चपेट में जिला खैराती दवाखाने (सरकारी अस्पताल) के दो डॉक्टर्स मंगवार को चपेट में आए…आप सुधियों को भान होगा कि कल सोमवार को जबलपुर में डॉक्टर्स की एक संस्था “आईएमए” की बैठक में “ढिशुंग-ढिशुंग वायरस” ने अपना कमाल दिखाते हुए एक डॉक्टर को खूब लात घूंसो का स्वाद चखवाय था…जिसका चलचित्र हमने आप सुधियों की पेश ऐ ख़िदमद किया था….ये “ढिशुंग वायरस”सोमवार को जबलपुर से होता हुआ …उज्जैन के जिला चिकित्सालय में मंगलवार की दोपहर में पहुँच गया और हड्डी वार्ड के वरिष्ठ चिकित्सकों डॉ महेश मरमट और डॉ देवेश पांडे को अपनी चपेट में ले लिया…इसके बाद बहसबाजी से वाद विवाद और वाद विवाद से होते हुए नौबत मारकुटाई तक पहुंच गई… विवादों के आदतन डॉ महेश मरमट ने इंदौर से आयातित डॉ देवेश पांडे की जम कर कुटाई कर दी…हो हल्ला और वेल एजुकेटेड की गाली गलौच सुन कर तमाशबीनों ने गुथमगुत्था वेल कल्चर्ड डॉक्टर्स को घेर लिया….इसी बीच मौके पर वरिष्ठ चिकित्सक और अधिकारी पहुंचे और बीच बचाव का डोज दे कर “ढिशुंग” वायरस के असर को कम करने की सफल कोशिश की…अगर बीच बचाब नहीं होता तो प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक़ विवादों के आदतन डॉ मरमट इंदौर से आयातित डॉ पांडे का लहू तो बहा ही देते….
क्यों ढिशुंग वायरस हुआ हावी…
” ढिशुंग”वायरस की चपेट में आने की आख़िर क्या वजह रही… क्यों वेल एजुकेटेड धरती पर भगवान की श्रेणी के डॉक्टर्स का ये व्यवहार बाहर आया इसका पुख़्ता कारण तो जाँच की आँच के बाद ही बाहर आएगा…लेकिन फौरी तौर पर जो बात सामने आई है वो पद का दम्भ…अस्तित्व की लड़ाई और एक मरीज़ के एमएलसी बनाने का विवाद था….
लेकिन डॉ मरमट का पुराना रिकॉर्ड है कि वो इस “ढिशुंग” वायरस के चपेट में आते रहे हैं…
अब आगे का क्या भविष्य इस मामले का ये तो आला अफ़सरान ही जानें…इस और ऐसे मामलों का अस्तित्व में आना… इस सफ़ेदपॉश पेशे पर बदनामी के छींटे जरूर कलंकित करते हैं ऐसी व्यवस्था, पेशे और पेशेवर को बदनामी के दाग से…और वरिष्ठों को भी संज्ञान का ज्ञान ले कर एक कार्यवाही तो जीम्मेदार पर बनती है….आगे वरिष्ठ ही जानें….
चलिए अब मैं चलता हूँ फिर मिलने के वादे के साथ….तब तक आप सुधि जल्वेदार अपना जलवा क़ायम रखें…दुनिया जले तो जलने दें….
आप जल्वेदारों में से एक जल्वेदार…..
जय कौशल
उज्जैन (म.प्र.)
09827560667
07000249542


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