
महाकाल लोक की सुरक्षा इंतजाम में भारी लापरवाही
क्या बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है महाकाल प्रशासन
उज्जैन, प्रधानमंत्री के कर कमलों से लोकार्पित होने के बाद महाकाल लोक को आम नागरिकों के लिए खोल दिया गया, लेकिन बिना पुख्ता सुरक्षा इंतजाम के साथ ,दीपावली पर्व के बाद रोशनी से जगमगाते हुए महाकाल लोक को देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग उमड़ पड़े , दीपावली के बाद लगभग दो से ढाई लाख लोग प्रतिदिन महाकाल लोग को देखने पहुंचे, मध्य प्रदेश सरकार के मुखिया और पूरी मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट करोड़ों की लागत से बने महाकाल लोक के लिए अपनी पीठ थपथपा रहे हैं लेकिन करोड़ों की लागत से बने महाकाल लोक की सुरक्षा को महाकाल मंदिर की व्यवस्था देखने वाली एक साधारण कंपनी के चंद कर्मचारियों के जुम्मे की गई है ,सुरक्षा के इंतजाम कितने पुख्ता है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महाकाल लोक में प्रतिदिन दो से ढाई लाख लोग आ रहे हैं और उस पर सुरक्षाकर्मी महज 60 से 70 लोग हैं, लाखों लोग जहां इकट्ठा हो रहे हैं वहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है, क्राउड मैनेजमेंट के लिए महाकाल प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है, महाकाल लोक में सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन द्वारा भारी लापरवाही बरती जा रही है,
आइए जानते हैं क्या सुरक्षा इंतजाम होना चाहिए,और क्या नहीं किए जा रहे हैं
महाकाल लोक पहुंचने वाले लोगों की जांच के लिए मेटल डिटेक्टर गेट और अन्य सुरक्षा उपकरण नहीं लगाए गए हैं ,कोई भी असामाजिक तत्व अपने साथ कुछ भी ले जा सकता है,बिना पुख्ता जांच के लाखों लोग महाकाल लोक में पहुंच रहे हैं।
लाखों लोगों के महाकाल लोक में इकट्ठा होने पर क्राउड मैनेजमेंट के लिए कोई सिस्टम नहीं है ,न हीं क्राउड मैनेजमेंट एक्सपर्ट एवं पर्याप्त संख्या में सुरक्षा अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद है, इतने लोगों के बीच अगर कोई अप्रिय घटना ,भगदड़ जैसी घटना होती है जिसे कंट्रोल करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है।
जिस पर्यटन स्थल पर लाखों लोग इकट्ठा होते हैं वहां लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा की दृष्टि से एंबुलेंस एवं डॉक्टर की टीम होना चाहिए जो कि यहां मौजूद नहीं है इसे देखते हुए लाखों लोगों के स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा की दृष्टि से कितनी लापरवाही बरती जा रही है, इस संबंध में हमने महाकाल लोक के संचालन और संधारण अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
महाकाल लोक में शसस्त्र सुरक्षा बल तैनात करने की आवश्यकता भी है इसकी आवश्यकता इसलिए भी महसूस हो रही है क्योंकि करोड़ों की लागत से बने महाकाल लोग की सुरक्षा चंद निहत्थे कर्मचारियों के हवाले हैं, दीपावली के बाद महाकाल लोक में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा आसपास के क्षेत्रों से पत्थरबाजी की गई और पत्थरबाजी में फेंके गए पत्थर महाकाल लोक प्रांगण में देखे गए, इस बात को दबी जुबान में महाकाल लोक के जिम्मेदार आला अधिकारी द्वारा स्वीकार किया गया है लेकिन शांति और सौहार्द की स्थिति बनी रहे इसको दृष्टिगत रखते हुए घटना को दबा दिया गया लेकिन ऐसे में सवाल यह उठता है कि शांति और सौहार्द बनी रहे इसके लिए क्या उज्जैन प्रशासन एवं महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन , महाकाल लोक की सुरक्षा के साथ समझौता कर रहा है?, क्योंकि अगर महाकाल लोक में पत्थरबाजी हुई है तो इसको दबाने की कोशिश क्यों और किसके द्वारा की गई?, पत्थरबाजी की घटना को अंजाम देने वाले असामाजिक तत्व कौन हैं और कौन इन्हें बचा रहा है?, और घटना पर लीपापोती करने वाले अधिकारियों पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की आवश्यकता है, जरूरत इस बात की है कि इस घटना की मध्य प्रदेश सरकार द्वारा व्यापक जांच की जाए, और महाकाल लोक में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए महाकाल लोक में सशस्त्र सुरक्षा बल तैनात किए जाएं।
