भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून

0 minutes, 0 seconds Read
Spread the love


भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी अपने घोषणा पत्र में समान नागरिक संहिता को शामिल किया था, 2024 लोकसभा चुनाव से पूर्व हो सकता है, इसे पूरे देश में लाया जाए।
गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड की तरह राज्य में समान नागरिक संहिता लाने की तैयारी हो रही है ,इसी के लिए कमेटी के गठन को मंजूरी दी गई है। इस कमेटी की अध्यक्षता हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे।
गुजरात में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए समिति के गठन को कैबिनेट की हरी झंडी मिल गई है, इसके लिए सभी पहलुओं का मूल्यांकन करने के लिए उत्तराखंड की तरह एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तहत एक समिति गठित होगी, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि समिति सेवानिवृत्त हाईकोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में होगी और इसमें तीन से चार सदस्य होंगे।
यूनिफार्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता का मतलब है कि सभी नागरिकों के लिए एक समान नियम। यानी भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होगा, फिर वह चाहे किसी भी धर्म या जाति का हो। इसके लागू होने पर शादी, तलाक, जमीन जायदाद के बंटवारे सभी में एक समान ही कानून लागू होगा, जिसका पालन सभी धर्मों के लोगों को करना अनिवार्य होगा। यूनिफार्म सिविल कोड भाजपा के एजेंडे में शामिल था।


Spread the love

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *