श्रद्धालुओं पर मढ़ा जा रहा है,अव्यवस्थाओं का ठीकरा महाकाल के दर पर पेसेवालों का बोलबाला

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श्रद्धालुओं पर मढ़ा जा रहा है,अव्यवस्थाओं का ठीकरा
महाकाल के दर पर पेसेवालों का बोलबाला
उज्जैन, पिछले 3 दिनों से महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं के साथ खुलेआम भेदभाव किया जा रहा है आलम यह है कि श्रद्धालुओं को कार्तिकेय मंडपम अर्थात फर्स्ट फ्लोर पर लगे शीशे से ही श्रद्धालुओं को बाबा महाकाल के बमुश्किल दीदार हो पा रहे हैं, वहीं दूसरी और महाकाल के दरबार में पैसे और रुतबे का बोलबाला जोरों पर है आलम यह है कि ₹250 की रसीद कटवाने वाले श्रद्धालुओं को गणेश मंडप अर्थात नंदीहाल के पीछे लगे बैरिकेट्स से दर्शन कराए जा रहे हैं जबकि 1500 की रसीद कटाने पर गर्भ ग्रह में प्रवेश दिया जा रहा है, गर्भ ग्रह में भी प्रवेश करने वालों की संख्या इतनी अधिक है की आम जनता को कार्तिकेय मंडपम अर्थात फर्स्ट फ्लोर से बाबा महाकाल की एक झलक भी आम श्रद्धालुओं को नहीं दिख रही है, जबकि प्रोटोकॉल और वीआईपी प्रोटोकोल के आलम यह है कि नंदीहाल एवं गर्भ ग्रह में धड़ल्ले से एंट्री हो रही है और उसके बाद वीआईपी एवं वीवीआइपी का सेल्फी एवं फोटो सेशन नंदीहाल में होता है, जिसके कारण से कार्तिकेय मंडपम से आम श्रद्धालु के दर्शन तो दूर की बात है ,₹250 देकर गणेश मंडपम से दर्शन करने वाले श्रद्धालु भी बाबा महाकाल के दर्शन करने से वंचित हो रहे हैं, जिम्मेदार इन अव्यवस्थाओं का ठीकरा श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या पर फोड़ रहे हैं।
महाकाल प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि भारत के विभिन्न राज्यों से विशेषकर गुजरात से अधिक संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के कारण महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या अचानक बढ़ गई है और महाकाल लोक को देखने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है जिसके चलते महाकालेश्वर मंदिर एवं महाकाल लोक में क्राउड बढ़ गया है जिसके चलते थोड़ी असुविधाएं हो रही है।
स्थानीय प्रशासन एवं महाकाल मंदिर प्रशासन की माने तो उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण के पश्चात अचानक श्रद्धालुओं की संख्या में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है लेकिन क्या वास्तविक में महाकालेश्वर मंदिर एवं महाकाल लोक में फैली अव्यवस्थाओं का ठीकरा श्रद्धालुओं की बढ़ोतरी पर फोड़ना जायज है क्योंकि जानकारों का मानना है कि जब तक महाकालेश्वर मंदिर से वीआईपी एवं टिकट से दर्शन करने की व्यवस्था पर जब तक। नहीं लगेगा तब तक महाकालेश्वर मंदिर की व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए सुलभ हो पाना मुश्किल है व्यवस्था के अभी यह हाल हैं ऐसे में सिंहस्थ पर्व पर उज्जैन में आने वाले लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं के आने पर व्यवस्था के क्या हाल होंगे इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है।
वास्तविकता जनता और श्रद्धालुओं की जुबानी यह है कि महाकालेश्वर मंदिर में जहां पैसेवालों का और बाहुबलीयों का बोलबाला है, पैसा देकर टिकट खरीद कर या वीआईपी प्रोटोकॉल वाले श्रद्धालुओं को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है और आम श्रद्धालु कार्तिकेय मंडपम के फर्स्ट फ्लोर में लगे शीशे मे से भी बाबा महाकाल के दर्शन नहीं कर पा रहा है।
बात करते हैं महाकाल लोक की, महाकाल लोक में चारों तरफ अव्यवस्था फैली हुई है ,हजारों लोगों को जाने और आने का एक ही मार्ग है जिसके कारण से महाकाल लोक कार्तिक मेले जैसा प्रतीत होने लगा है ,बात करें अंदर की अव्यवस्था की तो श्रद्धालुओं को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा है, पूरे महाकाल लोक में पीने के पानी की कोई व्यवस्था महाकाल मंदिर प्रशासन की ओर से नहीं की गई है जिसके कारण से महिलाएं बच्चे परेशान होते दिखाई दे रहे हैं, महाकाल लोक में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए शौचालय की व्यवस्था भी गड़बड़ा गई है और शौचालय की अव्यवस्था के चलते विशेषकर महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बहर हाल नवागत अतिरिक्त प्रभार महाकाल प्रशासक एवं विकास प्राधिकरण सीईओ संदीप सोनी द्वारा महाकालेश्वर मंदिर दर्शन व्यवस्था एवं महाकाल लोक दोनों की अव्यवस्थाओं का ठीकरा श्रद्धालुओं की अधिक संख्या का ढाल बनाकर फोड़ा रहे हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की माने तो इन अव्यवस्थाओं को सुचारू बनाने में नवागत महाकाल प्रशासक संदीप सोनी को अभी और समय लगेगा, लेकिन इन सब परिस्थितियों से रूबरू होने वाले सामान्य श्रद्धालु अपने साथ एक कटु अनुभव ले जा रहे हैं और कहीं ना कहीं इससे महाकालेश्वर मंदिर की छवि प्रभावित हो रही है।


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