
दुर्गम रास्ते बन रहे हैं महाकाल लोक में अव्यवस्थाओं का कारण
महाकाल लोक में जाने और आने का एक ही मार्ग और उससे फैली चहूं और अव्यवस्थाएं
उज्जैन, करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट महाकाल लोक से उज्जैन की जनता को रोजगार मिलना तो दूर, महाकाल लोक परियोजना में रास्तों की दूरदर्शिता की कमी की वजह से लाखों की संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालु हो रहे हैं असुविधा का शिकार, महाकाल लोक में पहुंचने का सुलभ मार्ग नहीं बनाए जाने के कारण से चारों ओर अवस्थाएं फैली हुई है आलम यह है कि महाकाल लोक में श्रद्धालुओं के जाने और आने का एक ही रास्ता होने से महाकाल लोक में हजारों लोगों का हुजूम एक जगह इकट्ठा हो जाता है और चारों तरफ अफरा-तफरी की स्थिति बनी रहती है, प्रशासन को क्राउड कंट्रोल करना चुनौती का विषय बन चुका है, पार्किंग स्थल भी छोटा पड़ने लगा है जहां गाड़ी पार्क करने और वापस जाने के लिए भी एक ही मार्ग है जिसके कारण से अमूमन वहां चक्का जाम की स्थिति बनी हुई रहती है।
महाकाल प्रशासक संदीप सोनी ने इस संबंध में बताया कि महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद महाकाल मंदिर में जाने का रास्ता श्रद्धालुओं को महाकाल लोक की ओर से कर दिया गया है ऐसे में महाकाल लोक में ज्यादा क्राउड हो जाता है चूंकि महाकालेश्वर मंदिर के आसपास कार्य प्रगति पर है इसलिए इस प्रकार की समस्याएं हो रही हैं व्यवस्थाओं में सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है थोड़े ही दिनों में बदलाव नजर आएगा।
आइए महाकाल लोक पहुंचने के मार्गों को विस्तृत रूप से समझते हैं,
प्रमुख रूप से हरी फाटक ओवर ब्रिज, इंदौर रोड से हरी फाटक ओवर ब्रिज से होते हुए त्रिवेणी संग्रहालय के समीप पार्किंग स्थल तक यात्रियों को पहुंचाया जाता है, ब्रिज की चौड़ाई कम होने की वजह से आम दिनों में ही चक्का जाम की स्थिति इस रास्ते पर बनी हुई रहती थी लेकिन महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद इस मार्ग पर अमूमन हर वक्त जाम की स्थिति बनी हुई रहती है।
दूसरा मार्ग इंदौर रोड़ से जंतर मंतर होते हुए जयसिंह पुरा की ओर से भी महाकाल लोक तक पहुंचा जा सकता है लेकिन इस रास्ते पर एक रेलवे फाटक आता है एवं फाटक बंद होने की स्थिति में यहां जाम लगा हुआ रहता है।
महाकाल लोग पहुंचने का एक मार्ग और है, जिसमें इंदौर रोड से हरी फाटक ब्रिज पर चढ़कर बेगम बाग होते हुए भारत माता मंदिर के पीछे बनी पार्किंग तक पहुंचा जा सकता है लेकिन अभी इस रास्ते पर निर्माण कार्य चल रहा है और बेगम बाग का रास्ता भी बहुत सकरा होने की वजह से यहां जाम की स्थिति बनी हुई रहती है।
आपको बता दें कि महाकाल लोक योजना के अंतर्गत हरी फटक ओवर ब्रिज की चारों भुजाओं का विस्तार करके फोरलेन ब्रिज बनाया जाना था लेकिन मुआवजा राशि में कमी और रेलवे से सहमति नहीं बनने का हवाला देकर इस योजना को स्थगित कर दिया गया नतीजा यह है कि चारों तरफ जाम की स्थिति बनी हुई रहती है और अरबों रुपए की लागत से बने महाकाल लोक में जाने के लिए श्रद्धालुओं को सुलभ मार्ग नहीं मिल पाया है।
बता दें कि जयसिंह पुरा रेलवे फाटक की समस्या को देखते हुए अथर्व होटल के पास से रेलवे पर ब्रिज बना कर नरसिंह घाट जाने का मार्ग से मिला दिया जाएगा, इस तरह की योजना शासन प्रशासन द्वारा बनाई जा रही है ताकि श्रद्धालुओं को सीधे हरसिद्धि मंदिर की ओर से महाकाल मंदिर तक लाया जा सके।
बहर हाल सिंहस्थ में अभी समय है और समय रहते महाकाल लोक पहुंच मार्ग को सुलभ बनाने के शासन प्रशासन के नुमाइंदों द्वारा उपाय किए जाते हैं तभी सिंहस्थ के समय करोड़ों श्रद्धालुओं को सुलभता पूर्वक महाकाल लोक एवं महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन हो पाएंगे।
