मोदी ने बेपर्दा की निगम अधिकारियों की काली कारगुजारी

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मोदी ने बेपर्दा की निगम अधिकारियों की काली कारगुजारी
10 लाख जनसंख्या पर एक बस, बहोत नाइंसाफी है
नवागत नगर निगम कमिश्नर रोशन कुमार सिंह से उज्जैन की जनता, नगर निगम के इन भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई करने की अपेक्षा
उज्जैन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए आगमन को लेकर पिछले एक महीने से तैयारियां हो रही थी जिसमें करोड़ों रुपए लगाकर शहर के उन हिस्सों की रंगत ताबड़तोड़ बदल दी गई जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला गुजरना था, प्रधानमंत्री के चलते की गई तैयारियों में नगर निगम उज्जैन के चालाक और चतुर अधिकारियों की कारगुजारी बेपर्दा हो गई, जहां बरसों बरस पहले नगर निगम उज्जैन ने एक प्राइवेट कंपनी से अनुबंध करके करोड़ों रुपए के आधुनिक बस स्टॉप बनाए थे ,जिसमें सिटी बस के आने और जाने की समय सारणी एलईडी स्क्रीन पर दिखाई देती थी और एलईडी स्क्रीन पर कई कंपनियों के विज्ञापन भी दिखाई देते थे ,अब वह नौ मन तेल रहा ही नहीं लेकिन की निगम अधिकारियों ने प्रधानमंत्री के सामने वहां राधा नचाने का नाटक किया ,” ना नौ मन तेल होगा और ना राधा नाचेगी” इस कहावत का इस्तेमाल यहां इसलिए किया गया है क्योंकि सिंहस्थ 2016 में उज्जैन में आधुनिक सिटी बस चला करती थी और उसके लिए आधुनिक बस स्टॉप भी बनाए गए थे लेकिन सिटी बसें नगर निगम के अधिकारियों की काली कारगुजारी के चलते भंगार हो गई और आधुनिक बस स्टॉप भी भंगार हो चुके हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले के बीच यह भंगार बस स्टॉप आ रहे थे, जिसे देखते हुए नगर निगम के चालक और चतुर भ्रष्टाचारी अधिकारियों ने आनन-फानन में बस स्टॉप की रिपेयरिंग करके पुनः पहले जैसा दिखाने की कोशिश की, लेकिन प्रधानमंत्री जी को क्या पता है कि स्मार्ट सिटी उज्जैन में उनके काफिला के बीच जो आधुनिक बस स्टॉप नजर आ रहे हैं वह सिर्फ नाम के रह गए हैं क्योंकि अब यहां बरसों से कोई बस आकर नहीं रुकती, सिंहस्थ 2016 के समय उज्जैन नगर निगम के पास करीब 100 सिटी बसें थी, लेकिन वर्तमान में लगभग सभी सिटी बसें नगर निगम के भ्रष्टाचारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई और यह भ्रष्टाचार नगर निगम के अधिकारियों ने ही किया, इसका खुलासा भी खुद नगर निगम के उज्जैन कमिश्नर ने ही किया, जिसके चलते नगर निगम कमिश्नर अंशुल गुप्ता ने नगर निगम के तीन अधिकारियों को सिटी बस मामले में नगर निगम को ढाई करोड़ रुपए से अधिक की राजस्व हानि पहुंचाने के मामले में नोटिस दिया था लेकिन भ्रष्टाचारी नगर निगम के अधिकारियों की ऊंची पहुंच की दाद देनी पड़ेगी, जिसके चलते नगर निगम के कमिश्नर के द्वारा दिए गए कई महीने पहले नोटिस के बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई ,नगर निगम के तीनों अधिकारी आज भी नगर निगम की कुर्सी पर काबिज है और उनकी कारगुजारी वर्तमान में किस तरह की होगी,यह उपरोक्त विषय से आपको अंदाजा हो गया होगा , नगर निगम के इन भ्रष्टाचारी अधिकारियों की पहुंच इतनी ऊंची है की बजाय इन पर कार्रवाई होने के खुद नगर निगम कमिश्नर को आनन-फानन में तुरंत प्रभाव से रातो रात यहां से रवाना कर दिया गया और जिसके बाद इन भ्रष्टाचारी अधिकारियों ने नगर निगम में पटाखे फोड़ कर खुशियां मनाई क्योंकि इन पर अंकुश लगाने वाले अधिकारी अंशुल को इन्होंने अपनी बाहुबली पहुंच के चलते यहां से चलता कर दिया ।

बता दें कि नगर निगम की सिटी बसों का संचालन एवं संधारण करने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से तीन अधिकारियों सुनील जैन , प्रभारी महाप्रबंधक उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड नगर निगम , विजय गोयल , प्रभारी उप महाप्रबंधक उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड नगर निगम, पवन कुमार लोढ़ा, प्रभारी सहायक महाप्रबंधक उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लमिटेड नगर निगम को सौंपी गई थी, सिटी बस के संचालन और संधारण में कई अनियमितताएं उपरोक्त तीनों अधिकारी द्वारा की गई ऐसा पाया गया है जिसके चलते नगर निगम उज्जैन को करोड़ों रुपए की राजस्व हानि हुई ।
दरअसल नगर निगम को 89 सिटी बसें जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन योजना के तहत मिली थी इसका संचालन अर्थ कनेक्टिविटी द्वारा 2015 अनुबंध के तहत किया गया लेकिन कनेक्टिविटी के संचालक एवं नगर निगम के उपरोक्त अधिकारियों की मिलीभगत के चलते नगर निगम को कई करोड़ की राजस्व हानि पहुंचाई गई इसके बाद कंपनी को ब्लैक लिस्ट में घोषित कर दिया गया जिससे नगर निगम को करोड़ों रुपए की राजस्व हानि हुई,

वर्तमान में सिटी बसों के हालात यह है कि 89 सिटी बसों में से 10 सिटी बस भी चलने की हालत में नहीं है बावजूद इसके नियमों को ताक पर रखते हुए नगर निगम के अधिकारियों ने विनायक टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी को 25 सिटी बसें चलाने का टेंडर पास कर दिया लेकिन हालात यह है कि 25 में से 10 सिटी बस भी चलने की हालत में नहीं है शुरुआती दौर में 5 से 6 सिटी बस संचालन कंपनी द्वारा शुरू की गई जिसमें भी अनियमितताएं की गई सिटी बस शहर में ना चल कर ग्रामीण क्षेत्रों में चलाई जा रही है।
बहर हाल नगर निगम के इन भ्रष्टाचारी अधिकारियों की कारगुजारी के चलते लगभग 10 लाख उज्जैन शहर की जनसंख्या के बीच सिर्फ एक सिटी बस चल रही है वह भी सिर्फ नानाखेड़ा से देवास गेट के बीच , इससे स्पष्ट है कि नगर निगम के अधिकारियों की कारगुजारी के चलते नगर निगम सिटी बस के मामले में तबाह और बर्बाद हो गया बावजूद इन भ्रष्ट अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन इनकी चालक चतुराई देखिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आधुनिक बस स्टाफ को रंग रोगन करके यह दिखाने की कोशिश की गई कि उज्जैन शहर की जनता आधुनिक सिटी बस एवम सिटी बस स्टॉप से सुसज्जित है,नवागत नगर निगम कमिश्नर रोशन कुमार सिंह से उज्जैन की जनता, नगर निगम के इन भ्रष्ट अधिकारियों पर इन की काली कारगुजारी के लिए कार्रवाई करने की अपेक्षा है।


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